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घोसी-गाजीपुर में क्या बसपा दोहराएगी 2019 का रिजल्ट, देखें रिपोर्ट - UP Lok Sabha Election 2024

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस इरादे से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था कि भारतीय जनता पार्टी के एनडीए गठबंधन को मात दे देंगे, लेकिन ऐसा हुआ बिल्कुल नहीं. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 64 लोकसभा सीटें जीत लीं थीं. जबकि सपा बसपा के गठबंधन को सिर्फ 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

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घोसी-गाजीपुर में क्या बसपा दोहराएगी 2019 का रिजल्ट (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 28, 2024, 7:53 PM IST

Updated : May 28, 2024, 8:14 PM IST

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 अब खात्मे की तरफ है. एक जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान है. इसमें यूपी की 13 सीटों पर मतदान होना है. 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन 13 सीटों में से बहुजन समाज पार्टी का हाथी दो सीटों पर तेजी से दौड़ा था.

बहुजन समाज पार्टी को घोसी और गाजीपुर सीट पर जीत हासिल हुई थी. इस बार बहुजन समाज पार्टी के सामने इतिहास दोहराने की बड़ी चुनौती है. गाजीपुर से बसपा ने जिस चेहरे पर पिछला चुनाव जीता था, वही इस बार भी मैदान में है लेकिन, बसपा से नहीं बल्कि सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

गाजीपुर लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी.
गाजीपुर लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

अफजाल अंसारी इस बार इंडी गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर उमेश सिंह को मैदान में उतारा है. घोसी लोकसभा सीट पर बसपा ने बालकृष्ण चौहान को टिकट दिया है.

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस इरादे से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था कि भारतीय जनता पार्टी के एनडीए गठबंधन को मात दे देंगे, लेकिन ऐसा हुआ बिल्कुल नहीं. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 64 लोकसभा सीटें जीत लीं थीं. जबकि सपा बसपा के गठबंधन को सिर्फ 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

उसमें भी समाजवादी पार्टी के हिस्से सिर्फ अपना परिवार ही आया. यानी पार्टी पांच सीट ही जीत सकी. बहुजन समाज पार्टी को निश्चित तौर पर गठबंधन का लाभ मिला था. 2014 में एक भी सीट न जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी 10 सीटें जीत गई.

इस बार बसपा उत्तर प्रदेश में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रही है, जबकि विधानसभा चुनाव 2022 अकेले लड़कर आजमा चुकी बहुजन समाज पार्टी की हालत खस्ता हो चुकी है. 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट ही बसपा जीत पाई थी.

घोसी लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी.
घोसी लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

ऐसे में लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ना बसपा के लिए चुनौती भरा साबित हो रहा है. देश भर में छह चरण का लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है और अब सातवें और आखिरी चरण के लिए एक जून को वोट डाले जाएंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में सातवें चरण की उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी इनमें से दो सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.

बहुजन समाज पार्टी ने 2019 में घोसी लोकसभा सीट जीतकर भारतीय जनता पार्टी के अरमानों पर पानी फेर दिया था. अतुल राय बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी थे उन्हें इस सीट पर 573829 वोट मिले थे कल 50.54% वोट अतुल राय ने हासिल किए थे.

दूसरी सीट गाजीपुर लोकसभा सीट थी जो भारतीय जनता पार्टी की लहर में भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन बचाने में सफल हो गया. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अफजाल अंसारी चुनाव मैदान में थे और उन्होंने इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी.

अफजाल अंसारी को 5,66,082 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के मनोज सिन्हा को 4,46,690 मत प्राप्त हुए थे. अफजाल अंसारी को कुल वोट का 51.52 फीसद तो मनोज सिन्हा को 40.5 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

इस बार लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का किसी से गठबंधन नहीं है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ रहे हैं. मुकाबला 13 सीटों में शामिल इन दोनों सीटों पर भी बेहद दिलचस्प है.

बहुजन समाज पार्टी से सांसद रहे अफजाल अंसारी इस बार सपा कांग्रेस के साझा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं. बसपा की राहें गाजीपुर और घोसी सीटों पर मुश्किल नजर आ रही है. शेष सीटों पर भी बसपा का कोई वर्चस्व नहीं रहा है.

ये भी पढ़ेंः घोसी से बसपा सांसद अतुल राय ने कोर्ट में लगाई गुहार, कहा- मेरी जान को खतरा, मुझे जेल भेज दीजिए

ये भी पढ़ेंः बगावती तेवर की बलिया; पूर्व PM चंद्रशेखर 8 बार जीते, क्या BJP के टिकट पर बेटे नीरज साध पाएंगे बिगड़े जातीय समीकरण

ये भी पढ़ेंः मोदी-योगी क्या तोड़ पाएंगे गाजीपुर-घोसी का चक्रव्यूह? दोनों सीटों पर अब तक मुश्किल से ही खिला कमल

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 अब खात्मे की तरफ है. एक जून को सातवें और अंतिम चरण का मतदान है. इसमें यूपी की 13 सीटों पर मतदान होना है. 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन 13 सीटों में से बहुजन समाज पार्टी का हाथी दो सीटों पर तेजी से दौड़ा था.

बहुजन समाज पार्टी को घोसी और गाजीपुर सीट पर जीत हासिल हुई थी. इस बार बहुजन समाज पार्टी के सामने इतिहास दोहराने की बड़ी चुनौती है. गाजीपुर से बसपा ने जिस चेहरे पर पिछला चुनाव जीता था, वही इस बार भी मैदान में है लेकिन, बसपा से नहीं बल्कि सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.

गाजीपुर लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी.
गाजीपुर लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

अफजाल अंसारी इस बार इंडी गठबंधन से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर उमेश सिंह को मैदान में उतारा है. घोसी लोकसभा सीट पर बसपा ने बालकृष्ण चौहान को टिकट दिया है.

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस इरादे से हाथ मिलाकर चुनाव लड़ा था कि भारतीय जनता पार्टी के एनडीए गठबंधन को मात दे देंगे, लेकिन ऐसा हुआ बिल्कुल नहीं. 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 64 लोकसभा सीटें जीत लीं थीं. जबकि सपा बसपा के गठबंधन को सिर्फ 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.

उसमें भी समाजवादी पार्टी के हिस्से सिर्फ अपना परिवार ही आया. यानी पार्टी पांच सीट ही जीत सकी. बहुजन समाज पार्टी को निश्चित तौर पर गठबंधन का लाभ मिला था. 2014 में एक भी सीट न जीतने वाली बहुजन समाज पार्टी 10 सीटें जीत गई.

इस बार बसपा उत्तर प्रदेश में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ रही है, जबकि विधानसभा चुनाव 2022 अकेले लड़कर आजमा चुकी बहुजन समाज पार्टी की हालत खस्ता हो चुकी है. 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट ही बसपा जीत पाई थी.

घोसी लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी.
घोसी लोकसभा सीट के प्रमुख प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

ऐसे में लोकसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ना बसपा के लिए चुनौती भरा साबित हो रहा है. देश भर में छह चरण का लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुका है और अब सातवें और आखिरी चरण के लिए एक जून को वोट डाले जाएंगे. 2019 के लोकसभा चुनाव में सातवें चरण की उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों की बात करें तो बहुजन समाज पार्टी इनमें से दो सीटें जीतने में कामयाब हुई थी.

बहुजन समाज पार्टी ने 2019 में घोसी लोकसभा सीट जीतकर भारतीय जनता पार्टी के अरमानों पर पानी फेर दिया था. अतुल राय बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी थे उन्हें इस सीट पर 573829 वोट मिले थे कल 50.54% वोट अतुल राय ने हासिल किए थे.

दूसरी सीट गाजीपुर लोकसभा सीट थी जो भारतीय जनता पार्टी की लहर में भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन बचाने में सफल हो गया. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर अफजाल अंसारी चुनाव मैदान में थे और उन्होंने इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराकर जीत हासिल की थी.

अफजाल अंसारी को 5,66,082 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के मनोज सिन्हा को 4,46,690 मत प्राप्त हुए थे. अफजाल अंसारी को कुल वोट का 51.52 फीसद तो मनोज सिन्हा को 40.5 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

इस बार लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी का किसी से गठबंधन नहीं है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ रहे हैं. मुकाबला 13 सीटों में शामिल इन दोनों सीटों पर भी बेहद दिलचस्प है.

बहुजन समाज पार्टी से सांसद रहे अफजाल अंसारी इस बार सपा कांग्रेस के साझा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं. बसपा की राहें गाजीपुर और घोसी सीटों पर मुश्किल नजर आ रही है. शेष सीटों पर भी बसपा का कोई वर्चस्व नहीं रहा है.

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Last Updated : May 28, 2024, 8:14 PM IST
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