कानपुर: कुछ दिनों पहले शहर के जिम्मेदार अफसरों ने देखा था कि कैसे सीसामऊ नाले का दूषित पानी सीधे गंगा में गिर रहा है. वहीं, अब सोमवार को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने करोड़ों खर्च कर टैप किए गए बाबा घाट व टैफ्को नाले का निरीक्षण किया तो वह हैरान रह गए. ये दोनों नाले खुले मिले. दोनों नालों का पानी सीधे गंगा में जाता दिखा.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्राधिकारी अमित मिश्रा ने इसकी वीडियोग्राफी कराई. वहीं फौरन ही पूरी जानकारी मुख्यालय से लेकर डीएम व नगर आयुक्त को भी दी. उनका कहना था कि जो जिम्मेदार कंपनी नालों की टैपिंग का काम देख रही है, उसकी ओर से पूरी तरीके से लापरवाही बरती गई है.
टैपिंग के नाम पर करोड़ों खर्च: शहर में छोटे-बड़े कई ऐसे नाले हैं जिनका गंदा पानी सीधे गंगा में पिछले काफी समय से जा रहा है. जल निगम, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण इकाई,नगर निगम समेत कई ऐसे अन्य जिम्मेदार विभाग भी हैं, जिनकी ओर से सालों से नालों की टैपिंग का काम किया जा रहा है. हकीकत में कई नालों को केवल कागजों में टैप किया गया है. सरकार टैपिंग के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है.
60 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था: बता दें कि शहर में दो साल पहले 60 करोड़ का प्रोजेक्ट सरकार लाई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत सीसामऊ, बाबा घाट, टैफ्को समेत 5 से अधिक नालों को टैप किया गया गया था. इसका उद्देश्य गंगा में गंदगी जाने से रोकना था. इन्हीं में दो नाले अब खुले मिले हैं.
सीएम योगी अक्सर कहते नाले टैप हो चुकेः जब-जब सीएम योगी कानपुर आते हैं वह भी मंच से यही कहते हैं कि कानपुर के अधिकतर नालों को टैप किया जा चुका है. शायद उन्हें कानपुर के अफसरों ने यही बता रखा है. हकीकत में कई नाले कागजों पर ही टैप हैं, असल में गंदा पानी गंगा को अभी भी मैला कर रहा है.
डीएम क्या बोले: इस पूरे मामले पर डीएम राकेश कुमार सिंह का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले अफसरों की क्लास लगेगी. सभी से अब स्पष्टीकरण लिया जाएगा.