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यूपी में मनचलों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब; 19 लाख बहन-बेटियों को सेल्फ डिफेंस की मिली ट्रेनिंग

UTTAR PRADESH MISSION SHAKTI: घरेलू हिंसा, यौन हिंसा व छेड़छाड़ जैसे अपराधों के प्रति महिलाओं-बच्चियों को शसक्त बनाने का लक्ष्य, योगी सरकार सिखा रही आत्मरक्षा का हुनर

लाखों लड़कियों ने ली आत्मरक्षा की ट्रेनिंग.
लाखों लड़कियों ने ली आत्मरक्षा की ट्रेनिंग. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 8:00 AM IST

Updated : Oct 15, 2024, 1:15 PM IST

लखनऊ : यूपी सरकार की ओर से परिषदीय बालिकाओं को सशक्त बनाने के मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है. 'वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण' कार्यक्रम के तहत लाखों बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा चुके हैं. सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि अभी कई लाख बालिकाओं ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा रखा है.

9 लाख से अधिक बालिकाओं को मिला प्रशिक्षण : सरकार ने पिछले सत्र यानी 2023-24 में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए कुल 24 लाख 08 हजार 736 बालिकाओं को पंजीकृत किया था. इसके माध्यम से 16 लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा चुके हैं. सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर और समाज में अपनी सुरक्षा को लेकर सशक्त बनाना है. इस वर्ष नवरात्र में भी सरकार ने इस पहल को जारी रखा और मिशन शक्ति के पांचवें चरण के अंतर्गत 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के मध्य 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

लाखों लड़कियों ने कराया था ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण.
लाखों लड़कियों ने कराया था ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण. (Photo Credit; ETV Bharat)

इन बातों की दी गई जानकारी : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि विभाग के माध्यम से इस सत्र में 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं और समुदाय के साथ बाल अधिकार, सुरक्षा-संरक्षा, घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, छेड़छाड़, सेफ-अनसेफ टच, हेल्प लाइन नंबर्स, बाल विवाह के नुकसान जैसी जानकारी साझा की गईं हैं. सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक नवरात्र के पहले दिन यानी 03 अक्टूबर को 6 लाख 72 हजार 840 बालिकाओं को जागरूक/ प्रशिक्षित किया गया. जबकि 04 अक्टूबर को जागरुक/प्रशिक्षित की जानें वाली बालिकाओं की संख्या 01 लाख 91 हजार 969 रही. ऐसे ही 05 अक्टूबर को 01 लाख 56 हजार 472, 06 अक्टूबर को 77 हजार 503, 07 अक्टूबर को 02 लाख 08 हजार 923, 08 अक्टूबर को 01 लाख 30 हजार 924, 09 अक्टूबर को 04 लाख 934 और 10 अक्टूबर को 01 लाख 10 हजार 652 बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा चुका है.

मिशन शक्ति बढ़ा रही आत्मविश्वास.
मिशन शक्ति बढ़ा रही आत्मविश्वास. (Photo Credit; ETV Bharat)

यह है उद्देश्य : बालिकाओं को आत्मरक्षा में सक्षम व स्वयं के प्रति सशक्त बनाना, महिला एवं बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानूनों, प्रावधानों के बारे में बालिकाओं की समझ विकसित करना, महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु संचालित विभिन्न हेल्पलाइन की सेवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना, बालिकायें आत्मरक्षा की विधाओं को सीखने के उपरांत अन्य बालिकाओं को भी जागरूक करने में सक्षम हो सकें, बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए माहौल बनाना, असुरक्षा के कारण शिक्षा से वंचित होने वाली बालिका की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करना.

यह भी पढ़ें : यूपी की इन 76000 बेटियों को रेलवे-रोडवेज भर्ती में प्राथमिकता, Bed दाखिले में भी राहत

यूपी में मनचलों को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब; 19 लाख बहन-बेटियों को सेल्फ डिफेंस की मिली ट्रेनिंग

लखनऊ : यूपी सरकार की ओर से परिषदीय बालिकाओं को सशक्त बनाने के मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है. 'वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण' कार्यक्रम के तहत लाखों बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा चुके हैं. सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जबकि अभी कई लाख बालिकाओं ने प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा रखा है.

9 लाख से अधिक बालिकाओं को मिला प्रशिक्षण : सरकार ने पिछले सत्र यानी 2023-24 में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए कुल 24 लाख 08 हजार 736 बालिकाओं को पंजीकृत किया था. इसके माध्यम से 16 लाख से अधिक बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा चुके हैं. सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर और समाज में अपनी सुरक्षा को लेकर सशक्त बनाना है. इस वर्ष नवरात्र में भी सरकार ने इस पहल को जारी रखा और मिशन शक्ति के पांचवें चरण के अंतर्गत 3 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के मध्य 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

लाखों लड़कियों ने कराया था ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण.
लाखों लड़कियों ने कराया था ट्रेनिंग के लिए पंजीकरण. (Photo Credit; ETV Bharat)

इन बातों की दी गई जानकारी : बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का कहना है कि विभाग के माध्यम से इस सत्र में 19 लाख 50 हजार 216 बालिकाओं और समुदाय के साथ बाल अधिकार, सुरक्षा-संरक्षा, घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, छेड़छाड़, सेफ-अनसेफ टच, हेल्प लाइन नंबर्स, बाल विवाह के नुकसान जैसी जानकारी साझा की गईं हैं. सत्र 2024-25 में अब तक 4.90 लाख बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है.

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक नवरात्र के पहले दिन यानी 03 अक्टूबर को 6 लाख 72 हजार 840 बालिकाओं को जागरूक/ प्रशिक्षित किया गया. जबकि 04 अक्टूबर को जागरुक/प्रशिक्षित की जानें वाली बालिकाओं की संख्या 01 लाख 91 हजार 969 रही. ऐसे ही 05 अक्टूबर को 01 लाख 56 हजार 472, 06 अक्टूबर को 77 हजार 503, 07 अक्टूबर को 02 लाख 08 हजार 923, 08 अक्टूबर को 01 लाख 30 हजार 924, 09 अक्टूबर को 04 लाख 934 और 10 अक्टूबर को 01 लाख 10 हजार 652 बालिकाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जा चुका है.

मिशन शक्ति बढ़ा रही आत्मविश्वास.
मिशन शक्ति बढ़ा रही आत्मविश्वास. (Photo Credit; ETV Bharat)

यह है उद्देश्य : बालिकाओं को आत्मरक्षा में सक्षम व स्वयं के प्रति सशक्त बनाना, महिला एवं बालिकाओं के प्रति अपराधों से संबंधित कानूनों, प्रावधानों के बारे में बालिकाओं की समझ विकसित करना, महिला एवं बालिकाओं की सुरक्षा हेतु संचालित विभिन्न हेल्पलाइन की सेवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना, बालिकायें आत्मरक्षा की विधाओं को सीखने के उपरांत अन्य बालिकाओं को भी जागरूक करने में सक्षम हो सकें, बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए माहौल बनाना, असुरक्षा के कारण शिक्षा से वंचित होने वाली बालिका की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करना.

यह भी पढ़ें : यूपी की इन 76000 बेटियों को रेलवे-रोडवेज भर्ती में प्राथमिकता, Bed दाखिले में भी राहत

Last Updated : Oct 15, 2024, 1:15 PM IST
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