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कोलकाता रेप केस के बाद महिला सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार अलर्ट, ऑफिस में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निर्देश जारी - Kolkata Rape Case - KOLKATA RAPE CASE

उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में कार्यरत महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने को कहा गया है.

महिला सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार अलर्ट
महिला सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार अलर्ट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 22, 2024, 8:35 PM IST

Updated : Aug 22, 2024, 10:26 PM IST

लखनऊ: कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद अब वर्किंग स्पेस में महिला सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य के गृह विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए प्रमुख सचिव, विभाग के अध्यक्षों, डीजीपी, एसपी और डीएम को पालन करने के लिए कहा है.

अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि हर ऑफिस में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ ही उनके रात्रि में आने-जाने के रास्तों को सुरक्षित करना, मजबूत सुरक्षा उपाय, नियमित सुरक्षा ऑडिट, विधिक जानकारी महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही महिलाकर्मियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दिलाई जाए.

रात में महिलाओं को सुरक्षित घर तक पहुंचाएःं अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि वर्किंग स्पेस में यदि कोई महिला से जबरन शारीरिक संपर्क, यौन संपर्क का अनुरोध, लैंगिक रूप से भद्दी टिप्पणी, अश्लील किताब, फोटो और वीडियो दिखाना, शारीरिक, मौखिक या अमौखिक लैंगिक प्रकृति का आचरण करना यौन शौषण ही मना जायेगा. अपर मुख्य सचिव गृह ने निर्देश दिए है कि महिला कर्मचारी के रात्रि के समय घर जाने के दौरान उसे सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी कंपनी और कार्यालय उठाएं. इसके अलावा रात दस से सुबह 6 बजे के बीच यूपी 112 की PRV भी महिलाओं की मांग पर उन्हे एस्कॉर्ट कर घर पहुंचाएगी.

संदिग्ध स्थानों को चिन्हित करेंः परिवहन निगम की बसों और प्राइवेट टैक्सी ऐसे Drop-off-Point चिन्हित किये जायें, जहां पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी कैमरे लगे हों. स्थानीय पुलिस व्यवस्था रात्रि में महिलाओं के आवागमन से संबंधित समस्त कार्यस्थल जैसे कॉलसेंटर, स्वास्थ्य संस्थान, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे, बस स्टेशन की सूची बनाएं. इसके बाद महिला कर्मियों का विवरण इकट्ठा कर रात के समय का हॉटस्पॉट चिन्हित करें. समय समय पर वहां यूपी 112 और स्थानीय पुलिस पेट्रोलिंग करते रहे.

महिलाओं को दी जाए आत्मरक्षा की ट्रेनिंगः महिला कार्मिकों को उनकी सुरक्षा और संरक्षा पर जागरूकता और आत्मरक्षा ट्रेनिंग कराई जाए. इमरजेंसी संपर्क, पुलिस हेल्पलाइन, यात्रा करते समय क्या करें और क्या न करें, यौन उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव या लैंगिक पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण और शिकायत प्रक्रिया पर विधिक प्राविधानों के बारे में जागरूकता दी जाये. तत्काल रिपोर्टिंग और घटना प्रतिक्रिया सहित स्पष्ट और कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित किया जाये. प्रतिशोध के डर के बिना उत्पीड़न, हिंसा या अन्य सुरक्षा चिंताओं की रिपोर्टिंग के बारे में कर्मचारियों को शिक्षित किया जाये.

हेल्पलाइन नंबरों और सहायता के बारे में करें जागरूकः आपात स्थिति में महिलाओं के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों और सहायता सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जाये. यूपी 112, वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, सेफ सिटी एप, स्मार्ट सिटी SOS App, सीएम हेल्पलाइन तथा अन्य सहायता सेवाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये.

केजीएमयू में टास्क फोर्स गठितः कोलकाता रेप मर्डर केस के बाद केजीएमयू प्रशासन ने महिला कर्मचारियो की सुरक्षा के लिए कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स टीम गठित की गई है. टीम ने विभागावार रेजिडेंट डॉक्टरों के ड्यूटी के दौरान रेस्ट रूम का जायजा लिया. जरूरी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए. प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि प्रत्येक विभाग में महिला रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए रेस्ट रूम है. इसमें शौचालय आदि का भी इंतजाम है. इनमें थोड़ी बहुत कमियां थी. जिसे दूर करने की कवायद शुक्रवार से शुरू की जाएगी. रेस्ट रूम व उसके आस-पास लाइट के पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. सुरक्षाकर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं. ताकि महिला रेजिडेंट डॉक्टर बिना डरे मरीजों की सेवा कर सकें.

इसे भी पढ़ें-महिला अपराध को रोकने और जल्द कार्रवाई के लिए सरकार फास्टट्रैक कोर्ट का गठन करें: कांग्रेस

लखनऊ: कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद अब वर्किंग स्पेस में महिला सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य के गृह विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए प्रमुख सचिव, विभाग के अध्यक्षों, डीजीपी, एसपी और डीएम को पालन करने के लिए कहा है.

अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि हर ऑफिस में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ ही उनके रात्रि में आने-जाने के रास्तों को सुरक्षित करना, मजबूत सुरक्षा उपाय, नियमित सुरक्षा ऑडिट, विधिक जानकारी महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही महिलाकर्मियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दिलाई जाए.

रात में महिलाओं को सुरक्षित घर तक पहुंचाएःं अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि वर्किंग स्पेस में यदि कोई महिला से जबरन शारीरिक संपर्क, यौन संपर्क का अनुरोध, लैंगिक रूप से भद्दी टिप्पणी, अश्लील किताब, फोटो और वीडियो दिखाना, शारीरिक, मौखिक या अमौखिक लैंगिक प्रकृति का आचरण करना यौन शौषण ही मना जायेगा. अपर मुख्य सचिव गृह ने निर्देश दिए है कि महिला कर्मचारी के रात्रि के समय घर जाने के दौरान उसे सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी कंपनी और कार्यालय उठाएं. इसके अलावा रात दस से सुबह 6 बजे के बीच यूपी 112 की PRV भी महिलाओं की मांग पर उन्हे एस्कॉर्ट कर घर पहुंचाएगी.

संदिग्ध स्थानों को चिन्हित करेंः परिवहन निगम की बसों और प्राइवेट टैक्सी ऐसे Drop-off-Point चिन्हित किये जायें, जहां पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी कैमरे लगे हों. स्थानीय पुलिस व्यवस्था रात्रि में महिलाओं के आवागमन से संबंधित समस्त कार्यस्थल जैसे कॉलसेंटर, स्वास्थ्य संस्थान, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे, बस स्टेशन की सूची बनाएं. इसके बाद महिला कर्मियों का विवरण इकट्ठा कर रात के समय का हॉटस्पॉट चिन्हित करें. समय समय पर वहां यूपी 112 और स्थानीय पुलिस पेट्रोलिंग करते रहे.

महिलाओं को दी जाए आत्मरक्षा की ट्रेनिंगः महिला कार्मिकों को उनकी सुरक्षा और संरक्षा पर जागरूकता और आत्मरक्षा ट्रेनिंग कराई जाए. इमरजेंसी संपर्क, पुलिस हेल्पलाइन, यात्रा करते समय क्या करें और क्या न करें, यौन उत्पीड़न, लैंगिक भेदभाव या लैंगिक पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण और शिकायत प्रक्रिया पर विधिक प्राविधानों के बारे में जागरूकता दी जाये. तत्काल रिपोर्टिंग और घटना प्रतिक्रिया सहित स्पष्ट और कुशल आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल स्थापित किया जाये. प्रतिशोध के डर के बिना उत्पीड़न, हिंसा या अन्य सुरक्षा चिंताओं की रिपोर्टिंग के बारे में कर्मचारियों को शिक्षित किया जाये.

हेल्पलाइन नंबरों और सहायता के बारे में करें जागरूकः आपात स्थिति में महिलाओं के लिए उपलब्ध हेल्पलाइन नंबरों और सहायता सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की जाये. यूपी 112, वूमेन पावर लाइन 1090, महिला हेल्पलाइन 181, सेफ सिटी एप, स्मार्ट सिटी SOS App, सीएम हेल्पलाइन तथा अन्य सहायता सेवाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये.

केजीएमयू में टास्क फोर्स गठितः कोलकाता रेप मर्डर केस के बाद केजीएमयू प्रशासन ने महिला कर्मचारियो की सुरक्षा के लिए कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स टीम गठित की गई है. टीम ने विभागावार रेजिडेंट डॉक्टरों के ड्यूटी के दौरान रेस्ट रूम का जायजा लिया. जरूरी कमियों को दूर करने के निर्देश दिए. प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि प्रत्येक विभाग में महिला रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए रेस्ट रूम है. इसमें शौचालय आदि का भी इंतजाम है. इनमें थोड़ी बहुत कमियां थी. जिसे दूर करने की कवायद शुक्रवार से शुरू की जाएगी. रेस्ट रूम व उसके आस-पास लाइट के पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. सुरक्षाकर्मियों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं. ताकि महिला रेजिडेंट डॉक्टर बिना डरे मरीजों की सेवा कर सकें.

इसे भी पढ़ें-महिला अपराध को रोकने और जल्द कार्रवाई के लिए सरकार फास्टट्रैक कोर्ट का गठन करें: कांग्रेस

Last Updated : Aug 22, 2024, 10:26 PM IST
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