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UP के इस जिले में 3000 शस्त्र लाइसेंस वालों को प्रशासन ने क्यों दी सख्त चेतावनी, जानिए

UP Arms News: प्रशासन की ओर से जारी की गई हैं 3000 नोटिस.

up farrukhabad notices sent 3000 licensed arms holders renewal.
फर्रुखाबाद में शस्त्र लाइसेंस रीन्यूअल को लेकर प्रशासन ने जारी की नोटिस. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

फर्रुखाबादः जिले के शस्त्र लाइसेंस धारकों के लिए यह खबर बेहद खास है. यदि आपने अपने शस्त्र लाइसेंस का रीन्यूअल नहीं कराया है तो जल्दी से करा लें. कहीं ऐसा न हो कि शस्त्र लाइसेंस का आपने रीन्यूअल न कराया हो और आप दी गई निर्धारित सीमा के भीतर न पहुंचे. ऐसे में प्रशासन की ओर से शस्त्र लाइसेंस को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ये भी संभावना है कि आपका शस्त्र लाइसेंस रद भी किया जा सकता है.

जिले में कितने शस्त्र: नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल ने बताया कि जिले में कुल 18 हजार शस्त्र धारक हैं. इनमें से 3000 ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है. अब सवाल उठता है कि क्या ये लाइसेंस धारक अब जीवित नहीं हैं, या उनके परिवारों ने हथियारों की सुध नहीं ली? इस पर नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल ने सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. यदि निर्धारित समय में इन लाइसेंस धारकों ने रिन्यूअल नहीं कराया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की ओर से दी गई यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल का कहना है कि जिले में 3000 शस्त्र लाइसेंस धारकों का रिन्यूअल लंबित है. ऐसे सभी लाइसेंस धारकों को नोटिस भेजा जा रहा है. यदि नियमानुसार रिन्यूअल नहीं कराया गया.उन पर कार्यवाहीं की जाएगी.

लाइसेंस पोर्टल से जुड़ रहेः बता दें कि 2012 में केंद्र सरकार ने नेशनल डेटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस पोर्टल शुरू किया है. इसका उद्देश्य शस्त्र लाइसेंस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और फर्जी लाइसेंसों पर रोक लगाना था. सभी लाइसेंस धारकों को यूनिक आईडी नंबर दिया गया. इससे उनकी जानकारी और हथियार का विवरण ट्रैक किया जा सके. कई शस्त्र धारकों ने UID नंबर तो प्राप्त किया. लेकिन नवीनीकरण की बढ़ी हुई फीस के कारण इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया है. इसे लेकर ही शासन ने अब सख्ती करनी शुरू कर दी है.

क्या होता है UID: यह 18 अंकों का नंबर होता है. इसमें लाइसेंस धारक का नाम, आधार नंबर, लाइसेंस और हथियार का प्रकार और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल होती है. यह प्रणाली फर्जी लाइसेंस पर रोक लगाने में सहायक है.

ये भी पढ़ेंः झांसी अग्निकांड के बाद एक्शन में योगी सरकार; लखनऊ के 75 से ज्यादा अस्पतालों को नोटिस, केजीएमयू और सिविल अस्पताल भी इसमें शामिल

ये भी पढ़ेंः योगी सरकार अयोध्या मंडल की 7000 बेटियों के हाथ कराएगी पीले, अयोध्या समेत 5 जिलों की सूची बनी, जानिए

फर्रुखाबादः जिले के शस्त्र लाइसेंस धारकों के लिए यह खबर बेहद खास है. यदि आपने अपने शस्त्र लाइसेंस का रीन्यूअल नहीं कराया है तो जल्दी से करा लें. कहीं ऐसा न हो कि शस्त्र लाइसेंस का आपने रीन्यूअल न कराया हो और आप दी गई निर्धारित सीमा के भीतर न पहुंचे. ऐसे में प्रशासन की ओर से शस्त्र लाइसेंस को लेकर सख्त कार्रवाई की जाएगी. ये भी संभावना है कि आपका शस्त्र लाइसेंस रद भी किया जा सकता है.

जिले में कितने शस्त्र: नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल ने बताया कि जिले में कुल 18 हजार शस्त्र धारक हैं. इनमें से 3000 ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है. अब सवाल उठता है कि क्या ये लाइसेंस धारक अब जीवित नहीं हैं, या उनके परिवारों ने हथियारों की सुध नहीं ली? इस पर नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल ने सभी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. यदि निर्धारित समय में इन लाइसेंस धारकों ने रिन्यूअल नहीं कराया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की ओर से दी गई यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
नगर मजिस्ट्रेट संजय कुमार बंसल का कहना है कि जिले में 3000 शस्त्र लाइसेंस धारकों का रिन्यूअल लंबित है. ऐसे सभी लाइसेंस धारकों को नोटिस भेजा जा रहा है. यदि नियमानुसार रिन्यूअल नहीं कराया गया.उन पर कार्यवाहीं की जाएगी.

लाइसेंस पोर्टल से जुड़ रहेः बता दें कि 2012 में केंद्र सरकार ने नेशनल डेटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस पोर्टल शुरू किया है. इसका उद्देश्य शस्त्र लाइसेंस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और फर्जी लाइसेंसों पर रोक लगाना था. सभी लाइसेंस धारकों को यूनिक आईडी नंबर दिया गया. इससे उनकी जानकारी और हथियार का विवरण ट्रैक किया जा सके. कई शस्त्र धारकों ने UID नंबर तो प्राप्त किया. लेकिन नवीनीकरण की बढ़ी हुई फीस के कारण इस प्रक्रिया को नजरअंदाज किया है. इसे लेकर ही शासन ने अब सख्ती करनी शुरू कर दी है.

क्या होता है UID: यह 18 अंकों का नंबर होता है. इसमें लाइसेंस धारक का नाम, आधार नंबर, लाइसेंस और हथियार का प्रकार और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल होती है. यह प्रणाली फर्जी लाइसेंस पर रोक लगाने में सहायक है.

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