लखनऊ : बिजली विभाग की विजिलेंस टीम पर अक्सर छापेमारी के दौरान घूसखोरी के आरोप लगते रहे हैं. इससे विभाग की छवि धूमिल होती है. अब ऊर्जा विभाग ने यातायात पुलिस की तरह ही बिजली विभाग की विजिलेंस टीमों को भी बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस करने का फैसला लिया है. किसी भी उपभोक्ता के यहां छापेमारी के लिए जाते समय विजिलेंस टीम बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस होगी. इससे घूसखोरी का सच आसानी से सामने आ सकेगा. इसी के साथ सूबे के 3.5 करोड़ उपभोक्ता उत्पीड़न से भी बच सकेंगे. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बॉडी वॉर्न कैमरों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल्द ही प्रदेश के सभी वितरण मंडलों की विजिलेंस टीमों को कैमरे उपलब्ध कराए जाएंगे. बॉडी वॉर्न कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन में कंट्रोल सेंटर बनाने का प्लान है. यहीं पर सर्वर रूम में पूरा डाटा रिकॉर्ड होगा.
सर्वर में फीड होगा पूरा डाटा : आने वाले कुछ दिनों में यूपी में किसी भी उपभोक्ता के यहां बिजली चोरी की शिकायत पर छापेमारी करने बिजली विभाग की विजिलेंस टीम जाएगी तो उनके शोल्डर या चेस्ट पर बॉडी वॉर्न कैमरा लगा होगा. ये कैमरे काफी हाईटेक होंगे. छापेमारी अभियान के दौरान विजिलेंस के अधिकारियों के साथ उपभोक्ता की बातचीत रिकॉर्ड होगी. विजुअल भी कैद होंगे. इसका फायदा यह होगा कि छापेमारी के दौरान अगर उपभोक्ता विजिलेंस टीम के साथ कोई हरकत करते हैं तो यह कैमरे में कैद हो जाएगी. अगर बिजली चोरी पकड़े जाने के बाद उपभोक्ता से किसी तरह की लेनदेन की बात विजिलेंस टीम की तरफ से होती है तो इसकी भी रिकॉर्डिंग होगी. बॉडी वॉर्न कैमरे का सारा डाटा लखनऊ स्थित बिजली विभाग के कार्यालय में बने कंट्रोल सेंटर के सर्वर में फीड होगा. जब भी किसी छापेमारी में कोई शिकायत आएगी तो सर्वर से पूरा ब्यौरा निकालकर छानबीन की जा सकेगी. इससे हकीकत सामने आ जाएगी.
पहले चरण में 355 बॉडी वॉर्न कैमरों की होगी खरीद : मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पहले चरण में मध्यांचल की तरफ से जो टेंडर किया गया है. उसमें 355 बॉडी वॉर्न कैमरों की खरीद करने की बात कही गई है. टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जल्द ही बॉडी वॉर्न कैमरे मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को मिल जाएंगे. इसके बाद इन कैमरों को विजिलेंस विंग को उपलब्ध करा दिया जाएगा.
जीपीआरएस से भी टीम को लैस करने की तैयारी : उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि विजिलेंस टीम की छापेमारी के दौरान तमाम ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं जिससे बिजली विभाग की छवि धूमिल हो रही थी. गरीब उपभोक्ताओं को बिजली चोरी के आरोप में विजिलेंस टीम प्रताड़ित करती है. इसे लेकर उपभोक्ता परिषद ने ही नियामक आयोग में एक याचिका दाखिल की थी. मांग की थी कि विजिलेंस टीम जब भी छापेमारी करने जाए तो उन्हें बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस हो. अब इसके आदेश हो गए हैं. दीपावली के ठीक बाद बॉडी वॉर्न कैमरे विजिलेंस टीम को मिल जाएंगे. यह भी की जा रही है कि जीपीआरएस से भी टीम को लैस किया जाएगा जिससे टीम कहां-कहां जा रही है, इसकी लोकेशन भी मिलती रहे.
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत का कहना है कि बॉडी वॉर्न कैमरे की खरीद की प्रक्रिया चल रही है. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के डायरेक्टर (कॉमर्शियल) योगेश कुमार का कहना है कि टेंडर हो चुका है. बहुत जल्द बॉडी वॉर्न कैमरे आ जाएंगे और विजिलेंस टीम को उपलब्ध कराए जाएंगे.
क्या होता है बॉडी वॉर्न कैमरा : यह एक छोटा सा डिवाइस होता है. कंधे पास लगाया जाता है. इसके कैमरे में लेंस होते हैं. यह सभी दिशाओं में घूम सकता है. हर एंगल से यह किसी भी गतिविधि की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकता है.
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