भोपाल। उत्तर प्रदेश की अपराध की दुनिया के सबसे बडे़ डॉन मुख्तार अंसारी का भी अंत हो गया है. बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मौत हो गई. हालांकि उसने जीवित रहते जेल में जहर देकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी. मुख्तार मलिक का कारोबार उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, राजस्थान, हरियाणा और मध्य प्रदेश तक फैला हुआ था. मुख्तार मलिक के अलावा उत्तर प्रदेश के कई और कुख्यात बदमाशों का मध्य प्रदेश कनेक्शन रहा है. उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाशों का मध्य प्रदेश से भी नाता रहा है. उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश विकास दुबे, जतिन सिरोही एमपी से गिरफ्तार हुए थे. कई मामलों में उत्तर प्रदेश की गैंग को एमपी में सुपारी दी गई.
यूपी के कुख्यात बदमाश ने भोपाल में काटी थी फरारी
कुख्यात बदमाश विकास दुबे के पहले उत्तर प्रदेश के एक और कुख्यात बदमाश जतिन सिरोही का भी मध्य प्रदेश से कनेक्शन रहा है. 90 के दशक में उत्तर प्रदेश में जतिन सिरोही का उत्तर प्रदेश में जमकर टेरर था. अपने भाई की हत्या का बदला लेने उसने 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. उस पर 50 से ज्यादा हत्या के मामले थे. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जतिन सिरोही और सेंगरपाल के बीच खूनी गैंगवार चलता था. दोनों के बीच 16 सालों तक गैंगवार चला और करीब 32 हत्याएं हुईं. यह सिलसिला दोनों की मौत के बाद ही खत्म हुआ.
जतिन सिरोही का एनकाउंटर 2008 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने किया था. हालांकि एनकाउंटर से बचने के लिए उसने साल 2002 में एमपी की राजधानी भोपाल में पनाह ली थी. बताया जाता है कि कुख्यात बदमाश ने एक बैंक में डकैती की योजना बनाई थी और एक किराए की गाड़ी लेकर इटारसी के लिए रवाना हुआ था. रास्ते में बदमाश और उसके साथियों ने ड्राइवर की हत्या कर गाड़ी छीन ली, लेकिन इटारसी में गाड़ी का नंबर प्लेट बदलते समय पुलिस ने उसे दबोच लिया था. पुलिस ने उसके पास से कई आधुनिक हथियार बरामद किए थे. उसे भोपाल की सेंट्रल जेल में रखा गया था. बाद में ट्रांजिक रिमांड के दौरान उत्तर प्रदेश में उसका एनकाउंटर हो गया था.
एमपी में ली थी अपहरण की सुपारी
इंदौर में करीब 10 साल पहले हुए के धामनौद के एक उद्योगपति के अपहरण कांड के तार उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश रहे जतिन सिरोही गैंग से जुड़े थे. उद्योगपति की हत्या की सुपारी गैंग के गिरोह को सौंपी गई थी. बताया जाता है कि इसके पहले जतिन सिरोही गैंग ने सुपारी लेकर होशंगाबाद के एक युवक नीतेश कंजर की 40 गोलियां मारकर हत्या की थी. इसकी सुपारी 10 लाख रुपए में होशंगाबाद के ही एक व्यक्ति कमल सिंह ने बेटे का बदला लेने के लिए दी थी.
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9 हत्याएं कर एमपी में छुपने आया था यूपी का डॉन
उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश रहे विकास दुबे का भी मध्य प्रदेश से नाता रहा है. विकास दुबे पर हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, अपहरण, धोखाधड़ी सहित 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे. इन मामलों में यह डॉन कई बार पुलिस की गिरफ्त में भी आया, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते ज्यादा वक्त तक जेल की सलाखों के पीछे नहीं रहा. आसानी से उसकी जमानत होती और वह बाहर आ जाता. जितने समय जेल में रहा, उसकी हुकूमत जेल के अंदर से भी चलती रहती थी, लेकिन यह वक्त बहुत लंबे सालों तक नहीं चला. उत्तर प्रदेश का निजाम बदला और कानपुर के बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास पर आंखें टेढ़ी करना शुरू कर दी. वहीं पुलिस जो उसके गुनाहों से आंखें फेरे रहती थी. पुलिस से बचने विकास दुबे ने मध्य प्रदेश में शरण ली. वह उज्जैन में महाकाल मंदिर पहुंचा, जहां उसे उज्जैन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बाद में उत्तर प्रदेश में उसका एनकाउंटर हो गया था.