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यूपी की बड़ी साइबर ठगी का खुलासा; ICICI बैंक का रीजनल हेड और HDFC का कैशियर मास्टरमाइंड, 6 गिरफ्तार - Varanasi Cyber Fraud

Cyber Crime News: साइबर ठगों ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर महिला के 3 करोड़ 55 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे. साइबर टीम की जांच में ठगों के पूरे सिंडीकेट का खुलासा हुआ है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 5:33 PM IST

वाराणसी: काशी नगरी बनारस की एक महिला के साथ 3 करोड़ 55 लाख रुपए की साइबर ठगी हुई थी. इस मामले में साइबर थाने की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने मामले में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनमें ICICI बैंक का रीजनल हेड और HDFC का कैशियर भी शामिल हैं. दोनों इस साइबर ठगी के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं.

इन लोगों ने महिला को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 03 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी की थी. अभियुक्तों के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, चेक, एटीएम कार्ड सहित 13 लाख 63 हजार रुपए बरामद किए हैं. साथ ही विभिन्न बैंक खाते में जमा लगभग 65 लाख रुपए सीज किए हैं.

सिगरा थाना क्षेत्र की रहने वाली शम्पा रक्षित ने पुलिस को बताया था कि 8 मार्च को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया कि वह टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी से बोल रहा है और 2 घण्टे में उनका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा.

इसके तुरन्त बाद फोन आया, उसने खुद को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का होना बताया. कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं. मैंने उनसे कहा कि यह मोबाइल नंबर मेरा नहीं है, तो उस पर उन्होंने बताया कि आपके खिलाफ अरेस्ट वारण्ट है, आपको विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा.

जब मैंने कहा कि मैं मुम्बई में नहीं रहती हूं, तो उन्होंने अपने सीनियर से बात करने को बोला. मुझसे SKYPE APP डाउनलोड करवाया. इसके बाद उनके सीनियर से मेरी बात होने लगी. बातचीत में मुझे घर के अन्दर रहने और किसी को इसके सम्बन्ध में नहीं बताने के लिए कहा गया और मुझसे परिवार का पूरा विवरण लिया गया.

मेरे खाते की पूरी डिटेल ली गई. इसके बाद उसने मुझे गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए मेरे खातों में आए पैसों को जांच करने के लिए RBI के खाते में डालने को कहा गया. आश्वासन गया दिया कि जांच के बाद मेरे पैसे वापस आ जाएंगे और आप अरेस्ट नहीं होंगी. इस तरह उन्होंने मेरे खाते से 3 करोड़ 55 लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा लिए.

एडीसीपी अपराध चंद्रकांत मीना ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया था जिस पर प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय नारायण मिश्र की अगुवाई में साइबर क्राइ टीम द्वारा इलेक्ट्रानिक विश्लेषण व सर्विलांस के उपरांत प्रकाश में आए इस मुकदमे से संबन्धित 06 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.

गिरफ्तार 6 अभियुक्तों के नाम मो. तौफिक खान, सरफराज आलम जो ICICI बैंक लखनऊ का रिजनल हेड है, नुरूलहुदा जो HDFC बैंक लखनऊ का कैशियर है. वहीं आरिफ अहमद खान, ओम अश्विन भाई गोयानी, नीरव बटुक भाई गोटी है.

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग योजनापूर्वक पूर्व में प्राप्त विभिन्न मोबाइल नंबर पर फोन करते हैं और बताते हैं कि आपका सिम टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी द्वारा अवैध कार्यों में लिप्त होने के कारण बंद किया जा रहा है.

इसके बाद हम लोग फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर कुछ देर बाद फोन करते हैं. बताते हैं कि आपके सिम से अवैध कार्य व पैसों का लेन देन किया जा रहा है. आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. आपको पूछताछ के लिए थाने पर आना होगा. विश्वास दिलाने के लिए अपना एक फर्जी वेबसाइट का पता भी देते हैं.

उनसे बताते हैं कि आप उस पर जाकर अपना अरेस्ट वारंट देख सकते है, आने में असमर्थतता जताने पर हम लोग SKYPE APP डाउनलोड करवाते हैं और स्क्रीन शेयर कर लेते हैं. परिवार व बैंक संबन्धित समस्त जानकारी ले लेते हैं. उसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं.

लगातार दबाव बनाते हुए विश्वास में लेते हैं और खाते को चेक करते हुए पैसा होने पर, समस्त पैसा तथाकथित RBI के खाते में ट्रांसफर करवाते हैं. विश्वास दिलाते हैं कि आपका पैसा जांच करने के बाद वापस आपके खाते में आ जाएगा. इस तरह से हम लोग विभिन्न खातों से पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं.

अभियुक्तों ने बताया कि इसी तरह से शम्पा रक्षित के साथ 03 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी कर ली गई थी. खाते में आए हुए पैसों को पूरे भारत के विभिन्न जनपदों से योजनानुसार पूर्व में खोले गए खातों से चेक व एटीएम से निकाल लेते थे.

ये भी पढ़ेंः प्रयागराज में दो बच्चों की हत्या; बुआ ने लकड़ी के पटरे से पीट-पीटकर भतीजों की ले ली जान

वाराणसी: काशी नगरी बनारस की एक महिला के साथ 3 करोड़ 55 लाख रुपए की साइबर ठगी हुई थी. इस मामले में साइबर थाने की पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने मामले में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. इनमें ICICI बैंक का रीजनल हेड और HDFC का कैशियर भी शामिल हैं. दोनों इस साइबर ठगी के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं.

इन लोगों ने महिला को फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर और गिरफ्तारी का डर दिखाकर 03 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी की थी. अभियुक्तों के पास से पुलिस ने मोबाइल फोन, चेक, एटीएम कार्ड सहित 13 लाख 63 हजार रुपए बरामद किए हैं. साथ ही विभिन्न बैंक खाते में जमा लगभग 65 लाख रुपए सीज किए हैं.

सिगरा थाना क्षेत्र की रहने वाली शम्पा रक्षित ने पुलिस को बताया था कि 8 मार्च को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया कि वह टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी से बोल रहा है और 2 घण्टे में उनका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा.

इसके तुरन्त बाद फोन आया, उसने खुद को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का होना बताया. कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं. मैंने उनसे कहा कि यह मोबाइल नंबर मेरा नहीं है, तो उस पर उन्होंने बताया कि आपके खिलाफ अरेस्ट वारण्ट है, आपको विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा.

जब मैंने कहा कि मैं मुम्बई में नहीं रहती हूं, तो उन्होंने अपने सीनियर से बात करने को बोला. मुझसे SKYPE APP डाउनलोड करवाया. इसके बाद उनके सीनियर से मेरी बात होने लगी. बातचीत में मुझे घर के अन्दर रहने और किसी को इसके सम्बन्ध में नहीं बताने के लिए कहा गया और मुझसे परिवार का पूरा विवरण लिया गया.

मेरे खाते की पूरी डिटेल ली गई. इसके बाद उसने मुझे गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए मेरे खातों में आए पैसों को जांच करने के लिए RBI के खाते में डालने को कहा गया. आश्वासन गया दिया कि जांच के बाद मेरे पैसे वापस आ जाएंगे और आप अरेस्ट नहीं होंगी. इस तरह उन्होंने मेरे खाते से 3 करोड़ 55 लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा लिए.

एडीसीपी अपराध चंद्रकांत मीना ने बताया कि प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल द्वारा आवश्यक निर्देश दिया गया था जिस पर प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना विजय नारायण मिश्र की अगुवाई में साइबर क्राइ टीम द्वारा इलेक्ट्रानिक विश्लेषण व सर्विलांस के उपरांत प्रकाश में आए इस मुकदमे से संबन्धित 06 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.

गिरफ्तार 6 अभियुक्तों के नाम मो. तौफिक खान, सरफराज आलम जो ICICI बैंक लखनऊ का रिजनल हेड है, नुरूलहुदा जो HDFC बैंक लखनऊ का कैशियर है. वहीं आरिफ अहमद खान, ओम अश्विन भाई गोयानी, नीरव बटुक भाई गोटी है.

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग योजनापूर्वक पूर्व में प्राप्त विभिन्न मोबाइल नंबर पर फोन करते हैं और बताते हैं कि आपका सिम टेलिकॉम रेगुलेटरी अथारिटी द्वारा अवैध कार्यों में लिप्त होने के कारण बंद किया जा रहा है.

इसके बाद हम लोग फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर कुछ देर बाद फोन करते हैं. बताते हैं कि आपके सिम से अवैध कार्य व पैसों का लेन देन किया जा रहा है. आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हुआ है. आपको पूछताछ के लिए थाने पर आना होगा. विश्वास दिलाने के लिए अपना एक फर्जी वेबसाइट का पता भी देते हैं.

उनसे बताते हैं कि आप उस पर जाकर अपना अरेस्ट वारंट देख सकते है, आने में असमर्थतता जताने पर हम लोग SKYPE APP डाउनलोड करवाते हैं और स्क्रीन शेयर कर लेते हैं. परिवार व बैंक संबन्धित समस्त जानकारी ले लेते हैं. उसके बाद गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं.

लगातार दबाव बनाते हुए विश्वास में लेते हैं और खाते को चेक करते हुए पैसा होने पर, समस्त पैसा तथाकथित RBI के खाते में ट्रांसफर करवाते हैं. विश्वास दिलाते हैं कि आपका पैसा जांच करने के बाद वापस आपके खाते में आ जाएगा. इस तरह से हम लोग विभिन्न खातों से पैसा ट्रांसफर करा लेते हैं.

अभियुक्तों ने बताया कि इसी तरह से शम्पा रक्षित के साथ 03 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी कर ली गई थी. खाते में आए हुए पैसों को पूरे भारत के विभिन्न जनपदों से योजनानुसार पूर्व में खोले गए खातों से चेक व एटीएम से निकाल लेते थे.

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