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यूपी विधानसभा उपचुनाव, RLD ने खैर सीट पर फिर ठोंकी दावेदारी, सीट बंटवारे पर भाजपा से हो सकता है टकराव - UP by election 2024

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद खाली हुईं यूपी की 10 विस सीटों पर उपचुनाव होने हैं. सियासी दलों ने इसके लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है. रालोद, कांग्रेस के अलावा भाजपा की सहयोगी दलों ने सीटों पर दावेदारी ठोंकनी शुरू कर दी है.

सीटों के बंटवारे पर फंस सकता हैं पेंच.
सीटों के बंटवारे पर फंस सकता हैं पेंच. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 12:12 PM IST

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा नेतृत्व से आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए एक बार फिर दो सीटों की डिमांड की है. आरएलडी के नेताओं का तर्क है कि मीरापुर सीट से 2022 में हमारा ही विधायक बना था, इसलिए उस सीट पर तो हमारा दावा स्वाभाविक है. वह सीट तो हमारे हिस्से की है, लेकिन खैर विधानसभा सीट पर हमारी दावेदारी इसलिए है क्योंकि यह भी बड़ा जाटलैंड है. यहां पर 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने जीत हासिल की थी. 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में सीट जरूर गई थी, लेकिन आरएलडी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे, इसलिए इस सीट पर आरएलडी के प्रत्याशी की जीत संभव है. भाजपा से खैर सीट की मांग आरएलडी की तरफ से एक बार फिर दोहराई गई है.

विधानसभा उपचुनाव की आहट आने लगी है. ऐसे में गठबंधन के सहयोगी दल भी अपने लिए सीटों की डिमांड रखने लगे हैं. जहां समाजवादी पार्टी से कांग्रेस तीन सीटों की डिमांड कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल भी अपने लिए सीटों की दावेदारी पेश करने लगे हैं. निषाद पार्टी की तरफ से मझवां और कटेहरी विधानसभा सीटें भाजपा से मांगी जा रही हैं, वहीं राष्ट्रीय लोकदल भी दो सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है.

मीरापुर सीट पर आरएलडी का दावा मजबूत : मीरापुर विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में चंदन चौहान ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिला और वे सांसद बन गए, इसलिए यह सीट रिक्त हुई है. इस सीट पर स्वाभाविक तौर से आरएलडी ने अपना दावा किया है और पार्टी को पूरी उम्मीद है यह सीट तो उनके कब्जे में रहेगी ही, लेकिन अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र की खैर विधानसभा सीट पर भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज करते रहे हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है.

10 सीटों पर होना है उपचुनाव.
10 सीटों पर होना है उपचुनाव. (Photo Credit; ETV Bharat)

बीजेपी से हो सकता है मनमुटाव : आरएलडी का तर्क है कि 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने ये सीट हासिल की थी और 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था. ऐसे में जाट लैंड क्षेत्र होने के चलते वर्तमान माहौल में आरएलडी का ही प्रत्याशी वहां पर जीत सकता है, इसलिए खैर विधानसभा सीट की डिमांड बीजेपी के सामने रखी गई है. हालांकि भाजपा के सूत्रों की माने तो किसी भी कीमत पर आरएलडी को खैर विधानसभा सीट नहीं मिलेगी. यहां से भारतीय जनता पार्टी के ही प्रत्याशी को मौका दिया जाएगा. ऐसे में आरएलडी और बीजेपी के बीच एक सीट को लेकर मनमुटाव हो सकता है.

इसलिए बगावत नहीं करेगी रालोद : राजनीतिक जानकारों की मानें तो आरएलडी को अगर खैर विधानसभा सीट नहीं भी मिली तो भी पार्टी की तरफ से बगावत के स्वर मुखर नहीं हो पाएंगे. कारण है कि केंद्र में आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी अब कैबिनेट राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भी आरएलडी का एक कैबिनेट मंत्री है, इसलिए सीट मिले न मिले कोई गिला शिकवा नहीं होगा.

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय
राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय (Photo Credit; ETV Bharat)

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. मीरापुर विधानसभा सीट के साथ ही खैर विधानसभा सीट पर पार्टी की तरफ से दावेदारी की गई है. दोनों ही सीटों के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारी के आवेदन आ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी दोनों सीटें हमें देगी और हमारे दोनों प्रत्याशी जीत कर आएंगे.

इन विधायकों के सांसद बनने से खाली हुईं सीटें : फूलपुर के भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने लोकसभा चुनाव 2024 में फूलपुर सीट से जीत दर्ज की थी. खैर सीट से भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है. गाजियाबाद से भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग को गाजियाबाद लोकसभा सीट से जीत मिली.

मझवां से निषाद पार्टी से विधायक डॉ. विनोद कुमार बिंद को भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत मिली. कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क को संभल लोकसभा सीट से जीत मिली. कटेहरी विस से सपा विधायक लालजी वर्मा को अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव में जीत मिली. - करहल विधायक और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को कन्नौज सीट पर जीत मिली. मीरापुर के रालोद विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद चुने गए. मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट पर जीत मिली.

इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव : मिल्कीपुर, मझवा, सीसामऊ, करहल, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर. इनमें से पांच सीटें सपा के पास, तीन सीटें भाजपा के पास जबकि एक रालोद और एक पर निषाद पार्टी का कब्जा था.

यह भी पढ़ें : ठुमरी गायक छन्नूलाल मिश्र के पारिवार में संपत्ति को लेकर कलह, बनारस छोड़ मिर्जापुर में रहने को मजबूर; PM मोदी के रहे हैं प्रस्तावक

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल ने भाजपा नेतृत्व से आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए एक बार फिर दो सीटों की डिमांड की है. आरएलडी के नेताओं का तर्क है कि मीरापुर सीट से 2022 में हमारा ही विधायक बना था, इसलिए उस सीट पर तो हमारा दावा स्वाभाविक है. वह सीट तो हमारे हिस्से की है, लेकिन खैर विधानसभा सीट पर हमारी दावेदारी इसलिए है क्योंकि यह भी बड़ा जाटलैंड है. यहां पर 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने जीत हासिल की थी. 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में सीट जरूर गई थी, लेकिन आरएलडी के प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे थे, इसलिए इस सीट पर आरएलडी के प्रत्याशी की जीत संभव है. भाजपा से खैर सीट की मांग आरएलडी की तरफ से एक बार फिर दोहराई गई है.

विधानसभा उपचुनाव की आहट आने लगी है. ऐसे में गठबंधन के सहयोगी दल भी अपने लिए सीटों की डिमांड रखने लगे हैं. जहां समाजवादी पार्टी से कांग्रेस तीन सीटों की डिमांड कर रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल भी अपने लिए सीटों की दावेदारी पेश करने लगे हैं. निषाद पार्टी की तरफ से मझवां और कटेहरी विधानसभा सीटें भाजपा से मांगी जा रही हैं, वहीं राष्ट्रीय लोकदल भी दो सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है.

मीरापुर सीट पर आरएलडी का दावा मजबूत : मीरापुर विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में चंदन चौहान ने जीत हासिल की थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिला और वे सांसद बन गए, इसलिए यह सीट रिक्त हुई है. इस सीट पर स्वाभाविक तौर से आरएलडी ने अपना दावा किया है और पार्टी को पूरी उम्मीद है यह सीट तो उनके कब्जे में रहेगी ही, लेकिन अलीगढ़ लोकसभा क्षेत्र की खैर विधानसभा सीट पर भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि पिछले दो चुनाव से जीत दर्ज करते रहे हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई है.

10 सीटों पर होना है उपचुनाव.
10 सीटों पर होना है उपचुनाव. (Photo Credit; ETV Bharat)

बीजेपी से हो सकता है मनमुटाव : आरएलडी का तर्क है कि 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने ये सीट हासिल की थी और 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहा था. ऐसे में जाट लैंड क्षेत्र होने के चलते वर्तमान माहौल में आरएलडी का ही प्रत्याशी वहां पर जीत सकता है, इसलिए खैर विधानसभा सीट की डिमांड बीजेपी के सामने रखी गई है. हालांकि भाजपा के सूत्रों की माने तो किसी भी कीमत पर आरएलडी को खैर विधानसभा सीट नहीं मिलेगी. यहां से भारतीय जनता पार्टी के ही प्रत्याशी को मौका दिया जाएगा. ऐसे में आरएलडी और बीजेपी के बीच एक सीट को लेकर मनमुटाव हो सकता है.

इसलिए बगावत नहीं करेगी रालोद : राजनीतिक जानकारों की मानें तो आरएलडी को अगर खैर विधानसभा सीट नहीं भी मिली तो भी पार्टी की तरफ से बगावत के स्वर मुखर नहीं हो पाएंगे. कारण है कि केंद्र में आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी अब कैबिनेट राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में भी आरएलडी का एक कैबिनेट मंत्री है, इसलिए सीट मिले न मिले कोई गिला शिकवा नहीं होगा.

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय
राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय (Photo Credit; ETV Bharat)

राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. मीरापुर विधानसभा सीट के साथ ही खैर विधानसभा सीट पर पार्टी की तरफ से दावेदारी की गई है. दोनों ही सीटों के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवारी के आवेदन आ रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी दोनों सीटें हमें देगी और हमारे दोनों प्रत्याशी जीत कर आएंगे.

इन विधायकों के सांसद बनने से खाली हुईं सीटें : फूलपुर के भाजपा विधायक प्रवीण पटेल ने लोकसभा चुनाव 2024 में फूलपुर सीट से जीत दर्ज की थी. खैर सीट से भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है. गाजियाबाद से भाजपा विधायक डॉ. अतुल गर्ग को गाजियाबाद लोकसभा सीट से जीत मिली.

मझवां से निषाद पार्टी से विधायक डॉ. विनोद कुमार बिंद को भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से जीत मिली. कुंदरकी विधायक जियाउर्रहमान बर्क को संभल लोकसभा सीट से जीत मिली. कटेहरी विस से सपा विधायक लालजी वर्मा को अंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव में जीत मिली. - करहल विधायक और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को कन्नौज सीट पर जीत मिली. मीरापुर के रालोद विधायक चंदन चौहान बिजनौर से सांसद चुने गए. मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट पर जीत मिली.

इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव : मिल्कीपुर, मझवा, सीसामऊ, करहल, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर. इनमें से पांच सीटें सपा के पास, तीन सीटें भाजपा के पास जबकि एक रालोद और एक पर निषाद पार्टी का कब्जा था.

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