लखनऊ: पशुपालन के साथ ही दुग्ध उत्पादन बढ़ाने को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में खास प्रावधान किया है. गायों को पालने से लेकर दूध उत्पादित करने के लिए और पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए सरकार ने बजट में करोड़ों रुपये की व्यवस्था की है. 100 करोड़ रुपये से गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाएंगे. मथुरा में हर रोज 30 हजार लीटर दुग्ध उत्पादन के लिए 23 करोड़ की लागत से डेयरी प्लांट स्थापित किए जाने की भी तैयारी है. सरकार ने मत्स्य पालन के लिए भी बजट का प्रावधान किया है.
इन योजनाओं के लिए करोड़ों का बजट: दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण और पुनर्जीवित करने की योजना के लिए 106 करोड़ 95 लाख रुपये. नंद बाबा दुग्ध मिशन योजना के लिए 74 करोड़ 21 लाख रुपये जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक. उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाइयों को प्रोत्साहन स्वीकृत किए जाने के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था. मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण एक लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेरी प्लांट के निर्माण के लिए 23 करोड़ रुपये की व्यवस्था. पशुरोग नियंत्रण योजना के लिए 195 करोड़ 94 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है. गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था. जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना के लिए 78 करोड़ 55 लाख रुपये प्रस्तावित है, जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है.
मछली पालन को बढ़ावा : प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाए जाने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है. प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नई योजना के लिए 190 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरुष और महिला लाभार्थियों को कवर करने के लिए कुल 310 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
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