प्रयागराज : गुरुवार 29 फरवरी को यूपी बोर्ड की 12वीं का पेपर परीक्षा के दौरान व्हाट्सएप पर लीक होने के मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है. इसी के साथ जिस सेंटर से पेपर को व्हाट्सएप पर भेजा गया था, उसकी मान्यता को भी खत्म कर दिया गया है.साथ ही कॉलेज के जिस कम्प्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी ने पेपर वॉयरल किया था, उसके साथ ही अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ जिला विद्यालय निरीक्षक आगरा की तरफ से केस दर्ज करवा दिया गया है.
बोर्ड ने कहा- पेपर लीक का नहीं पड़ा प्रभाव
इसी के साथ बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि व्हाट्सएप पर पेपर 3 बजकर 11 मिनट पर वॉयरल हुआ था.उस वक्त सभी परीक्षार्थी सेंटर पर क्लास रूम में थे, इस वजह से परीक्षा की शुचिता नहीं बिगड़ी है. परीक्षा पर पेपर लीक का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. यूपी बोर्ड की तरफ से प्रदेश भर के सभी परीक्षा केंद्रों को नोटिस जारी किया गया है. परीक्षा केंद्रों को बता दिया गया है कि अब होने वाली किसी भी परीक्षा में पेपर की गोपनीयता भंग हुई तो उस स्कूल की मान्यता तत्काल समाप्त कर दी जाएगी.
आगरा से व्हाट्सएप पर डाला गया पेपर
यूपी बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा के दौरान गुरुवार को आगरा में रोझौली इलाके के श्री अतर सिंह इंटर कॉलेज के कम्प्यूटर ऑपरेटर विनय सिंह ने सेंटर से गणित और जीव विज्ञान का पेपर ऑल प्रिंसिपल्स व्हाट्सएप ग्रुप पर डाला था. जिसके बाद परीक्षा के दौरान पेपर शेयर करने से हड़कंप मच गया.आगरा से निकली यह खबर यूपी बोर्ड के मुख्यालय होते हुए सरकार तक पहुंच गई. सरकार से फटकार मिलने के बाद हरकत में आए लखनऊ और प्रयागराज में बैठे बोर्ड के अफसरों ने जांच और एक्शन शुरू कर दिया. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए आगरा के जिला विद्यालय निरीक्षक ने घटना के मुख्य आरोपी विनय चौधरी के साथ ही केन्द्र व्यवस्थापक राजेन्द्र सिंह, अतिरिक्त केन्द्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह, स्टेटिक मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह समेत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है.
सभी स्कूलों को जारी किया गया नोटिस
आगरा के जिस अतर सिंह इण्टर कॉलेज से पेपर सोशल मीडिया पर वॉयरल किया गया, 24 घंटे की जांच में ही बोर्ड की तरफ से स्कूल की मान्यता को निरस्त कर दिया गया. शुक्रवार को दिन में यूपी बोर्ड की बैठक की गई. जिसमें स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी गई है. साथ ही प्रदेश भर के स्कूलों को नोटिस जारी कर बताया गया है कि किसी के भी द्वारा गोपनीयता भंग की जाती है तो उसकी मान्यता भी तत्काल समाप्त कर दी जाएगी. इसी के साथ सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि सेंटर पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट के अलावा कोई भी दूसरा व्यक्ति मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा.अगर किसी भी केन्द्र पर कोई भी व्यक्ति मोबाइल फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का इस्तेमाल करते मिलता है तो उसकी जिम्मेदारी स्टेटिक मजिस्ट्रेट की होगी.
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