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यूपी बोर्ड परीक्षा 2025; प्री-बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 6 जनवरी से, जानिए क्या है तैयारी? - UP BOARD EXAM 2025

UP Board Exam 2025 : बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी तक कराई जाएंगी.

यूपी बोर्ड परीक्षा 2025
यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 5, 2024, 4:20 PM IST

Updated : Dec 5, 2024, 4:32 PM IST

लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 21 जनवरी से शुरू हो जाएंगी. प्री-बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा जनवरी के पहले सप्ताह से ही शुरू होने वाली है, लेकिन प्रयोगशालाओं से छात्र नदारद हैं. साल भर इन प्रयोगशालाओं में सन्नाटा पसरा रहा और जरूरत के प्रायोगिक उपकरण, रसायन न होने से विज्ञान के छात्र प्रयोगशालाओं से दूरी बना लिए थे. अब लगातार प्रयोग करवाकर खानापूर्ति की जा रही है.


यूपी बोर्ड ने पिछले 18 नवंबर को परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया था. जिसके बाद अब प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारी की जा रही है. कक्षा 12 की प्री-बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षाएं छह जनवरी से शुरू होने वाली हैं, जबकि बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी तक कराई जाएंगी. जिसके लिए शिक्षकों की सूची यूपी बोर्ड अपडेट कर रहा है. दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के कई विद्यालयों की प्रयोगशालाओं का बुरा हाल है. कई जगहों पर उपकरण और रसायन नहीं हैं तो प्रयोगशाला भवन जर्जर स्थिति में हैं.

पांच रुपया प्रति छात्र शुल्क निर्धारित : विज्ञान के प्रयोग के लिए प्रति छात्र पांच रुपए शुल्क निर्धारित है, जबकि लालबाग स्थित रसायन और प्रायोगिक उपकरण बेचने वाली दुकान के मालिक बताते हैं कि अब पहले की तुलना में उपकरणों और रसायनों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं. अमोनियम क्लोराइड, डिस्टिल वाटर, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, अमोनिया, लेड एसीटेट, वर्नियर कैलीपर्स, लेंस, कंपास, माइक्रोस्कोप, इसके अलावा जीवविज्ञान में कुछ उपकरण ही हैं जो मुख्य रूप से 12वीं तक के छात्रों के प्रयोग में आते हैं. इन सभी के दामों में पिछले एक दशक में तीन से चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है.

रसायनों की कीमत
अमोनियम क्लोराइड100 ग्राम54 रुपए
डिस्टिल वाटर1 लीटर15 रुपए
अमोनिया100 ग्राम60 रुपए
लेड एसीटेट100 ग्राम140 रुपए
ऑर्गेनिक सॉल्वेंट 100 ग्राम90 रुपए

लखनऊ में यूपी बोर्ड के स्कूल : लखनऊ में यूपी बोर्ड के कुल 754 वित्त विहीन स्कूल हैं, जबकि अनुदानित 98 है और राजकीय स्कूलों की संख्या 55 है, वहीं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कुल छात्रों की संख्या 1 लाख 30 हजार है, जो इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होंगे.

एनसीईआरटी ने जारी की सस्ती किट : विज्ञान के छात्रों के प्रयोग के लिए एनसीईआरटी ने बेहद सस्ती किट जारी की है. जिसमें रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान समेत गणित के छात्रों के प्रयोग में आने वाले सारे उपकरण मौजूद हैं. इसकी कीमत महज दो से तीन हजार रुपए है. दुकानों पर न मिलकर यह सीधे एनसीईआरटी से कम कीमत पर पार्सल मंगवाया जा सकता है. इसे दुकानों पर बेचने से रेट अधिक हो सकता है, इसीलिए एनसीईआरटी इसकी बिक्री कर रहा है.


माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि यूपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों को पूरे साल प्रैक्टिकल कराए जाते हैं, क्योंकि वह इसके लिए फीस लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ सहायता प्राप्त विद्यालयों की स्थिति बहुत विकट है. यहां पर प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से साल भर में केवल ₹5 फीस के तौर पर लिया जाता है. ऐसे में इन विद्यालयों में प्रैक्टिकल करने के लिए रसायनों की खरीद का भी बजट नहीं इकट्ठा हो पाता है, जिसके कारण सहायता प्राप्त विद्यालयों में केवल बोर्ड परीक्षा के समय विद्यालय प्रबंधन कुछ बजट का इंतजाम करके विद्यार्थियों को एक दो प्रैक्टिकल कराकर उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करवाता है. सरकार को इसके लिए बजट की अलग से व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को पूरे प्रैक्टिकल कराए जा सकें.

लखनऊ मंडल के मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अब प्रायोगिक कार्य बहुत ही सुलभ कर दिए गए हैं. प्रत्येक विद्यालय प्रबन्धन को विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य मे निरंतरता बनाये रखना चाहिए. अब पाठ्यक्रम के अनुरूप एनसीईआरटी ने प्रायोगिक कार्यों में खर्च कम हो, इसके लिए पोर्टेबल लैब किट भी लांच कर दिया है. स्कूल प्रबन्धन अब विज्ञान, गणित किट को भी अपने प्रयोगशालाओं के लिए मंगवाने पर विचार कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड की 10वीं-12वीं परीक्षा का टाइम टेबल जारी; 54 लाख स्टूडेंट देंगे एग्जाम, 7500 से ज्यादा सेंटर

यह भी पढ़ें : यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए 6 हजार स्कूलों में लगेंगी AI से लैस डिवाइस

लखनऊ : यूपी बोर्ड परीक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 21 जनवरी से शुरू हो जाएंगी. प्री-बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षा जनवरी के पहले सप्ताह से ही शुरू होने वाली है, लेकिन प्रयोगशालाओं से छात्र नदारद हैं. साल भर इन प्रयोगशालाओं में सन्नाटा पसरा रहा और जरूरत के प्रायोगिक उपकरण, रसायन न होने से विज्ञान के छात्र प्रयोगशालाओं से दूरी बना लिए थे. अब लगातार प्रयोग करवाकर खानापूर्ति की जा रही है.


यूपी बोर्ड ने पिछले 18 नवंबर को परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया था. जिसके बाद अब प्रायोगिक परीक्षाओं की तैयारी की जा रही है. कक्षा 12 की प्री-बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षाएं छह जनवरी से शुरू होने वाली हैं, जबकि बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं 21 जनवरी से 5 फरवरी तक कराई जाएंगी. जिसके लिए शिक्षकों की सूची यूपी बोर्ड अपडेट कर रहा है. दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के कई विद्यालयों की प्रयोगशालाओं का बुरा हाल है. कई जगहों पर उपकरण और रसायन नहीं हैं तो प्रयोगशाला भवन जर्जर स्थिति में हैं.

पांच रुपया प्रति छात्र शुल्क निर्धारित : विज्ञान के प्रयोग के लिए प्रति छात्र पांच रुपए शुल्क निर्धारित है, जबकि लालबाग स्थित रसायन और प्रायोगिक उपकरण बेचने वाली दुकान के मालिक बताते हैं कि अब पहले की तुलना में उपकरणों और रसायनों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं. अमोनियम क्लोराइड, डिस्टिल वाटर, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, अमोनिया, लेड एसीटेट, वर्नियर कैलीपर्स, लेंस, कंपास, माइक्रोस्कोप, इसके अलावा जीवविज्ञान में कुछ उपकरण ही हैं जो मुख्य रूप से 12वीं तक के छात्रों के प्रयोग में आते हैं. इन सभी के दामों में पिछले एक दशक में तीन से चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है.

रसायनों की कीमत
अमोनियम क्लोराइड100 ग्राम54 रुपए
डिस्टिल वाटर1 लीटर15 रुपए
अमोनिया100 ग्राम60 रुपए
लेड एसीटेट100 ग्राम140 रुपए
ऑर्गेनिक सॉल्वेंट 100 ग्राम90 रुपए

लखनऊ में यूपी बोर्ड के स्कूल : लखनऊ में यूपी बोर्ड के कुल 754 वित्त विहीन स्कूल हैं, जबकि अनुदानित 98 है और राजकीय स्कूलों की संख्या 55 है, वहीं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कुल छात्रों की संख्या 1 लाख 30 हजार है, जो इस साल यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल होंगे.

एनसीईआरटी ने जारी की सस्ती किट : विज्ञान के छात्रों के प्रयोग के लिए एनसीईआरटी ने बेहद सस्ती किट जारी की है. जिसमें रसायन, भौतिकी, जीवविज्ञान समेत गणित के छात्रों के प्रयोग में आने वाले सारे उपकरण मौजूद हैं. इसकी कीमत महज दो से तीन हजार रुपए है. दुकानों पर न मिलकर यह सीधे एनसीईआरटी से कम कीमत पर पार्सल मंगवाया जा सकता है. इसे दुकानों पर बेचने से रेट अधिक हो सकता है, इसीलिए एनसीईआरटी इसकी बिक्री कर रहा है.


माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आरपी मिश्रा ने बताया कि यूपी बोर्ड के प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों को पूरे साल प्रैक्टिकल कराए जाते हैं, क्योंकि वह इसके लिए फीस लेते हैं, वहीं दूसरी तरफ सहायता प्राप्त विद्यालयों की स्थिति बहुत विकट है. यहां पर प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से साल भर में केवल ₹5 फीस के तौर पर लिया जाता है. ऐसे में इन विद्यालयों में प्रैक्टिकल करने के लिए रसायनों की खरीद का भी बजट नहीं इकट्ठा हो पाता है, जिसके कारण सहायता प्राप्त विद्यालयों में केवल बोर्ड परीक्षा के समय विद्यालय प्रबंधन कुछ बजट का इंतजाम करके विद्यार्थियों को एक दो प्रैक्टिकल कराकर उन्हें परीक्षा के लिए तैयार करवाता है. सरकार को इसके लिए बजट की अलग से व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को पूरे प्रैक्टिकल कराए जा सकें.

लखनऊ मंडल के मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में वैज्ञानिक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अब प्रायोगिक कार्य बहुत ही सुलभ कर दिए गए हैं. प्रत्येक विद्यालय प्रबन्धन को विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य मे निरंतरता बनाये रखना चाहिए. अब पाठ्यक्रम के अनुरूप एनसीईआरटी ने प्रायोगिक कार्यों में खर्च कम हो, इसके लिए पोर्टेबल लैब किट भी लांच कर दिया है. स्कूल प्रबन्धन अब विज्ञान, गणित किट को भी अपने प्रयोगशालाओं के लिए मंगवाने पर विचार कर सकते हैं.

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Last Updated : Dec 5, 2024, 4:32 PM IST
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