लखनऊ : यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शनिवार से ठप था. शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार से ही आवाज बुलंद कर रहे थे. इसकी वजह से प्रदेश के 259 मूल्यांकन केंद्रों पर कॉपियां नहीं जांची जा रहीं थी. सरकार की ओर से शिक्षकों की दो मांगें मान ली गईं हैं. मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहेगा या आज से शिक्षक काम शुरू कर देंगे, इसे लेकर बुधवार की सुबह 11 बजे अहम बैठक हुई. इसके बाद शिक्षकों ने फिर से मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया.
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर पांडेय ने बताया कि होली की छुट्टी के चलते मंगलवार को होने वाली बैठक अब बुधवार की सुबह 11 बजे हुई. इसमें कई बिंदुओं पर चर्चा की गई. इसके बाद मूल्यांकन बहिष्कार खत्म करने का फैसला लिया गया. इसके बाद शाम से मूल्यांकन शुरू कर दिया गया.
प्रांतीय महामंत्री सत्य शंकर मिश्र ने बताया कि बुधवार को सुबह 10 बजे मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षक पहुंचे. बुधवार सुबह 11 बजे प्रयागराज में परिषद कार्यालय में संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद मूल्यांकन फिर से शुरू कर दिया गया.
प्रांतीय महामंत्री ने बताया कि मांगें स्वीकार की गईं है. इस पर सहमति बन गई है. वहीं राजकीय शिक्षक संघ के शिक्षक धर्मेंद्र की हत्या के बाद उनके परिवार को असाधारण पेंशन दिलाने की मांग को शासन ने स्वीकृति दे दी है.
शिक्षक धर्मेंद्र के परिवार को अब उनके 10 साल की बची हुई सर्विस के समय के वेतन का आकलन कर उसका 33 फीसदी पेंशन के रूप में मिलेगा. विशेष सचिव, उप्र शासन आलोक कुमार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं.
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने बताया कि राजकीय शिक्षक संघ के आह्वान पर शासन से की गई पांच मांगों में दो मांगों को शासन ने स्वीकार कर लिया है. असाधारण पेंशन के अलावा माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव ने कॉपियों के बंडल में शिक्षकों की ड्यूटी न लगाए जाने को लेकर भी निर्देश जारी कर दिए हैं.
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि बची हुई तीन मांगों में विशेष आर्थिक सहायता में 2 करोड़ रुपये, राजकीय हाईस्कूल महगांव, वाराणसी का नाम स्व. धर्मेंद्र कुमार राजकीय महगांव वाराणसी करने एवं हत्यारोपी आरक्षी पर फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर कठोरतम सजा पर निर्णय होना है.
16 मार्च से कुल 259 केन्द्रों पर मूल्यांकन शुरू हुआ था. राजधानी में 6 लाख जबकि प्रदेश में 3.1 करोड़ कॉपियां चेक की जानी थीं. हाईस्कूल की परीक्षा में 29,47,311 जबकि इंटर में 25,77,997 समेत कुल 55,25,308 परीक्षार्थी बैठे थे. हाईस्कूल की 1.76 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 94,802 जबकि इंटर की 1.25 कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 52,295 परीक्षकों की नियुक्ति की गई है. कुल 3.01 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के लिए 1,47,097 परीक्षकों को तैनात किया गया है.
23 मार्च तक पूरे प्रदेश में 83.46 प्रतिशत काफियों का मूल्यांकन पूरा कर लिया गया था. अभी 16.54% कॉपियों का मूल्यांकन होना है. बहिष्कार से मूल्यांकन प्रक्रिया पहले ही बाधित हो चुकी है. 10 अप्रैल तक यूपी बोर्ड परीक्षा का परिणाम आना था. अब इसमें सप्ताह भर की देरी होने का अनुमान है.
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