लखनऊः लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यूपी पुलिस में बड़ा फेरबदल किया गया है. एटीएस चीफ के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे आईपीएस मोहित अग्रवाल को वाराणसी कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई है. अब तक कमिश्नर वाराणसी की जिम्मेदारी संभाल रहे मुथा अशोक जैन को अपर पुलिस महानिदेशक पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई है. पुलिस महानिरीक्षक प्रोविजनल पीएसी मुख्यालय पर तैनात आईपीएस नीलाब्जा चौधरी को पुलिस महानिरीक्षक एटीएस बनाया गया है.
लोकसभा चुनाव से पहले ट्रांसफर पोस्टिंग का सिलसिला लगातार जारी है. जहां सीनियर पदों पर बैठे तीन आईपीएस अधिकारियों के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया गया है. वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ते हैं, ऐसे में मोहित अग्रवाल के सामने चुनाव के दौरान लॉ एंड ऑर्डर की बड़ी जिम्मेदारी होगी. मोहित के साथ दो अन्य सीनियर आईपीएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है. वहीं, दूसरी ओर इससे पहले दर्जनों डिप्टी एसपी व एडिशनल एसपी रैंक के अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किया जा चुका है. अभी कयास लगाए जा रहे हैं कि आचार संहिता लगने से पहले कई जिलों के कप्तान सहित आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर हो सकते हैं.
जानिए आईपीएस मोहित अग्रवाल कौन हैं?
मोहित अग्रवाल 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वर्तमान में यह एटीएस चीफ के तौर पर काम कर रहे थे. 2004 के दौरान यह उन्नाव में एसपी रहे. वहीं 2017 में कानपुर देहात के एसपी रहे. एटीएस में आने से पहले मोहित अग्रवाल कानपुर रेंज के आईजी थे. उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ आईपीएस अधिकारी मोहित अग्रवाल का बेहतरीन कार्यकाल रहा है. साफ और ईमानदार छवि के चलते मोहित अग्रवाल सरकार के भी चहेते हैं.
जानिए अशोक मुथा जैन का वाराणसी में कैसा रहा कार्यकाल
बता दें कि वाराणसी में सबसे पहले पुलिस कमिश्नर के तौर पर ए सतीश गणेश ने जिम्मेदारी संभाली थी. लेकिन उन्हें नवंबर 2022 में हटा दिया गया था. इसके बाद अशोक मुथा जैन को वाराणसी के पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसके बाद वह काफी चर्चा में भी थे. मुंबई में ड्रग्स कांड को लेकर भी उनका नाम चर्चा में रहा. इसके अलावा वाराणसी में कई बड़ी घटनाओं के बाद भी अशोक मुथा जैन के काम पर सवाल उठने लगा था. खास तौर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ हुए बलात्कार के मामले में भाजपा नेताओं के नाम आने के बाद भी काफी दिन तक दोषियों की गिरफ्तारी न होने पर विपक्ष ने भी अशोक मुथा जैन पर निशाना साधा था.
अशोक मुथा जैन सबसे ज्यादा चर्चा में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो में डिप्टी डायरेक्टर जनरल के पद की वजह से आए थे. जिस वक्त वह इस पद पर थे, उस वक्त अभिनेता शाहरुख खान के बेटे और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण में रिया चक्रवर्ती ड्रग प्रकरण काफी सुर्खियों में था. जिसमें लीक हुए व्हाट्सएप चैट में भी इनका नाम आया था. जिसमें जांच कर रही एजेंसी इनसे पूछताछ की भी तैयारी में थी. 1995 बैच के आईपीएस ऑफीसर अशोक मुथा जैन को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौट के बाद बनारस में पहले चार्ज मिला था. लेकिन उनके कार्यकाल में कई बड़ी घटनाओं ने उन्हें विपक्ष के भी निशाने पर रखा था. जिसमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में नवंबर 2023 में छात्र संग कैंपस में बलात्कार के मामले ने काफी तूल पकड़ा था. हालांकि इस मामले में काफी वक्त के बाद 31 दिसंबर को पुलिस ने बीजेपी से जुड़े आरोपियों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद विपक्ष ने काफी हमला बोला था. क्योंकि घटना के बाद ही चीज चर्चा में आ गई थी और आरोपी पहचाने भी जा चुके थे. फिर भी गिरफ्तारी न होने की वजह से पुलिस कमिश्नर अशोक उठ जाए नहीं निशाने पर थे.