लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. सबसे बड़ी चुनौती प्रत्याशियों के चयन की है. इसके लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने जिन जिलों से संबंधित विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां के जिलाध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ स्थानीय नेताओं से दावेदारों के बारे में फीडबैक मांगा है. सपा सूत्रों का दावा है कि उपचुनाव में जीते हुए सांसदों के परिजनों को टिकट देने के बजाय नए चेहरों पर दांव लगाया जाएगा. जिससे कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाए. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से यह बात सामने आ रही थी कि स्थानीय नेता अपने परिवार के लोगों को ही चुनाव लड़ाने को लेकर प्रयास कर रहे हैं.
5 सीटों पर काबिज रही है सपा, PDA फार्मूले पर लड़ेगी चुनाव : समाजवादी पार्टी ने जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, इनमें से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब सपा इन सीटों पर एक बार फिर साइकिल चलाने की तैयारी में है. इसके साथ ही अन्य सीटों पर भी अपना कब्जा करने को लेकर जोर आजमाइश कर रही है. लोकसभा चुनाव में पिछड़े दलित अल्पसंख्यक (PDA) फार्मूले को लेकर उतरने वाली समाजवादी पार्टी ने अब उपचुनाव में भी यही फार्मूला अपनाने का फैसला किया है.
नए चेहोरों को मिल सकता है मौका, जाति समीकरण का भी ख्याल: पार्टी सूत्रों के मुताबिक सपा उपचुनाव में नए चेहरों को मौका दे सकती है. इसके साथ ही जाति समीकरण का भी ख्याल रखा जाएगा. अखिलेश यादव ने सभी 10 सीटों वाले जिलों के पार्टी प्रभारी, प्रमुख नेताओं के साथ से उपचुनाव के दावेदारों की लिस्ट मांगी है. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश विधायक-सांसदों के परिजनों को चुनाव लड़ाने के बजाय नए चेहरों को मौका दे सकते हैं.
इन नामों की थी चर्चा : यह चर्चा हो रही थी कि अयोध्या से चुनाव जीते अवधेश प्रसाद अपने बेटे अजीत प्रसाद के लिए मिल्कीपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे थे. यह भी चर्चा रही कि अंबेडकर नगर से सांसद निर्वाचित लालजी वर्मा अपनी बेटी छाया वर्मा को चुनाव लड़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इसी तरह अन्य सीटों पर नवनिर्वाचित सांसद अपने परिजनों को चुनाव लड़ाने को लेकर सपा नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. हालांकि सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारने के ज्यादा पक्ष में हैं.
सपा का दावा-सभी सीटें जीतेंगे: समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा का दावा है कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन सभी पर समाजवादी पार्टी जीतने जा रही है. पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक फार्मूले के आधार पर जाति समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी उतारे जाएंगे. जहां तक नवनिर्वाचित सांसदों के परिजनों को टिकट देने या अन्य किसी को टिकट देने का सवाल है तो यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को करना है. हां, यह जरूर है कि नए चेहरों पर दांव लगाने से पार्टी के अंदर उत्साह और जोश और अधिक आएगा. नए कार्यकर्ताओं का समायोजन भी हो सकेगा.