लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने उपचुनाव में जहां पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक पर जोर देते हुए PDA का दम दिखाया है तो, इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को 8 में से 7 सीट पर प्रत्याशी घोषित करते हुए पिछड़े-दलित कार्ड खेला है. पिछड़े-दलित प्रत्याशियों के जरिए भाजपा ने अपनी ताकत का एहसास करने का निश्चय किया है. कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट को छोड़कर भाजपा ने अपने कोटे की बाकी 7 सीटों को घोषित किया है.
माना जा रहा है कि शाम तक यहां पर भी उम्मीदवार का ऐलान कर दिया जाएगा. बीजेपी ने सामान्य वर्ग में एक गाजियाबाद की ब्राह्मण को और कुंदरकी विधानसभा सीट से क्षत्रिय रामवीर सिंह ठाकुर कोअपना उम्मीदवार बनाया है. मझवां उपचुनाव के लिए बीजेपी ने पिछले वर्ग की महिला उम्मीदवार पूर्व विधायक सुचिस्मिता मौर्य को उम्मीदवार बनाया है.
समाजवादी पार्टी के गढ़ मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से बीजेपी ने इस बार सपा के जवाब में यादव कार्ड खेला है. यहां से अनुजेश यादव को भाजपा ने टिकट दिया है. बता दें कि अनुजेश यादव, धर्मेंद्र यादव के बहनोई है. अनुजेश इस सीट से सपा के उम्मीदवार तेज प्रताप के रिश्ते में फूफा हैं.
लंबे इंतजार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव के नामांकन से ठीक एक दिन पहले अपनी सूची जारी की है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने यह सूची जारी की है. जिसके मुताबिक कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट खैर से सुरेंद्र दिलेर, करहल से अनुदेश यादव, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी धर्मराज निषाद और मझवां सीट से सुचिस्मिता मौर्य को प्रत्याशी बनाया है.
कानपुर की सीसामऊ पर फंसा पेंच: कानपुर की सीसामऊ सीट पर पेंच फंसा है. शाम तक यहां भी प्रत्याशी घोषित किया जाएगा. इस सीट पर पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी की बेटी नीतू सिंह और बीजेपी के अनुसूचित जाति के बड़े नेता राकेश सोनकर के बीच टिकट को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. इस क्षेत्र में लगभग 80,000 दलित वोटर हैं. जबकि नीतू सिंह के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तगड़ी पैरवी है. इसी पशोपेश में टिकट रुका हुआ है.
ये भी पढ़ेंः यूपी उपचुनाव; बीजेपी ने 7 सीटों पर उतारे उम्मीदवार, कानपुर की चर्चित सीसामऊ सीट पर फंसा पेंच