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उन्नाव में हत्या का मामला, अदालत ने पिता और दो बेटों को उम्रकैद की सजा सुनाई - UNNAO COURT VERDICT

अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 की न्यायाधीश कविता मिश्रा तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया और उनको आजीवन कारावास की सजा सुनायी.

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उन्नाव में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 5:20 PM IST

उन्नाव: वर्ष 2017 में माखी थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले अदालत ने तीन लोगों को दोषी करार दिया और उनको उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र में रहने वाले सुरेश कुमार सिंह ने थाने में जाकर 5 नवंबर 2017 को तहरीर दी थी. तहरीर के अनुसार, उसके भाई रामकरन सिंह की उम्र 38 वर्ष थी. वह ग्राम रूपऊ की बाजार से सब्जी लेने गया था. वहां ग्राम मझखोरिया के रहने वाले सलीम पुत्र कल्लू की किसी से रुपयों के लेनदेन को लेकर कहासुनी हो रही थी. रामकरन शोर सुनकर मौके पर पहुंच गया. तभी सलीम ने पूरे मुलुक गडार गांव के लोगों के अपशब्द कहने शुरू कर दिये. इसका रामकरन ने विरोध किया.

इससे नाराज सलीम अपने भाई करीम और पिता कल्लू निवासी मझखोरिया थाना माखी जिला उन्नाव के साथ पहुंचा. तीनों आटा चक्की के बगल में यूकेलिप्टस के बाग में घात लगाकर छिपे बैठे थे. तीनों ने अचानक रामकरन पर जानलेवा हमला कर दिया. करीम और कल्लू ने रामकरन को पकड़ लिया और सलीम ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने बड़े भाई सुरेश को जान से मारने की धमकी दी और मौके से फरार हो गये.

इस तहरीर पर माखी पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसी मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 की न्यायाधीश कविता मिश्रा के सामने शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित ने अपनी दलीलें पेश कीं. अदालत ने इस मामले में तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया. न्यायाधीश ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए पांच-पांच हजार के अर्थ दंड भी लगाया.

ये भी पढ़ें- लखनऊ में किशोरी की हत्या का खुलासा; प्रेमी ने उतारा था मौत के घाट, जानें वजह

उन्नाव: वर्ष 2017 में माखी थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले अदालत ने तीन लोगों को दोषी करार दिया और उनको उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

उन्नाव के माखी थाना क्षेत्र में रहने वाले सुरेश कुमार सिंह ने थाने में जाकर 5 नवंबर 2017 को तहरीर दी थी. तहरीर के अनुसार, उसके भाई रामकरन सिंह की उम्र 38 वर्ष थी. वह ग्राम रूपऊ की बाजार से सब्जी लेने गया था. वहां ग्राम मझखोरिया के रहने वाले सलीम पुत्र कल्लू की किसी से रुपयों के लेनदेन को लेकर कहासुनी हो रही थी. रामकरन शोर सुनकर मौके पर पहुंच गया. तभी सलीम ने पूरे मुलुक गडार गांव के लोगों के अपशब्द कहने शुरू कर दिये. इसका रामकरन ने विरोध किया.

इससे नाराज सलीम अपने भाई करीम और पिता कल्लू निवासी मझखोरिया थाना माखी जिला उन्नाव के साथ पहुंचा. तीनों आटा चक्की के बगल में यूकेलिप्टस के बाग में घात लगाकर छिपे बैठे थे. तीनों ने अचानक रामकरन पर जानलेवा हमला कर दिया. करीम और कल्लू ने रामकरन को पकड़ लिया और सलीम ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी. उन्होंने बड़े भाई सुरेश को जान से मारने की धमकी दी और मौके से फरार हो गये.

इस तहरीर पर माखी पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इसी मामले में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 की न्यायाधीश कविता मिश्रा के सामने शासकीय अधिवक्ता विनय शंकर दीक्षित ने अपनी दलीलें पेश कीं. अदालत ने इस मामले में तीनों अभियुक्तों को दोषी करार दिया. न्यायाधीश ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए पांच-पांच हजार के अर्थ दंड भी लगाया.

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