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छत्तीसगढ़ का अनोखा मूर्तिकार, माइक्रो मूर्तियां बनाने में हैं महारथी - Unique sculptor

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Sculptor Ankush Dewangan शारदीय नवरात्रि में आपने दुर्गा पंडालों में अक्सर बड़ी मूर्तियां देखी होंगी.लेकिन आज हम आपको ऐसे मूर्तिकार से मिलवाने जा रहे हैं,जो माइक्रो मूर्तियां बनाने के लिए जाने जाते हैं.

Sculptor Ankush Dewangan
छत्तीसगढ़ का अनोखा मूर्तिकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

दुर्ग : 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ होने जा रहा है. 9 दिनों तक देश भर में नवरात्रि की धूम रहेगी. कई छोटी बड़ी समितियां मां जगत जननी की मूर्तियां स्थापित कर उनकी विधि विधान से पूजा करेगी. जिसे लेकर तमाम मूर्तिकार अब देवी की विशाल मूर्तियां को अंतिम स्वरूप देने में लगे हैं. आज आपको एक ऐसे मूर्तिकार से मिलवाएंगे, जो छोटी मूर्ति बनाने के लिए मशहूर हैं. छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मूर्तिकार का नाम अंकुश देवांगन है. इस बार अंकुश ने नवरात्रि महज पांच मिलीमीटर के चार मूर्तियां को न सिर्फ गढ़ा है बल्कि उन्हें आकर्षक रंगों से भरा है.



माइक्रो लेंस से ही दिखाई देंगी मूर्तियां : लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे जा चुके मूर्तिकार अंकुश देवांगन बनाई गई मूर्तियों को आप सामान्य आंखों से नहीं देख पाएंगे.इसके लिए आपको माइक्रो पावर लेंस की आवश्यकता पड़ेगी. नवरात्रि के आरंभ होने से पूर्व उन्होंने मां दुर्गा, मां काली, महिषासुर मर्दनी और लक्ष्मी माता की मूर्तियों को चावल के एक दाने और संगमरमर के 5 MM के छोटे से पत्थर में बनाई है.

Sculptor Ankush Dewangan
अंकुश माइक्रो के अलावा बड़ी मूर्तियां बनाने में हैं माहिर (ETV Bharat Chhattisgarh)

कैसे बनाते हैं मूर्तियां : अंकुश इन मूर्तियों को बनाने के लिए घरेलू आलपीन, निडिल, और ब्लेड जैसे औजार का इस्तेमाल करते हैं. जब मूर्ति पूरी तरह से बन जाती है तब पेंटिंग करने के लिए गिलहरी के बाल से विशेष ब्रश से उसमे रंग भरते हैं. मूर्तिकार अंकुश देवांगन ने बताया कि देवी आराधना धूमधाम से की जानी चाहिए.लेकिन पर्यावरण का ख्याल रखना भी जरुरी है.

छत्तीसगढ़ का अनोखा मूर्तिकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

''जल प्रदूषण को देखते हुए भले ही पंडाल बड़े बनाकर देवी मूर्तियों का आकार छोटा करना चाहिए.इससे जल प्रदूषण में कमी आएगी.''- अंकुश देवांगन, मूर्तिकार

5 हजार से ज्यादा मूर्तियों का निर्माण - अंकुश देवांगन ने चावल और संगमरमर के पत्थर में ताजमहल, मीनार, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, महापुरुषों और देवी देवताओं के 5 हजार से ज्यादा मूर्ति बना चुके हैं. अंकुश देवांगन सिर्फ छोटी मूर्ति ही नहीं बल्कि बड़ी मूर्तियां भी बनाते हैं. उनकी बनाई महापुरुषों की कई विशाल मूर्तियां प्रदेश के कई चौक चौराहों पर स्थापित की गई हैं.

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माइक्रो लेंस से ही दिखाई देंगी मूर्तियां : लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे जा चुके मूर्तिकार अंकुश देवांगन बनाई गई मूर्तियों को आप सामान्य आंखों से नहीं देख पाएंगे.इसके लिए आपको माइक्रो पावर लेंस की आवश्यकता पड़ेगी. नवरात्रि के आरंभ होने से पूर्व उन्होंने मां दुर्गा, मां काली, महिषासुर मर्दनी और लक्ष्मी माता की मूर्तियों को चावल के एक दाने और संगमरमर के 5 MM के छोटे से पत्थर में बनाई है.

Sculptor Ankush Dewangan
अंकुश माइक्रो के अलावा बड़ी मूर्तियां बनाने में हैं माहिर (ETV Bharat Chhattisgarh)

कैसे बनाते हैं मूर्तियां : अंकुश इन मूर्तियों को बनाने के लिए घरेलू आलपीन, निडिल, और ब्लेड जैसे औजार का इस्तेमाल करते हैं. जब मूर्ति पूरी तरह से बन जाती है तब पेंटिंग करने के लिए गिलहरी के बाल से विशेष ब्रश से उसमे रंग भरते हैं. मूर्तिकार अंकुश देवांगन ने बताया कि देवी आराधना धूमधाम से की जानी चाहिए.लेकिन पर्यावरण का ख्याल रखना भी जरुरी है.

छत्तीसगढ़ का अनोखा मूर्तिकार (ETV Bharat Chhattisgarh)

''जल प्रदूषण को देखते हुए भले ही पंडाल बड़े बनाकर देवी मूर्तियों का आकार छोटा करना चाहिए.इससे जल प्रदूषण में कमी आएगी.''- अंकुश देवांगन, मूर्तिकार

5 हजार से ज्यादा मूर्तियों का निर्माण - अंकुश देवांगन ने चावल और संगमरमर के पत्थर में ताजमहल, मीनार, स्टैचू ऑफ लिबर्टी, महापुरुषों और देवी देवताओं के 5 हजार से ज्यादा मूर्ति बना चुके हैं. अंकुश देवांगन सिर्फ छोटी मूर्ति ही नहीं बल्कि बड़ी मूर्तियां भी बनाते हैं. उनकी बनाई महापुरुषों की कई विशाल मूर्तियां प्रदेश के कई चौक चौराहों पर स्थापित की गई हैं.

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