मुजफ्फरपुर: शहर के सिकंदरपुर स्थित पर्यवेक्षण गृह में आवासित तीन और विधि विवादित किशोरों को मंदिर व हॉस्पिटल में सेवा करने का आदेश दिया गया है. किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान दंडाधिकारी सोनाक्षी वर्मा ने यह निर्देश जारी किया है.
लूट और चोरी में पकड़ाये किशोरों को अनोखी सजा: उन्होंने सामुदायिक सेवा के तहत रेल थाना के एक कांड में आवासित किशोर को एक माह तक सदर अस्पताल के मरीजों की फर्स्ट एड की सेवा करने का आदेश दिया गया है. सिविल सर्जन को इस बाबत निर्देश दिया गया है कि किशोर को फर्स्ट एड करने की ट्रेनिंग दिलवाया जाये.
मंदिर प्रबंधन को देना होगा प्रमाण पत्र: विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी यह फॉलोअप करेंगे कि किशोर अस्पताल में सेवा दे रहा है या नहीं. वहीं, सरैया थाने के एक लूट केस में आवासित किशोर को दो माह तक मंदिर में सेवा करने का आदेश दिया गया है. किशोर की सेवा की अवधि पूर्ण होने के बाद मंदिर प्रबंधन की ओर से एक प्रमाण पत्र लाना होगा.
सरैया पीएचसी में एक महीने सेवा देगा किशोर : प्रमाण पत्र में जो सेवा करने की अवधि दी गयी थी उसमें नियमित व पूरे मन से श्रद्धालुओं की सेवा उसने की है या नहीं लिखा होगा. तीसरा मामला सरैया थाना के ही एक लूट के मामले में आवासित किशोर को एक माह तक सरैया पीएचसी में एक माह तक मरीजों की सेवा करनी है. इसको लेकर चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र भेजा गया है.
पर्यवेक्षण गृह के किशोरों के बीच में मोजे वितरण का काम: बता दें कि इससे पहले तीन किशोरों को सेवा करने का निर्देश दिया गया था. इसमें अहियापुर थाने के लूट के मामले में अवासित विधि विवादित किशोर को 21 दिनों तक गरीब स्थान मंदिर में सेवा करना, ब्रह्मपुरा थाने के एक चोरी के केस में आवासित किशोर को एक माह तक सदर अस्पताल के बूढ़े मरीजों की सेवा करना और करजा थाने के एक मामले में बंद विधि विवादित किशोर को पर्यवेक्षण गृह के किशोरों के बीच में मोजे वितरण करने का निर्देश दिया गया था.
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