झांसी : झांसी में शुक्रवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में दूल्हे सहित चार लोगों की मौत हो गयी थी. हादसे के दो दिन बाद दुल्हन की दूसरे युवक से शादी करा दी गई. शादी के वक्त दुल्हन के चेहरे पर हादसे का दर्द साफ दिखाई दे रहा था. हालांकि युवती और युवक ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर जिंदगीभर साथ निभाने का वचन दिया. बारात में दूल्हे सहित 25 बाराती शामिल हुए. रविवार रात शादी समारोह बिल्कुल साधारण तरीके संपन्न हुआ.
बता दें, झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र के छपरा गांव निवासी रामजीवन की पुत्री अंजू की शादी पहले एरच थाना क्षेत्र के बिलाटी गांव के आकाश से तय हुई थी. 4 मार्च को पिता रामजीवन की बीमारी के चलते मौत हो गई थी. शुक्रवार रात बारात लेकर आ रहे दूल्हा की कार में ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस दुर्घटना में कार सवार दूल्हे आकाश, उसके बड़ा भाई आशीष, चार साल के भतीजे मयंक और कार चालक की जलकर मौत हो गई थी. हादसे के बाद दोनों परिवारों की शादी की खुशियां मातम में बदल गई थींं. दुल्हन के लिबास में वरमाला लिए तैयार खड़ी अंजू हादसे खबर सुनते ही सदमे में चली गई.
बुंदेलखंड में रिवाज है कि यदि मंडप सजने और तेल चढ़ने के बाद इस तरह किसी दूल्हे की मौत हो जाती है तो उसी मंडप में लड़की की शादी की जाती है. गांव में हुई पंचायत के बाद दूसरा रिश्ता देखना शुरू किया गया. परिजन ने चारों तरफ रिश्ता देखना शुरू किया. अंजू के मौसा मुकेश अहिरवार ने बताया कि 24 घंटे में पांच रिश्ते देखे गए. इसके बाद उल्दन थाना क्षेत्र के रजपुरा निवासी देवेंद्र पसंद आया. लड़का-लड़की दोनों के राजीनामे के बाद देवेंद्र अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ बारात लेकर पहुंचा. विधि विधान से समारोह सम्पन्न हुआ.
गांव के प्रधान प्रतिनिधि मानवेंद्र का कहना है कि हादसे के बाद सभी लोगों ने बुंदेलखंड की परंपरा के अनुसार उसी मंडप में शादी करने का निर्णय लिया था. दूल्हे की तलाश की गई. शादी को खुशनुमा बनाने के लिए रिश्तेदारों और परिजनों ने दुल्हन को घर से स्टेज तक पहुंचाया. वहीं दुल्हन के परिजनों ने कहा कि जिस परिवार के साथ इतना बड़ा हादसा हुआ है. उनके साथ उनकी संवेदनाएं हैं. वह आज उनके घर भी जाएंगे.
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