शिमला: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को अटैच करने और पर्यटन निगम के 18 होटलों को बंद करने के हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है. अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है. नड्डा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार भ्रष्टाचार, घोटाला और कुव्यवस्था की प्रतीक बन गई है.
जेपी नड्डा ने कहा, "हिमाचल की कांग्रेस सरकार के घोटाले और काले कारनामे इस हद तक निचले स्तर पर पहुंच गए हैं कि हिमाचल प्रदेश की धरोहरों की भी कुर्की की नौबत आ गई है. दिल्ली के मंडी हाउस स्थित प्रदेश के गौरव हिमाचल भवन की कुर्की का आदेश हाईकोर्ट को देना पड़ा है. क्योंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड को बकाये 64 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. इतना ही नहीं, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के अंतर्गत आने वाले राज्य के धरोहर 18 होटलों को भी बंद करने का आदेश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट को देना पड़ा है. ये हिमाचल की कांग्रेस सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन और उनके घोटालों का ही साइड इफेक्ट है. हिमाचल प्रदेश के इतिहास में इससे शर्मनाक वाकया कुछ और नहीं हो सकता".
जेपी नड्डा ने कहा, "हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी लिमिटेड के पैसे हाईकोर्ट में जमा कराने थे, लेकिन चक्रवृद्धि ब्याज सैकड़ों करोड़ रुपए तक बढ़ गया. क्या कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने अपनी आंखों पर काली पट्टी बांध रखी थी? क्या उन्हें कुछ नजर नहीं आ रहा था? अगर कांग्रेस सरकार ने 2 साल के भीतर इस राशि का एक हिस्सा भी जमा किया होता, तो आज हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति इतनी बदतर नहीं होती और हिमाचल भवन की कुर्की की आदेश न जारी हुए होते. यह हिमाचल प्रदेश के हर निवासी के लिए अत्यंत दुःख, कष्ट और शर्म की घड़ी है".
जेपी नड्डा ने कहा, "सुक्खू सरकार के घोटालों की फेहरिस्त इतनी लंबी हो गई है कि वह राज्य की धरोहरों को भी संभालने में नाकाम रही है. जिसके कारण चायल होटल और मनाली के ऐतिहासिक होटल सहित 18 होटलों को बंद करने का आदेश जारी हुआ है. वास्तव में ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस सरकार अपने चहेतों में इन होटलों का बंदरबांट करना चाहती है. यह शंका जताई जा रही है कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार, एचपीटीडीसी के 18 होटलों को अपने दोस्तों को लीज पर देगी. यह सभी इतने प्रीमियम और प्राइम होटल हैं, जिनकी एंट्री टिकट से ही साल की 2 से 3 लाख रुपए की कमाई हो जाती है. अगर एचपीटीडीसी अपनी इतनी अहम और बड़ी संपत्ति को छोड़ देगी, तो कांग्रेस के वे मित्र, जिन्हें कैबिनेट में स्थान और चेयरमैन पद का सम्मान नहीं दिया जा सका, उन लोगों को यह संपत्ति लीज पर देकर उनको खुश कैसे किया जाएगा?".
जेपी नड्डा ने कहा, "कांग्रेस की सुक्खू सरकार खुद पर चल रहे मुकदमों के लिए हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में करोड़ों रुपए देकर वकील खड़े कर रही है. लेकिन राज्य की धरोहरों को सहेजने की ओर से उसने आंखें मूंद ली है. वास्तव में कांग्रेस की नीयत ही हिमाचल प्रदेश के धरोहरों को बचाने की नहीं है, बल्कि इसे लूटने की है. कांग्रेस, हिमाचल प्रदेश को कांग्रेस परिवार के भ्रष्टाचार का ATM बनाना चाहती है. हिमाचल प्रदेश सरकार की मित्रमंडली, जो हाई कोर्ट में भी कार्यरत है, उनके पास समय नहीं है कि वे हिमाचल प्रदेश के हितों के मामले देखे बल्कि वे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रिय मित्र सीपीएस को बचाने का प्रयास कर रहे हैं".
जेपी नड्डा ने कहा, "क्या हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने इन धरोहरों को बचाने का कोई मास्टर प्लान तैयार नहीं किया, क्योंकि इनका ध्यान तो भ्रष्टाचार करने और कुर्सी बचाने में लगा रहता है. हिमाचल में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. हर तरफ लूट, अराजकता और घोटालों की बू आ रही है. कांग्रेस की सुक्खू सरकार की गलत नीतियों का ही परिणाम है कि हिमाचल प्रदेश को अपने इतिहास के ये दुर्दिन देखने पड़ रहे हैं. इसके लिए हिमाचल की जनता कांग्रेस को कभी भी माफ नहीं करेगी".
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