पटना: सोमवार को राजधानी पटना में फूड प्रोसेसिंग इन्वेस्टर्स मीट 2024 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में देशभर से आए हुए फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के निवेशकों ने हिस्सा लिया. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान और बिहार सरकार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा समेत संबंधित विभाग के तमाम वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे. इंडस्ट्री से जुड़े उद्यमियों ने अपनी चुनौतियों और सुझाव को सरकार के समक्ष साझा किया, जिस पर सरकार ने भी अमल करने की हामी भरी. इस दौरान चिराग ने कहा कि इस इन्वेस्टर मीट ने एग्रो इंडस्ट्री में बिहार की उभरती तस्वीर को पेश किया है.
क्या बोले चिराग पासवान?: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि इस कार्यक्रम में देश भर के बड़े निवेशकों ने न केवल भाग लिया, बल्कि राज्य में निवेश की इच्छा भी जताई है. उन्होंने कहा कि बिहार की छवि अब दुनिया में बदल रही है और बिहार में अब इंडस्ट्री के क्षेत्र में रिवर्स माइग्रेशन शुरू हो गया है. कई उद्यमी ऐसे भी आए हुए थे, जिनका कहना था कि बाहर में परसेप्शन जो सुनते थे, उसके कारण बिहार में निवेश का हिम्मत नहीं होता था लेकिन अब यह उद्यमी बिहार में निवेश के लिए तैयार हैं. बहुत समय बाद है कि बिहार में केंद्र के साथ साझा विचारधारा वाली सरकार है. कई इन्वेस्टर ऐसे भी आए, जो 20-25 वर्ष पहले पलायन कर चुके थे.
बिहार में निवेश की अनंत संभावना: चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में अनंत संभावनाएं हैं, जिसका पूर्ण इस्तेमाल करने के लिए सरकार तत्परता से काम कर रही है. विकसित भारत बनाने का सपना साकार करने में बिहार की बड़ी भूमिका होगी, यदि हम यहां उपस्थित अवसरों का लाभ उठाने में सफल हुए. हमारा समाज तेजी से बदल रहा है, जिसमें प्रोसेस्ड फूड की मांग लगातार बढ़ने वाली है. ऐसे में इस क्षेत्र में निवेश का यह सबसे अच्छा समय है. बिहार बहुत सारे उत्पादों, जैसे लीची और मखान का प्रमुख उत्पादक है, जिसका इस्तेमाल कर निवेशक अपने बिजनेस को बढ़ा सकते हैं और किसानों की आय बढ़ाने के राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों में सक्रिय योगदान दे सकते हैं. केंद्र सरकार और खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय बिहार निवेशकों को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है.
निवेश से प्रखंड तक विकास: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में 14 LOIs (आशय पत्रों) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें ₹2,181 करोड़ के निवेश और 4,175 नई नौकरियों के सृजन की बात की गई है. ये LOI बिहार के कृषि-औद्योगिक क्षेत्र को और उच्च स्तर तक ले जाने के इरादे को दर्शाती है. उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि बिहार के ब्रांड भारतीय ब्रांड के तौर पर दुनिया में नाम करें और इंटरनेशनल ब्रांड बने. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में बड़े निवेश के साथ-साथ प्रखंड स्तर पर छोटे निवेश भी होंगे ताकि प्रखंड स्तर पर विकास हो.
"फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री बिहार के किसानों की आय दुगनी करने में काफी सहायक होंगे. 2008 से कृषि रोड मैप ने बिहार में कृषि को काफी आगे बढ़ाया है. उनका प्रयास होगा कि इंडस्ट्री के लोग किसानों के साथ मिलकर अच्छे फसल के पैदावार पर काम करें. 2181 करोड़ के निवेश से बिहार के युवाओं के लिए नौकरी का अवसर बनेगा."- चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग
क्या बोले नीतीश मिश्रा?: वहीं, बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि बिहार लगातार उन्नति के पथ पर अग्रसर है. इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर बिजनेस पार्क के विकास तक हमारी सरकार बिहार की तरक्की को लेकर समर्पित है. राज्य अभी निवेश के लिए सुनहरा अवसर प्रदान कर रहा है. निवेशकों रुचि और सरकार की तत्परता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ महीनों में हमने 5500 करोड़ के निवेश की स्वीकृति दी है. साथ ही हमने सब्सिडी और इंसेंटिव का लाभ निवेशकों को बड़ी आसानी से उपलब्ध कराया है.
बिहार में निवेश का सुनहरा अवसर: मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि बिहार की कृषि योग्य अनुकूल भूमि और उन्नत कृषि निवेशकों को बहुत बड़ा अवसर प्रदान करती है. नीतियों में अनुकूल सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट पर फोकस के साथ हम एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण के लिए समर्पित हैं जो आर्थिक विकास को गति देगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करेगा. बिहार में एक अत्यधिक विकसित बिज़नेस इकोसिस्टम है, जिसमें सिंगल-विंडो क्लीयरेंस और ऑनलाइन भूमि आवंटन जैसी प्रणालियां शामिल हैं.
"यह बिहार को निवेशकों के लिए तैयार है, जिसके परिणामस्वरूप आज राज्य में 35 लाख से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं."- नीतीश मिश्रा, उद्योग मंत्री, बिहार
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