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ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे बिजली सप्लाई पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने जताई नाराजगी, नियामक आयोग को दिए निर्देश - Power Supply Rules

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घंटे बिजली आपूर्ति पर बिजली कंपनियों पर नाराजगी जताई है. इसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के जनहित प्रस्ताव दाखिल किया था.

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उत्तर प्रदेश निमायक आयोग. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 7:18 PM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 की धारा 10 (1) के तहत देश के सभी राज्यों के ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति अनिवार्य रूप से दिए जाने का कानून बनाया था. ऐसा न होने पर विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाना था. अब विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रस्ताव दाखिल कर बिजली कंपनियों के रोस्टर लागू करने पर उपभोक्ता परिषद ने कार्रवाई की मांग उठाई थी. इसके बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 के तहत 2020-21 से लेकर वर्ष 2023 -24 तक उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को लगभग सिर्फ 16 घंटा विद्युत आपूर्ति ही किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई.



उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से विद्युत नियामक आयोग को निर्देश जारी किया है कि बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. अन्यथा भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के तहत कार्रवाई शुरू करना पड़ेगा. इसके साथ ही कहा है कि उत्तर प्रदेश में 24 घंटे ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति न मिलने पर स्वत: ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले, ऐसा कानून तत्काल बनाया जाए. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पूरी कार्ययोजना 15 दिन में तलब की है.



उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मिलकर जनहित प्रस्ताव दाखिल किया. बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई. कहा कि कानून का बिजली कंपनियों ने उल्लंघन किया है. बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में तो बहुत जल्दबाजी कर रही थीं, लेकिन उन्हें शायद यह पता नहीं था कि इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को और शहरी क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देना है. अन्यथा की स्थिति में स्वत: मुआवजा भी उपभोक्ताओं को मिले ये व्यवस्था लागू करना है. ऐसे में विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों को तत्काल ये निर्देश जारी करें कि रोस्टर की व्यवस्था समाप्त कर विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जाए.

ग्रामीण सप्लाई वर्ष 2020- 21 वर्ष 2021- 22 वर्ष 2022- 23 वर्ष 2023- 24
नेशनल औसत 20.27 घंटा 20.32 घंटा 20.34 घंटा 21.09 घंटा
उत्तर प्रदेश 16.17 घंटा 15.59 घंटा 16.09 घंटा 16.17 घंटा

लखनऊ: केंद्र सरकार ने उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 की धारा 10 (1) के तहत देश के सभी राज्यों के ग्रामीण और शहरी उपभोक्ता को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति अनिवार्य रूप से दिए जाने का कानून बनाया था. ऐसा न होने पर विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाना था. अब विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रस्ताव दाखिल कर बिजली कंपनियों के रोस्टर लागू करने पर उपभोक्ता परिषद ने कार्रवाई की मांग उठाई थी. इसके बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 के तहत 2020-21 से लेकर वर्ष 2023 -24 तक उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को लगभग सिर्फ 16 घंटा विद्युत आपूर्ति ही किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई.



उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से विद्युत नियामक आयोग को निर्देश जारी किया है कि बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. अन्यथा भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के तहत कार्रवाई शुरू करना पड़ेगा. इसके साथ ही कहा है कि उत्तर प्रदेश में 24 घंटे ग्रामीणों को विद्युत आपूर्ति न मिलने पर स्वत: ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले, ऐसा कानून तत्काल बनाया जाए. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने पूरी कार्ययोजना 15 दिन में तलब की है.



उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार सिंह से मिलकर जनहित प्रस्ताव दाखिल किया. बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई. कहा कि कानून का बिजली कंपनियों ने उल्लंघन किया है. बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में तो बहुत जल्दबाजी कर रही थीं, लेकिन उन्हें शायद यह पता नहीं था कि इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को और शहरी क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देना है. अन्यथा की स्थिति में स्वत: मुआवजा भी उपभोक्ताओं को मिले ये व्यवस्था लागू करना है. ऐसे में विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों को तत्काल ये निर्देश जारी करें कि रोस्टर की व्यवस्था समाप्त कर विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जाए.

ग्रामीण सप्लाई वर्ष 2020- 21 वर्ष 2021- 22 वर्ष 2022- 23 वर्ष 2023- 24
नेशनल औसत 20.27 घंटा 20.32 घंटा 20.34 घंटा 21.09 घंटा
उत्तर प्रदेश 16.17 घंटा 15.59 घंटा 16.09 घंटा 16.17 घंटा

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