रायपुर: केंद्रीय बजट पर सभी राजनीतिक पार्टियां अपना अपना रिएक्शन दे रही हैं. बजट को सीएम विष्णु देव साय ने विकास की राह में मील का पत्थर बताया. साय ने कहा कि ये बजट अमृतकाल का बजट है. ये बजट विकसित भारत 2047 का विजन तय करेगा. बजट भारत को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में आगे लेकर जाएगा. बजट पर विपक्ष की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. बघेल ने कहा कि ये बजट सरकार बचाने का बजट है. बजट में सिर्फ आंध्र प्रदेश और बिहार के विकास का खाका खीचा गया है.
बजट पर सियासी बोल: केंद्रीय बजट की जहां सत्ता पक्ष ने तारीफ की है वहीं विपक्ष ने बजट की जमकर आलोचना की है. सीएम ने अपनी प्रतिक्रिया एक्स पर लिखते हुए कहा कि'' इस बजट से देश के गरीब, .युवा, किसान और महिला शक्ति का चहुमुखी विकास होगा. ये बजट गांव गरीब और किसान सहित महिलाओं पर आधारित है. बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. बजट में राज्य के समग्र विकास की रुपरेखा है''. बजट को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छलने वाला बताया है. बघेल ने कहा कि समर्थन देने वाली पार्टियों को खुश करने वाला ये बजट है.
''बजट से बढ़ेगी विकास की रफ्तार'': सीएम साय ने कहा कि '' बजट में की गई घोषणाओं पर तेजी से काम होगा. बजट में आए प्रावधानों से छत्तीसगढ़ को भी फायदा होगा. इस बजट से छत्तीसगढ़ के विभिन्न कार्य क्षेत्रों में विकास होगा. केंद्रीय बजट का फायदा आम आदमी तक पहुंचेगा जिससे विकास की रफ्तार और तेज होगी. बजट विकास की रफ्तार को बढ़ाने और रोजगार पैदा करने वाला है.''
''मोदी सरकार 3.0 कार्यकाल के आज पेश हुए प्रथम बजट में "अमृतकाल विजन - 2047" की स्पष्ट झलक देखने को मिल रही है. विकसित भारत के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा. देश के गरीब, युवा, किसान, महिलाओं के चहुंमुखी विकास पर केंद्रित यह बजट छत्तीसगढ़ के हर वर्ग के लोगों के लिए लाभकारी है. राज्य के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. बजट की घोषणाओं को राज्य में तेजी से लागू किया जाएगा ताकि छत्तीसगढ़ के लोगों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके. छत्तीसगढ़ को इस बजट से विभिन्न क्षेत्रों में लाभ मिलेगा. राज्य की विकास यात्रा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाएगा. इस बजट से राज्य के लोगों को नई उम्मीदें और संभावनाएं मिली हैं. ये बजट छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने में सहायक होगी. इस समावेशी बजट के लिए नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मैं बधाई देता हूं.'' - विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
चूँकि मोदी जी को अपनी सरकार बचानी है इसलिए बिहार और आंध्र प्रदेश का ज़िक्र बजट में बार बार हुआ. इन दो राज्यों के लिए खजाना खोल दिया गया लेकिन शेष देश को उसके हाल पर छोड़ दिया गया.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 23, 2024
हिमाचल में आई आपदा के एक साल बाद राहत पैकेज की बात हुई लेकिन कितनी राहत मिलेगी इसका विवरण तक नहीं.…
'' मोदी जी को अपनी सरकार बचानी है इसलिए बिहार और आंध्र प्रदेश का ज़िक्र बजट में बार बार हुआ. इन दो राज्यों के लिए खजाना खोल दिया गया लेकिन शेष देश को उसके हाल पर छोड़ दिया गया. हिमाचल में आई आपदा के एक साल बाद राहत पैकेज की बात हुई. कितनी राहत मिलेगी इसका विवरण तक नहीं हैं बजट में. इस बजट में अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ को झुनझुना पकड़ा दिया गया. पर्ची मुख्यमंत्री को जवाब तो देना होगा. यह बजट आम लोगों को कोई राहत नहीं देने वाला है और न महंगाई से गरीबों को निजात दिला सकेगा. सबसे बड़ी बात यह कि वे भारत को विश्व शक्ति बनाने की बात करते हैं लेकिन बजट में इसके लिए कोई प्रयास नहीं दिखता.'' - भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री
हर जरूरतमंद को पक्का घर मोदी की गारंटी
— Arun Sao (@ArunSao3) July 23, 2024
आने वाले 5 वर्षों में जरूरतमंदों के लिए 3 करोड़ पीएम आवास का प्रावधान
मोदी सरकार में हर वर्ग का हो रहा विकास#BudgetForViksitBharat pic.twitter.com/LGQOhubQID
''बजट से नई नौकरियां का सृजन होगा. किसान, युवा, महिला कल्याण के क्षेत्र में भी तेजी से काम होगा. यह बजट अर्थव्यवस्था के हर पहलू से जुड़ा है. सबसे बड़ी बात है कि आम लोगों सीधे आर्थिक मदद देने का काम सरकार कर रही है. बजट से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी. बजट से मध्यमवर्गीय परिवार को राहत मिलेगी. 5 सालों में युवाओं के लिए चार करोड़ रोजगार का प्रावधान हो रहा है तो यह ऐतिहासिक है. बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है ये अभूतपूर्व है. आधारभूत संरचना के विकास के लिए 11 लाख करोड़, गांव के लिए 26300 करोड़ का प्रावधान किया गया है ये पहली बार हुआ है.'' - अरुण साव, डिप्टी सीएम
आम आदमी और महंगाई और रोजगार से मतलब: बजट पर पक्ष और विपक्ष की चाहें जो भी दलीले हों आम आदमी को तो बस महंगाई और रोजगार से मतबल है. उसकी थाली कितनी सस्ती होगी कितनी महंगी होगी उसे बस इसकी ही चिंता सताती है. बजट में इस बार रोजगार के प्रावधान भी किए गए हैं. बेरोजगार युवाओं को नौकरी के कितने अवसर आने वाले दिनों में मिलते हैं ये देखने वाली बात होगी.