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इस सेक्टर में आधी आबादी ले सकेगी बजट का लाभ, महिलाओं के लिए पहली बार 3 लाख करोड़ का एलोकेशन - Focus On Women In Budget - FOCUS ON WOMEN IN BUDGET

आज पेश हुए देश के आम बजट में महिलाओं का पूरा ध्यान रखा गया है. महिलाओं की मैन्युफैक्चरिंग और उद्योगों में भागीदारी बढ़ाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है.

FOCUS ON WOMEN IN BUDGET
इस सेक्टर में आधी आबादी ले सकेगी बजट का लाभ (Getty Image)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 6:31 PM IST

इंदौर। देश के आम बजट में जहां मोदी सरकार ने इस बार गरीब कल्याण के लिए 9 प्राथमिकताएं तय की है. वहीं बजट में फोकस युवा गरीब किसान के बाद देश की आधी आबादी यानि की महिलाओं की देश के विकास में भागीदारी को प्राथमिकता दी है. यह पहला मौका है, जब केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं की मैन्युफैक्चरिंग और उद्योगों में भागीदारी बढ़ाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है. इस राशि से महिला स्वरोजगार और मैन्युफैक्चरिंग को प्राथमिकता देते हुए उन्हें एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सकेगा.

आधी आबादी ले सकेगी बजट का लाभ (ETV Bharat)

स्टार्टअप में महिलाओं की सहभागिता पर ध्यान

दरअसल, वर्तमान में देश भर में कुल उद्योगों में मात्र 20 प्रतिशत महिलाएं ही नेतृत्व कर रही हैं. यही वजह है कि देश में स्टार्टअप उपक्रमों में महिलाओं की सहभागिता पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया है. यह बात लगातार सामने आई है कि उद्योग व्यापार वाणिज्य जैसी आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की सहभागिता बहुत कम है. इसकी वजह महिला उद्यमिता का अभाव देखा जा रहा है. यह बात और है कि अब महिलाएं अपने उद्यमिता कौशल से ई-कॉमर्स डिजाइनिंग विज्ञान, विज्ञापन मीडिया और मनोरंजन आदि क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखा रही है. स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अब आगे बढ़ रही हैं.

एंटरप्रेन्योरशिप में महिलाओं को आगे लाने

फिलहाल देश में 8000 से ज्यादा स्टार्टअप उपक्रम ऐसे हैं. जिनका नेतृत्व महिलाएं करती हैं. इन उपक्रमों की वित्तीय भागीदारी 1.90 लाख करोड़ रुपए बताई जाती है. इस स्थिति के मद्देनजर माना जा रहा है कि अगले 5 सालों में देश में महिला उद्यमियों की हिस्सेदारी करीब एक तिहाई तक हो सके. इसके लिए भारत सरकार अब महिलाओं को स्वरोजगार के अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और इंडस्ट्री में भागीदारी को लेकर फोकस कर रही है. जिससे कि बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाली महिलाओं को एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आगे लाया जाए.

यहां पढ़ें...

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महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का बजट

यही वजह है कि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में विशेष तौर पर महिलाओं के लिए तीन लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया है. आगामी पास साल में इस बजट आवंटन से महिला उद्यम और स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय अनुदान एवं लोन स्वीकृत किए जा सकेंगे.

इंदौर। देश के आम बजट में जहां मोदी सरकार ने इस बार गरीब कल्याण के लिए 9 प्राथमिकताएं तय की है. वहीं बजट में फोकस युवा गरीब किसान के बाद देश की आधी आबादी यानि की महिलाओं की देश के विकास में भागीदारी को प्राथमिकता दी है. यह पहला मौका है, जब केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं की मैन्युफैक्चरिंग और उद्योगों में भागीदारी बढ़ाने के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है. इस राशि से महिला स्वरोजगार और मैन्युफैक्चरिंग को प्राथमिकता देते हुए उन्हें एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आगे बढ़ाया जा सकेगा.

आधी आबादी ले सकेगी बजट का लाभ (ETV Bharat)

स्टार्टअप में महिलाओं की सहभागिता पर ध्यान

दरअसल, वर्तमान में देश भर में कुल उद्योगों में मात्र 20 प्रतिशत महिलाएं ही नेतृत्व कर रही हैं. यही वजह है कि देश में स्टार्टअप उपक्रमों में महिलाओं की सहभागिता पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया है. यह बात लगातार सामने आई है कि उद्योग व्यापार वाणिज्य जैसी आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की सहभागिता बहुत कम है. इसकी वजह महिला उद्यमिता का अभाव देखा जा रहा है. यह बात और है कि अब महिलाएं अपने उद्यमिता कौशल से ई-कॉमर्स डिजाइनिंग विज्ञान, विज्ञापन मीडिया और मनोरंजन आदि क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी दिखा रही है. स्वरोजगार के क्षेत्र में भी अब आगे बढ़ रही हैं.

एंटरप्रेन्योरशिप में महिलाओं को आगे लाने

फिलहाल देश में 8000 से ज्यादा स्टार्टअप उपक्रम ऐसे हैं. जिनका नेतृत्व महिलाएं करती हैं. इन उपक्रमों की वित्तीय भागीदारी 1.90 लाख करोड़ रुपए बताई जाती है. इस स्थिति के मद्देनजर माना जा रहा है कि अगले 5 सालों में देश में महिला उद्यमियों की हिस्सेदारी करीब एक तिहाई तक हो सके. इसके लिए भारत सरकार अब महिलाओं को स्वरोजगार के अलावा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और इंडस्ट्री में भागीदारी को लेकर फोकस कर रही है. जिससे कि बड़े पैमाने पर स्वरोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाली महिलाओं को एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में आगे लाया जाए.

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महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ का बजट

यही वजह है कि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में विशेष तौर पर महिलाओं के लिए तीन लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया है. आगामी पास साल में इस बजट आवंटन से महिला उद्यम और स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वित्तीय अनुदान एवं लोन स्वीकृत किए जा सकेंगे.

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