सरगुजा: अंबिकापुर से झारखंड जाने नेशनल हाइवे 343 में हाथियों और दूसरे वन्य प्राणियों के लिए अंडर पास बनाए जा रहे हैं. सरगुजा संभाग में ये दूसरी सड़क होगी, जिसमें हाथियों के लिए अंडर पास बनाये जायेंगे. इससे पहले भी अंबिकापुर रायपुर रोड पर उदयपुर के पास अंडर पास बनाये गये थे. एनएच और वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों के संयुक्त दौरे के बाद 3 अंडर पास स्वीकृत किए गये थे, जिसे अब 5 कर दिया गया है. टीम ने अंडर पास के लिये जगह तय कर दिया है और जल्द ही इस पर काम शुरू होगा.
हाथियों के लिए अंडरपास: नेशनल हाइवे 343 में जिन स्थानों पर हाथियों की ज्यादा आवाजाही है, ऐसे 5 जगहों पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) के निर्माण के साथ अंडर पास भी बनेगा. पहले फेज में 72 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए टेंडर भी हो चुका है. इस सड़क पर 450 करोड़ रुपए खर्च होंगे. अंबिकापुर से झारखंड जाने वाली ये सड़क पहले स्टेट हाइवे थी, केंद्रीय मंत्रालय ने इसे नेशनल हाइवे घोषित किया. दो साल पहले ही एनएच के निर्माण के लिए स्वीकृति मिल गई थी, लेकिन वाइल्डलाइफ से एनओसी नहीं मिलने से इस पर काम शुरू नहीं हो पा रहा था.
इन जगहों पर 5 जगह बनेंगे अंडरपास: एनएच के अधिकारियों के अनुसार चांची, अलखडिहा, बासेन, औंराझरिया और चार पारा में हाथियों की आवाजाही ज्यादा है इसलिए इन जगहों पर अंडरपास बनाए जा रहे हैं. अंडर पास की ऊंचाई पांच मीटर व चौड़ाई लगभग 40 मीटर होगी. अंडरपास के नीचे से हाथी आना-जाना करेंगे और ऊपर से गाड़ियों की आवाजाही होगी.
अंबिकापुर-रामानुजगंज-गढ़वा एनएच में हाथियों व अन्य वन्यप्राणी विचरण करते हैं इसकी सुरक्षा के लिहाज से इनके मूवमेंट के लिए अंडरपास बनने हैं. इसके लिए वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों के साथ दौरा कर जगह फाइनल कर लिया गया है. एग्रीमेंट के डेढ़ साल के अंदर सड़क तैयार करने की डेडलाइन तय की गई है.-नितेश तिवारी, ईई, नेशनल हाइवे
अंबिकापुर से 8 किलोमीटर दूर स्थित रजपुरी से लेकर राजपुर के पस्ता तक और बलरामपुर से रामानुजगंज तक अभी सड़क बनेगी. पस्ता से बलरामपुर तक सेमरसोत अभ्यारण्य के 23 किलोमीटर एरिया के लिए अभी एनओसी नहीं मिली है. इसके लिए अलग से प्लानिंग बन रही है. इस इलाके में घने जंगल के अलावा जनवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का काम होगा.