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बजट 2024: उत्तर प्रदेश में पिछले 10 साल में स्विट्जरलैंड के ट्रेन नेटवर्क के बराबर बिछ गई रेल लाइन - GENERAL BUDGET 2024 25 - GENERAL BUDGET 2024 25

आम बजट 2024-25 (General Budget 2024-25) में दो लाख 62 हजार करोड़ की धनराशि का रिकॉर्ड आवंटन मिलने से रेलवे विभाग के मंत्री और अफसर बेहद उत्साहित हैं. रेलमंत्री और अफसरों को दावा है कि इस बजट से देश में स्विट्जरलैंड से बेहतर रेल सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी.

मीडिया को जानकारी देतीं पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर.
मीडिया को जानकारी देतीं पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 8:08 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 1:57 PM IST

मीडिया को जानकारी देतीं पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर. (Video Credit : ETV Bharat)

गोरखपुर : स्विट्ज़रलैंड देश का जो रेल नेटवर्क है, उसके बराबर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार में अकेले उत्तर प्रदेश में रेल पटरियों का जाल बिछाया गया है. स्विट्जरलैंड में कुल 5000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क है, लेकिन मोदी सरकार में पिछले 10 वर्षों में चार हजार 900 किलोमीटर नई रेलवे लाइन, अकेले उत्तर प्रदेश में बिछाई गई हैं. यह बातें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कही.

रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधा, समय की बचत और संरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस विस्तार को मोदी सरकार गति दे रही है. इस विस्तार में खास बात यह है कि यूपीए सरकार अब तक उत्तर प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार में जो अपना योगदान देती रही है, उसके सापेक्ष यह 18 गुना अधिक है. यानी कि समझा जा सकता है कि मोदी सरकार रेलवे के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाने में कितना योगदान दे रही है. रेल मंत्री ने कहा कि इस वर्ष दो लाख 62 हजार करोड़ की धनराशि का रिकॉर्ड आवंटन रेलवे को मिला है जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार करोड़ अधिक है.

रेल बजट पर पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूपी को जो 19 हजार 848 करोड़ का बजट रेलवे के विकास के लिए दिया गया है, उसमें निश्चित रूप से पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में बड़ी धनराशि प्राप्त होगी. यहां पर पहले से चली आ रही परियोजनाओं को तेजी के साथ पूरा करने में मदद मिलेगा. चाहे वह सहजनवा- दोहरीघाट रेलवे लाइन के विस्तार की बात हो या फिर घुघुली- महाराजगंज रेल लाइन. यूपी में 157 स्टेशन अमृत भारत के तहत विकसित किए जा रहे हैं तो 1490 फ्लाईओवर और अंडरपास इन 10 वर्षों में बनाए गए हैं.

सौम्या माथुर के मुताबिक कुंभ के लिए भी बड़ी तैयारी चल रही है और करीब 40 से अधिक प्रोजेक्ट पर काम प्रस्तावित है. फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे में कवच प्रणाली अभी लागू नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में इसे लागू करने में जो ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है. वह अपनी बड़ी भूमिका अदा करेगा. क्योंकि इसी के सहारे ऐसी सुरक्षा प्रणाली संचालित होती है. सहजनवा-दोहरीघाट के लिए बिछाई जाने वाली नई रेल लाइन को मगहर से भी कनेक्ट करने का प्रस्ताव है.

सौम्या माथुर ने बताया कि 1 फरवरी 2024 को देश का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया गया था. बजट में पूर्वोत्तर रेलवे पर नई लाइन निर्माण, दोहरीकरण, तीसरी लाइन और अमान परिवर्तन सहित निर्माण परियोजनाओं, रेल संरक्षण, रेल पथ नवीनीकरण, आरोबी, आरयूबी पुलों के सुदृढ़ीकरण, यातायात सुविधाओं के विस्तार, सिग्नल एवं दूरसंचार कार्य, कर्मचारी कल्याण के लिए धनराशि का आवंटन किया गया था. पूर्वोत्तर रेलवे पिछली वर्ष ही शत प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. मीटर गेज लाइनों को ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया गया है. वाराणसी मंडल और इज्जतनगर मंडल पूर्ण रूप से ब्रॉड गेज मंडल में परिवर्तित हो गए हैं.

इसके अलावा लखनऊ मंडल के बहराइच- नानपारा -नेपालगंज रेलखंड के गेज कन्वर्जन का कार्य प्रगति पर है. नानपारा-मैलानी खंड को मीटर गेज में संरक्षित किया गया है. तीसरी लाइन निर्माण एवं दोहरीकरण के कार्य में तेजी आई है. गोंडा कचहरी- करनैलगंज करीब 24 किलोमीटर के तीसरी लाइन का निर्माण पूरा कर माह जुलाई 2024 में ट्रेनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया है. पूर्ण बजट में जो भी धनराशि पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में आएगी उससे निश्चित ही विकास और संरक्षण का कार्य तेज होगा.

19,848 करोड़ रुपए से यूपी में बदलेगी रेल की तस्वीर : उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों के साथ ही ट्रैक की हालत सुधरेगी. स्टेशन चमकेंगे. ट्रैक सुधरेंगे तो ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को सभी मंडलों के डीआरएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और बजट से जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि नई रेलवे लाइनों को बिछाने, सेफ्टी बेहतर करने, रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन व यात्री सुविधाओं की वृद्घि के लिए 19,848 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल के बजट की तुलना में 18 गुना अधिक है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा व पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार जुड़े रहे. डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि रेलवे को कुल 2.62 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, इसमें 1.08 करोड़ रुपये सेफ्टी के मद में दिया गया है.

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि 2004-14 तक के 10 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को औसतन 1109 करोड़ रुपये दिए जाते रहे हैं. वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश में रेलवे के डेवलपमेंट के लिए 19,848 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो यूपीए सरकार की तुलना में 18 गुना है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेलवे का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है. वर्तमान में रेलवे स्टेशनों के विकास से लेकर ट्रैक मेंटेनेंस के 92 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं, जिसके लिए भी पैसा दिया गया है. उन्होंने बताया कि 157 अमृत भारत स्टेशनों का उत्तर प्रदेश में विकास किया जा रहा है. पिछले 10 वर्षों में 1490 आरओबी-आरयूबी बनाए गए हैं. इतना ही नहीं 490 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण हर साल किया गया है. इस लिहाज से 10 साल में 4900 किलोमीटर ट्रैक बनाया गया है, जबकि स्विट्जरलैंड में रेलवे का कुल नेटवर्क ही सिर्फ पांच हजार किलोमीटर का है.

घट गए 60 प्रतिशत घटे रेल हादसे : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटनाओं की बात की जाए तो इसमें 60 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है. वहीं, रेल फ्रैक्चर 85 फीसद कम हो गए हैं. इतना ही नहीं पैंट्रीकार की डीप क्लीनिंग पर काम किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को क्वालिटी खाना उपलब्‍ध कराया जा सके.

खास है हिमालयन टनलिंग मेथेड : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हिमालय नई पर्वत श्रृंखला है. ऐसे में यहां रेलवे के लिए टनल बनाना आसान नहीं है, इसलिए रेलवे ने हिमालयन टनलिंग मेथेड डेवलप किया है. इससे टनल का डिजाइन पहाड़ के अनुसार बनाया जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका कम हो जाती है.

रेल बजट पर पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार का कहना है कि रेलवे से जुड़े सभी कार्य कराए जाएंगे.

यह भी पढ़ें : बजट 2024: मोदी सरकार इस बार रेलवे पर करेगी फोकस, होंगे ये बदलाव! - Railway Budget 2024

यह भी पढ़ें : रेल बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर ध्यान, सेमी हाईस्पीड ट्रेनों पर रहेगा फोकस - Budget 2024

मीडिया को जानकारी देतीं पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर. (Video Credit : ETV Bharat)

गोरखपुर : स्विट्ज़रलैंड देश का जो रेल नेटवर्क है, उसके बराबर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार में अकेले उत्तर प्रदेश में रेल पटरियों का जाल बिछाया गया है. स्विट्जरलैंड में कुल 5000 किलोमीटर का रेल नेटवर्क है, लेकिन मोदी सरकार में पिछले 10 वर्षों में चार हजार 900 किलोमीटर नई रेलवे लाइन, अकेले उत्तर प्रदेश में बिछाई गई हैं. यह बातें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कही.

रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधा, समय की बचत और संरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस विस्तार को मोदी सरकार गति दे रही है. इस विस्तार में खास बात यह है कि यूपीए सरकार अब तक उत्तर प्रदेश में रेल नेटवर्क के विस्तार में जो अपना योगदान देती रही है, उसके सापेक्ष यह 18 गुना अधिक है. यानी कि समझा जा सकता है कि मोदी सरकार रेलवे के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को बेहतर बनाने में कितना योगदान दे रही है. रेल मंत्री ने कहा कि इस वर्ष दो लाख 62 हजार करोड़ की धनराशि का रिकॉर्ड आवंटन रेलवे को मिला है जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार करोड़ अधिक है.

रेल बजट पर पूर्वोत्तर रेलवे की महाप्रबंधक सौम्या माथुर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यूपी को जो 19 हजार 848 करोड़ का बजट रेलवे के विकास के लिए दिया गया है, उसमें निश्चित रूप से पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में बड़ी धनराशि प्राप्त होगी. यहां पर पहले से चली आ रही परियोजनाओं को तेजी के साथ पूरा करने में मदद मिलेगा. चाहे वह सहजनवा- दोहरीघाट रेलवे लाइन के विस्तार की बात हो या फिर घुघुली- महाराजगंज रेल लाइन. यूपी में 157 स्टेशन अमृत भारत के तहत विकसित किए जा रहे हैं तो 1490 फ्लाईओवर और अंडरपास इन 10 वर्षों में बनाए गए हैं.

सौम्या माथुर के मुताबिक कुंभ के लिए भी बड़ी तैयारी चल रही है और करीब 40 से अधिक प्रोजेक्ट पर काम प्रस्तावित है. फिलहाल पूर्वोत्तर रेलवे में कवच प्रणाली अभी लागू नहीं हुई है, लेकिन भविष्य में इसे लागू करने में जो ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया है. वह अपनी बड़ी भूमिका अदा करेगा. क्योंकि इसी के सहारे ऐसी सुरक्षा प्रणाली संचालित होती है. सहजनवा-दोहरीघाट के लिए बिछाई जाने वाली नई रेल लाइन को मगहर से भी कनेक्ट करने का प्रस्ताव है.

सौम्या माथुर ने बताया कि 1 फरवरी 2024 को देश का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया गया था. बजट में पूर्वोत्तर रेलवे पर नई लाइन निर्माण, दोहरीकरण, तीसरी लाइन और अमान परिवर्तन सहित निर्माण परियोजनाओं, रेल संरक्षण, रेल पथ नवीनीकरण, आरोबी, आरयूबी पुलों के सुदृढ़ीकरण, यातायात सुविधाओं के विस्तार, सिग्नल एवं दूरसंचार कार्य, कर्मचारी कल्याण के लिए धनराशि का आवंटन किया गया था. पूर्वोत्तर रेलवे पिछली वर्ष ही शत प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. मीटर गेज लाइनों को ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया गया है. वाराणसी मंडल और इज्जतनगर मंडल पूर्ण रूप से ब्रॉड गेज मंडल में परिवर्तित हो गए हैं.

इसके अलावा लखनऊ मंडल के बहराइच- नानपारा -नेपालगंज रेलखंड के गेज कन्वर्जन का कार्य प्रगति पर है. नानपारा-मैलानी खंड को मीटर गेज में संरक्षित किया गया है. तीसरी लाइन निर्माण एवं दोहरीकरण के कार्य में तेजी आई है. गोंडा कचहरी- करनैलगंज करीब 24 किलोमीटर के तीसरी लाइन का निर्माण पूरा कर माह जुलाई 2024 में ट्रेनों के आवागमन के लिए खोल दिया गया है. पूर्ण बजट में जो भी धनराशि पूर्वोत्तर रेलवे के खाते में आएगी उससे निश्चित ही विकास और संरक्षण का कार्य तेज होगा.

19,848 करोड़ रुपए से यूपी में बदलेगी रेल की तस्वीर : उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों के साथ ही ट्रैक की हालत सुधरेगी. स्टेशन चमकेंगे. ट्रैक सुधरेंगे तो ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को सभी मंडलों के डीआरएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और बजट से जुड़ी जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि नई रेलवे लाइनों को बिछाने, सेफ्टी बेहतर करने, रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन व यात्री सुविधाओं की वृद्घि के लिए 19,848 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. यह यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल के बजट की तुलना में 18 गुना अधिक है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा व पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार जुड़े रहे. डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि रेलवे को कुल 2.62 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, इसमें 1.08 करोड़ रुपये सेफ्टी के मद में दिया गया है.

उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक सचिंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि 2004-14 तक के 10 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश को औसतन 1109 करोड़ रुपये दिए जाते रहे हैं. वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश में रेलवे के डेवलपमेंट के लिए 19,848 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जो यूपीए सरकार की तुलना में 18 गुना है. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेलवे का शत प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है. वर्तमान में रेलवे स्टेशनों के विकास से लेकर ट्रैक मेंटेनेंस के 92 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं, जिसके लिए भी पैसा दिया गया है. उन्होंने बताया कि 157 अमृत भारत स्टेशनों का उत्तर प्रदेश में विकास किया जा रहा है. पिछले 10 वर्षों में 1490 आरओबी-आरयूबी बनाए गए हैं. इतना ही नहीं 490 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण हर साल किया गया है. इस लिहाज से 10 साल में 4900 किलोमीटर ट्रैक बनाया गया है, जबकि स्विट्जरलैंड में रेलवे का कुल नेटवर्क ही सिर्फ पांच हजार किलोमीटर का है.

घट गए 60 प्रतिशत घटे रेल हादसे : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटनाओं की बात की जाए तो इसमें 60 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है. वहीं, रेल फ्रैक्चर 85 फीसद कम हो गए हैं. इतना ही नहीं पैंट्रीकार की डीप क्लीनिंग पर काम किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को क्वालिटी खाना उपलब्‍ध कराया जा सके.

खास है हिमालयन टनलिंग मेथेड : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हिमालय नई पर्वत श्रृंखला है. ऐसे में यहां रेलवे के लिए टनल बनाना आसान नहीं है, इसलिए रेलवे ने हिमालयन टनलिंग मेथेड डेवलप किया है. इससे टनल का डिजाइन पहाड़ के अनुसार बनाया जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका कम हो जाती है.

रेल बजट पर पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार का कहना है कि रेलवे से जुड़े सभी कार्य कराए जाएंगे.

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Last Updated : Jul 25, 2024, 1:57 PM IST
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