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अभियान के तहत 10 से 28 फरवरी तक 38 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

प्रयागराज में फाइलेरिया से बचाव के लिए अभियान (Prayagraj Filaria Eradication Campaign) चलाया जाएगा. इसके तहत 38 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएंगी. विभाग की ओर से इसकी रणनीति तैयार कर ली गई है.

प्रयागराज में अभियान चलाकर पिलाई जाएगी दवा.
प्रयागराज में अभियान चलाकर पिलाई जाएगी दवा.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 11:30 AM IST

प्रयागराज में अभियान चलाकर पिलाई जाएगी दवा.

प्रयागराज : राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 13 ब्लॉक में 10 से 28 फरवरी तक ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आईडीए) अभियान चलाया जाएगा. अभियान को लेकर गुरुवार को सीएमओ सभागार में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई. अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन में मीडिया की भी अहम भूमिका है. उन्होंने बताया कि जिले के 38 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी.

मच्छर काटने से फैलती है बीमारी : मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली एक गंभीर संक्रामक बीमारी है. इसे हाथी पांव भी कहा जाता है. यह दुनिया में दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. इस बीमारी से बचने का दवा ही एक मात्र विकल्प है. अभियान के दौरान लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी. दवा खिलाने के तुरंत बाद अंगुली पर निशान भी बनाया जाएगा. दवा सेवन के लिए आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों एवं कार्यक्रम स्थलों पर भी बूथ लगाकर उपस्थित लोगों को दवाई खिलाई जाएगी. साल में एक बार दो वर्ष तक फाइलेरिया रोधी दवा सभी लोग खाएंगे. इसके बाद ही फाइलेरिया से जीतना संभव है.

जिले के 13 ब्लॉकों में चलेगा अभियान : अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ परवेज अख्तर ने कहा कि यह अभियान जिलाधिकारी की निगरानी में चल रहा है. फाइलेरिया से लड़ाई सभी 13 ब्लॉक में रह रहे लोगों को संगठित होकर लड़नी होगी. इसके लिए क्षेत्र के लोगों से यह अपील है की वह अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता का सहयोग करें. अभियान के दौरान जब वह आपके घर आएं तो घर का मुखिया फाइलेरिया की दवा खुद भी खाएं और अपने परिवार को भी खाने के लिए प्रेरित करें. कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित जनपद के 13 ब्लॉक धनुपुर, हंडिया, कोटवा, कोरांव, प्रतापपुर, रामनगर, सैदाबाद, बहरिया, होलागढ़, कौडिहार, कौंधियारा, मेजा व सोरांव को भी फाइलेरिया उन्मूलन की ओर ले जाना है. ब्लॉक स्तर पर 27 रैपिड रिस्पांस व दवा सेवन के लिए 3044 अन्य टीम लगाई गई है.

पूरी तरह सुरक्षित है दवा : जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने कहा कि जनपद में 1292 फाइलेरिया लिम्फोडिमा व 926 हाइड्रोसील के मरीज हैं. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सहयोगी संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा रहा है. सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) ने सैदाबाद व कौंधियारा ब्लॉक में फाइलेरिया मरीजों का पेशेंट्स स्टेक होल्डर सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है. प्रधान, कोटेदार, समूह सखी, वालंटियर व ब्लॉक के स्वास्थ्यकर्मी गांव एवं स्कूलों में सामुदायिक बैठक कर रहे हैं. पाथ के डॉक्टर शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं. इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं. कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ रावेन्द्र सिंह, एसीएमओ तरुण पाठक, एसीएमओ आरसी पाण्डेय, डॉक्टर आरके श्रीवास्तव एवं अभियान में सहयोग कर रही संस्था पाथ, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि व जिला मलेरिया विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें : श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए विशालाक्षी के पास बनेगा नया रास्ता, प्रसाद का होगा वितरण

प्रयागराज में अभियान चलाकर पिलाई जाएगी दवा.

प्रयागराज : राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 13 ब्लॉक में 10 से 28 फरवरी तक ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आईडीए) अभियान चलाया जाएगा. अभियान को लेकर गुरुवार को सीएमओ सभागार में मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला आयोजित हुई. अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशु पांडेय ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन में मीडिया की भी अहम भूमिका है. उन्होंने बताया कि जिले के 38 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी.

मच्छर काटने से फैलती है बीमारी : मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली एक गंभीर संक्रामक बीमारी है. इसे हाथी पांव भी कहा जाता है. यह दुनिया में दूसरे नंबर की ऐसी बीमारी है जो बड़े पैमाने पर लोगों को विकलांग बना रही है. इस बीमारी से बचने का दवा ही एक मात्र विकल्प है. अभियान के दौरान लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी. दवा खिलाने के तुरंत बाद अंगुली पर निशान भी बनाया जाएगा. दवा सेवन के लिए आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालयों एवं कार्यक्रम स्थलों पर भी बूथ लगाकर उपस्थित लोगों को दवाई खिलाई जाएगी. साल में एक बार दो वर्ष तक फाइलेरिया रोधी दवा सभी लोग खाएंगे. इसके बाद ही फाइलेरिया से जीतना संभव है.

जिले के 13 ब्लॉकों में चलेगा अभियान : अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ परवेज अख्तर ने कहा कि यह अभियान जिलाधिकारी की निगरानी में चल रहा है. फाइलेरिया से लड़ाई सभी 13 ब्लॉक में रह रहे लोगों को संगठित होकर लड़नी होगी. इसके लिए क्षेत्र के लोगों से यह अपील है की वह अपने क्षेत्र में आशा कार्यकर्ता का सहयोग करें. अभियान के दौरान जब वह आपके घर आएं तो घर का मुखिया फाइलेरिया की दवा खुद भी खाएं और अपने परिवार को भी खाने के लिए प्रेरित करें. कार्यक्रम का संचालन कर रहे जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित जनपद के 13 ब्लॉक धनुपुर, हंडिया, कोटवा, कोरांव, प्रतापपुर, रामनगर, सैदाबाद, बहरिया, होलागढ़, कौडिहार, कौंधियारा, मेजा व सोरांव को भी फाइलेरिया उन्मूलन की ओर ले जाना है. ब्लॉक स्तर पर 27 रैपिड रिस्पांस व दवा सेवन के लिए 3044 अन्य टीम लगाई गई है.

पूरी तरह सुरक्षित है दवा : जिला मलेरिया अधिकारी आनंद सिंह ने कहा कि जनपद में 1292 फाइलेरिया लिम्फोडिमा व 926 हाइड्रोसील के मरीज हैं. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सहयोगी संस्थाओं से भी सहयोग लिया जा रहा है. सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) ने सैदाबाद व कौंधियारा ब्लॉक में फाइलेरिया मरीजों का पेशेंट्स स्टेक होल्डर सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है. प्रधान, कोटेदार, समूह सखी, वालंटियर व ब्लॉक के स्वास्थ्यकर्मी गांव एवं स्कूलों में सामुदायिक बैठक कर रहे हैं. पाथ के डॉक्टर शाश्वत त्रिपाठी ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं. इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक है कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं. कार्यशाला में डिप्टी सीएमओ रावेन्द्र सिंह, एसीएमओ तरुण पाठक, एसीएमओ आरसी पाण्डेय, डॉक्टर आरके श्रीवास्तव एवं अभियान में सहयोग कर रही संस्था पाथ, पीसीआई, सीफार के जिला प्रतिनिधि व जिला मलेरिया विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे.

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