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Rajasthan: बेकाबू हुए कीमती धातु के दाम, खाद्य वस्तुओं में भी तेजी से दीपावली को बनाया महंगा

सोना-चांदी के दामों में वृद्धि के साथ खाद्य वस्तुओं की कीमतों ने आम आदमी की जेब पर असर डाला है. बाजार में ग्राहकी मंद है.

Inflation Effect on Diwali
महंगाई ने दिवाली की रौनक को किया फीका (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 24, 2024, 4:24 PM IST

अजमेर: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. बाजारों में महंगाई का असर भी देखा जा रहा है. त्योहारी सीजन होने के बावजूद बाजार में ग्राहकी कमजोर नजर आ रही है. महंगाई का असर कीमती धातु तक ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा में खाने में काम आने वाली खाद्य वस्तुओं पर भी है. ऐसे में इस बार की दीपावली लोगों की जेब पर महंगी पड़ रही है.

इस दिवाली महंगाई की मार से व्यापारी और आमजन बेहाल (ETV Bharat Ajmer)

दीपावली में अब एक हफ्ते का समय शेष रह गया है. मगर बाजार में ग्राहकी सामान्य दिनों की तरह ही है. महंगाई ने बाजार के साथ आमजन की जेब पर गहरा असर डाला है. सोना-चांदी के दामों में बेताशा वृद्धि हो रही है. वहीं खाद्य वस्तुओं की बढ़ती दरों ने व्यापारी ही नहीं आमजन को भी सकते में ला दिया है. व्यापारियों का मानना है कि कीमतों में कमी आने के अभी कोई आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं. दीपावली के कारण लोग खरीदारी तो करेंगे, लेकिन उत्पादों की बिक्री उतनी नहीं होगी जितनी होनी चाहिए.

पढ़ें: Rajasthan: शिखर पर सोना : 80 हजार के करीब पहुंचा दाम, चांदी भी चमकी

अजमेर सर्राफा बाजार के अध्यक्ष अशोक बिंदल ने बताते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में अशांति का असर कीमती धातु पर पड़ रहा है. डिमांड के कारण सोने और चांदी के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन भारत में लोग सोना-चांदी शादी विवाह और अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खरीदते हैं. लेकिन लगातार भाव में वृद्धि के कारण अब यह कीमती धातु आमजन के हाथों से दूर निकल गई है.

पढ़ें: शुक्र के वृश्चिक राशि में प्रवेश से महंगाई में वृद्धि संभव, इन राशियों पर पड़ेगा असर

उन्होंने बताया कि मिडिल क्लास फैमिली में पहले बहन-बेटी की शादी में 5 से 15 ग्राम सोना दे देते थे. लेकिन अब 4 से 5 ग्राम सोना खरीद पाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार में छोटी-मोटी ग्राहकी हो रही है, लेकिन यह उम्मीद से काफी कम है. दीपावली पर लोग शगुन के लिए कीमती धातु लेंगे, लेकिन जो 10 ग्राम सोच कर बैठे थे. वे 4 से 5 ग्राम लेंगे. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और सोलर पैनल में चांदी का उपयोग बढ़ाने के कारण भी मांग बढ़ गई है, जिससे चांदी के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. युद्ध रुकने पर सोने के दाम गिर सकते हैं और चांदी के भाव 80 हजार के आस-पास पर स्थिर हो सकते हैं.

खाद्य वस्तुओं की बात करें, तो खाद्य तेलों में सोयाबीन, सरसों के तेल में तेजी आई है. सोयाबीन तेल के एक 15 लीटर के टिन पर 550 से 600 रुपए की तेजी है. तेल के हॉल सेल व्यापारी राजू उदयरानी बताते हैं कि विगत 13 सितंबर को सरकार ने खाद्य तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से सोयाबीन आॅयल महंगा हुआ है. उन्होंने बताया कि केवल ड्यूटी बढ़ाना ही एक कारण नहीं है. देश में सोयाबीन के तेल का उत्पादन 4 माह तक की डिमांड को ही पूरा कर पाता है. ऐसे में सोयाबीन का तेल ब्राजील, अमेरिका और पाम आयल मलेशिया और इंडोनेशिया से मंगाया जाता है.

उन्होंने बताया कि तेल की तरह अन्य खाद्य वस्तुओं में महंगाई है. दीपावली को देखते हुए बिक्री निराशाजनक है. परचून दुकानदार दीपक बताते हैं कि आटे के 10 किलो के पैक पर 50 रुपए की तेजी है. इसी तरह दालों में 15 फीसदी, मेवों में 100 से 400 तक की तेजी है. ग्राहकी के हिसाब से बाजार उठ नहीं पा रहा है. खाद्य वस्तुओं में तेजी लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है.

पढ़ें: Rajasthan: फेस्टिव सीजन में सब्जियों ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद, प्याज-टमाटर का तड़का हुआ महंगा

यह कारण भी बिक्री पर डाल रहे है असर: ऑनलाइन खरीदारी ने भी लोकल बाजारों को गहरा झटका दिया है. बड़े मॉल और ऑनलाइन से लोग खरीदारी करते हैं. जहां आकर्षक स्कीमों से प्रभावित होकर लोग जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर लेते हैं. धीरे-धीरे खरीदारी का यह नया प्रचलन लोकल बाजारों पर भारी पड़ रहा है. इसके अलावा लोगों में होम, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, वाहन आदि भी लोन पर मिल रहे हैं. ऐसे में ईएमआई से अधिकांश लोग दबे हुए हैं, जिससे उनकी खरीदने की क्षमता भी कम हुई है.

अजमेर: महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है. बाजारों में महंगाई का असर भी देखा जा रहा है. त्योहारी सीजन होने के बावजूद बाजार में ग्राहकी कमजोर नजर आ रही है. महंगाई का असर कीमती धातु तक ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा में खाने में काम आने वाली खाद्य वस्तुओं पर भी है. ऐसे में इस बार की दीपावली लोगों की जेब पर महंगी पड़ रही है.

इस दिवाली महंगाई की मार से व्यापारी और आमजन बेहाल (ETV Bharat Ajmer)

दीपावली में अब एक हफ्ते का समय शेष रह गया है. मगर बाजार में ग्राहकी सामान्य दिनों की तरह ही है. महंगाई ने बाजार के साथ आमजन की जेब पर गहरा असर डाला है. सोना-चांदी के दामों में बेताशा वृद्धि हो रही है. वहीं खाद्य वस्तुओं की बढ़ती दरों ने व्यापारी ही नहीं आमजन को भी सकते में ला दिया है. व्यापारियों का मानना है कि कीमतों में कमी आने के अभी कोई आसार फिलहाल नजर नहीं आ रहे हैं. दीपावली के कारण लोग खरीदारी तो करेंगे, लेकिन उत्पादों की बिक्री उतनी नहीं होगी जितनी होनी चाहिए.

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अजमेर सर्राफा बाजार के अध्यक्ष अशोक बिंदल ने बताते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध और मिडिल ईस्ट में अशांति का असर कीमती धातु पर पड़ रहा है. डिमांड के कारण सोने और चांदी के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन भारत में लोग सोना-चांदी शादी विवाह और अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खरीदते हैं. लेकिन लगातार भाव में वृद्धि के कारण अब यह कीमती धातु आमजन के हाथों से दूर निकल गई है.

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उन्होंने बताया कि मिडिल क्लास फैमिली में पहले बहन-बेटी की शादी में 5 से 15 ग्राम सोना दे देते थे. लेकिन अब 4 से 5 ग्राम सोना खरीद पाना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार में छोटी-मोटी ग्राहकी हो रही है, लेकिन यह उम्मीद से काफी कम है. दीपावली पर लोग शगुन के लिए कीमती धातु लेंगे, लेकिन जो 10 ग्राम सोच कर बैठे थे. वे 4 से 5 ग्राम लेंगे. उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक और सोलर पैनल में चांदी का उपयोग बढ़ाने के कारण भी मांग बढ़ गई है, जिससे चांदी के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. युद्ध रुकने पर सोने के दाम गिर सकते हैं और चांदी के भाव 80 हजार के आस-पास पर स्थिर हो सकते हैं.

खाद्य वस्तुओं की बात करें, तो खाद्य तेलों में सोयाबीन, सरसों के तेल में तेजी आई है. सोयाबीन तेल के एक 15 लीटर के टिन पर 550 से 600 रुपए की तेजी है. तेल के हॉल सेल व्यापारी राजू उदयरानी बताते हैं कि विगत 13 सितंबर को सरकार ने खाद्य तेल पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से सोयाबीन आॅयल महंगा हुआ है. उन्होंने बताया कि केवल ड्यूटी बढ़ाना ही एक कारण नहीं है. देश में सोयाबीन के तेल का उत्पादन 4 माह तक की डिमांड को ही पूरा कर पाता है. ऐसे में सोयाबीन का तेल ब्राजील, अमेरिका और पाम आयल मलेशिया और इंडोनेशिया से मंगाया जाता है.

उन्होंने बताया कि तेल की तरह अन्य खाद्य वस्तुओं में महंगाई है. दीपावली को देखते हुए बिक्री निराशाजनक है. परचून दुकानदार दीपक बताते हैं कि आटे के 10 किलो के पैक पर 50 रुपए की तेजी है. इसी तरह दालों में 15 फीसदी, मेवों में 100 से 400 तक की तेजी है. ग्राहकी के हिसाब से बाजार उठ नहीं पा रहा है. खाद्य वस्तुओं में तेजी लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है.

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यह कारण भी बिक्री पर डाल रहे है असर: ऑनलाइन खरीदारी ने भी लोकल बाजारों को गहरा झटका दिया है. बड़े मॉल और ऑनलाइन से लोग खरीदारी करते हैं. जहां आकर्षक स्कीमों से प्रभावित होकर लोग जरूरत से ज्यादा खरीदारी कर लेते हैं. धीरे-धीरे खरीदारी का यह नया प्रचलन लोकल बाजारों पर भारी पड़ रहा है. इसके अलावा लोगों में होम, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, वाहन आदि भी लोन पर मिल रहे हैं. ऐसे में ईएमआई से अधिकांश लोग दबे हुए हैं, जिससे उनकी खरीदने की क्षमता भी कम हुई है.

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