लक्सर: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. हरिद्वार लोकसभा सीट से त्रिवेंद्र सिंह रावत के मैदान में उतरते ही हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. क्योंकि उमेश कुमार पहले ही हरिद्वार लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. उमेश कुमार और त्रिवेंद्र सिंह रावत की पुरानी अदावत जग जाहिर है.
यही कारण है कि जब उमेश कुमार से त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरिद्वार लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी बनाए जाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने त्रिवेंद्र को भ्रष्ट बताया है. उमेश कुमार ने त्रिवेंद्र सिंह रावत पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने उत्तराखंड की जनता को चार साल तक त्रस्त किया हो, बेरोजगारों पर लाठीचार्ज कराया हो, भांग के व्यापार को बढ़ावा दिया हो, दो साल में 12 शराब की फैक्ट्री लगवाई हों, जिस व्यक्ति को भ्रष्टाचार के चलते मुख्यमंत्री पद से हटाया गया हो, उस व्यक्ति को बीजेपी ने हरिद्वार लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है.
उमेश कुमार ने कहा कि हरिद्वार की जनता ऐसे व्यक्ति को अपने सांसद के तौर पर कबूल नहीं करेगी. उमेश कुमार ने बीजेपी से सवाल किया को क्या पार्टी के पास हरिद्वार का कोई लोकल प्रत्याशी नहीं है. हरिद्वार की जनता को स्थानीय प्रत्याशी चाहिए. लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार की जनता इसका जवाब देगी.
त्रिवेंद्र-उमेश कुमार के बीच का विवाद: त्रिवेंद्र सिंह रावत जब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री थे, तब पत्रकारिता कर रहे वर्तमान निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने आरोप लगाया था कि साल 2016 में त्रिवेंद्र ने झारखंड के 'गौ सेवा आयोग' का अध्यक्ष बनाने के लिए एक व्यक्ति से घूस ली थी.
उमेश कुमार का आरोप था कि जब त्रिवेंद्र सिंह रावत झारखंड बीजेपी के प्रभारी थे, तभी उन्होंने ये कांड किया था. उमेश कुमार ने तो यहां तक आरोप लगाया था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घूस की रकम अपन रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर करवाई थी. तब उमेश कुमार ने किसी हरेंद्र सिंह रावत का नाम भी लिया था.
इन आरोपों के बाद हरेंद्र सिंह रावत ने 31 जुलाई 2020 को देहरादून में उमेश कुमार के खिलाफ ब्लैकमेलिंग सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. हरेंद्र सिंह का आरोप था कि उमेश कुमार ने सोशल मीडिया पर खबर चलाई थी कि हरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड के अमृतेश चौहान ने पैसे जमा किए हैं.
साथ ही खबर में ये भी दिखाया गया है कि अमृतेश चौहान ने ये पैसे त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा है. खबरों में सविता रावत को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की पत्नी की सगी बहन बताया गया. हरेंद्र सिंह ने अपनी शिकायत में कहा था कि उमेश कुमार शर्मा पैसों के ट्रांसफर को लेकर जो दस्तावेज दिखा रहे हैं वो सभी फर्जी हैं. उन्होंने उमेश कुमार के सभी आरोपों को निराधार बताया था.
इसके बाद तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने उमेश शर्मा पर गैंगस्टर एक्ट भी लगा दिया था. हालांकि गिरफ्तारी से बचने के लिए उमेश कुमार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी. बाद में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने उमेश के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा भी दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने उमेश शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
तभी से दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते हुए नजर आते हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उमेश कुमार ने हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था और बीजेपी के प्रत्याशी को हराया था. अब उमेश कुमार ने हरिद्वार लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरने का ऐलान किया है. वहीं बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को हरिद्वार से प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला इस बार दिलचस्प रहने वाला है.
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