उमरिया। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से अच्छी खबर आई है. जहां पूनम नाम की हथिनी ने एक बच्चे को जन्म दिया है. टाइगर रिजर्व में नए मेहमान के आने से वहां खुशी का माहौल है. हथिनी के बच्चे और हथिनी की देखरेख में वन प्रबंधन लगा हुआ है. मां बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर पैनी नजर प्रबंधन बनाये हुए है. उसके स्वास्थ्य की जांच कर रहा है, साथ ही उच्च गुणवत्ता का भोजन भी दिया जा रहा है.
बांधवगढ़ में आया नन्हा मेहमान
वैसे तो बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों के लिए जाना जाता है. यहां अक्सर ही पर्यटक बाघों के दीदार के लिए पहुंचते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बांधवगढ़ में बाघों की संख्या इतनी ज्यादा है कि यहां बाघों के दीदार किसी भी समय आसानी से हो जाते हैं. लेकिन इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में खुशी का माहौल है, और ये खुशी का माहौल बाघ की वजह से नहीं है, बल्कि एक हथिनी की वजह से है. दरअसल बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की जो खास हथिनी पूनम है, उसने मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात में एक मादा शावक को जन्म दिया है. इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में और प्रबंधन में खुशी का माहौल है.
हाथियों के दल में इजाफा
इसके साथ ही बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पालतू हाथियों के दल में एक और हाथी का इजाफा हो गया है. अब बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 14 हाथी हो गए हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संयुक्त संचालक पीके वर्मा के मुताबिक, ''प्रसव के पहले से ही हथिनी की देखभाल बड़ी मुस्तैदी के साथ की जा रही थी. यही वजह है कि पूनम हथिनी ने एक अच्छे और स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है. जो आगामी समय में टाइगर रिजर्व में वनों एवं वन्य जीव संरक्षण में सहयोग करेगा.''
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बाघों की जान बचाने में मददगार हैं हाथी
गौरतलब है कि, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व सहित सामान्य जंगलों में जब कभी भी बाघों का रेस्क्यू करना होता है, वैसे भी बाघ खतरनाक जानवर माना जाता है और जब कभी ऐसी जगह पर बाघों का रेस्क्यू करना पड़ जाता है, जहां पहुंचना आसान नहीं होता है, दुर्गम क्षेत्र होते हैं, और बड़ी चुनौती होती है. ऐसी जगह के लिए ये पालतू हाथी बहुत काम आते हैं. यह हाथी नदी नालों को पार करते हुए सघन पहाड़ों वनों के भीतर पहुंचते हैं क्योंकि यह अलग तरीके से प्रशिक्षित किए जाते हैं और बाघों की जान बचाने में बहुत मददगार साबित होते हैं.