उमरिया। आम तौर पर बाघ, बाघिन के साथ शावकों को बर्दाश्त नहीं करता और उन पर हमला करके उन्हें खत्म करने की कोशिश करता है. इस दौरान बाघिन भी बाघ पर हमला कर देती है और इस पशुसंग्राम का अंत किसी एक की मौत पर होता है. इसके विपरीत बांधवगढ़ के खितौली रेंज मे छोटा भीम, तारा और उनके चार शावक एक परिवार की तरह रह रहे हैं. इन्हें देखने वाले बताते हैं कि तारा और छोटा भीम तो सीता और चार्जर की प्रेमकथा को दोहरा रहे हैं. चार्जर भी सीता के साथ इसी तरह रहता था और उसके शावक का भी ख्याल रखता था.
पिता की जिम्मेदारी निभा रहा छोटा भीम
कुछ दिन पहले छोटा भीम की तारा के चार शावकों के साथ एक ताजा तस्वीर सामने आई है. इस तस्वीर में तारा के चारों शावक छोटा भीम के साथ नजर आ रहे हैं लेकिन तारा इसमें नहीं है. यह तारा का छोटा भीम पर भरोसा ही है कि वह अपने शावकों को छोटा भीम के साथ छोड़कर कहीं भी जा सकती है. वीडियो में छोटा भीम शावकों के साथ एक जिम्मेदार पिता की तरह नजर आ रहा है. कुछ दिन पहले खितौली गेट के पास वाले तालाब में बनाई गई यह वीडियो काफी चर्चा में है.
पूरा परिवार रहता है एक साथ
बाघों की सघनता एवं सहजता से बाघ दर्शन के लिए मशहूर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघिन तारा पर्यटकों की आंख का तारा बनी हुई है. बाघिन तारा ने दूसरी बार में चार शावकों को जन्म दिया है. इस बाघिन ने खितौली गेट के समीप ही अपनी डमडमा नाले एवं उसके आस-पास अपनी बाघ टैरोटी बना रखी है. तारा ने जब पहली बार तीन शावकों को जन्म दिया था तो वह उन्हें बचा नहीं पाई. दरअसल उन शावकों को जवान होते ही बाघ ने मार दिया था. तारा बाघिन अपने मौजूदा चार शावकों और छोटा भीम के साथ इस क्षेत्र में रह रही है.
आकर्षण का केंद्र बना छोटा भीम
बाघिन तारा अपने चार शावकों के साथ तो दिखाई देती ही है, साथ ही यह भी खास बात है कि बाघ छोटा भीम जो कि चारों शावकों का पिता है वह भी इनके साथ ही अक्सर दिखाई देता है. छोटा भीम अपने विशाल डीलडौल के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का कारण बना रहता है. खास बात यह है कि शावकों के जवान होने के बावजूद भी छोटा भीम उनके तारा के साथ रहने पर आपत्ति नहीं करता और उन्हें अपने साथ रखता है.
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सीता और चार्जर की कहानी हुई ताजा
जानकारी के मुताबिक, बांधवगढ़ में आज सीता और चार्जर की ग्यारहवीं पीढ़ी विचरण कर रही है. सीता खितौली मेटा पापुलेशन की सदस्य थी और चार्जर घुनघुटी मेटा पापुलेशन का. जब यह दोनों मिले तो इनमें वंशानुगत लक्षण पूरी तरह से अलग थे. यही कारण है कि इनसे उत्पन्न संतानें लंबे समय तक जीवित रहीं. तारा की मां पुरानी डमडमा बाघिन भी सीता तीसरी पीढ़ी की संतान थी. जरा सोचिए बांधवगढ़ में सफारी कर रहे पर्यटकों के सामने एक साथ 6 बाघ आ जाएं तो क्या होगा, निश्चित तौर पर पर्यटक खुशी से उछलने लगेंगे. ऐसा ही कुछ यहां तब होता है जब छोटा भीम और तारा अपने चार शावकों के साथ पर्यटकों के सामने आते हैं. इन बाघों को देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं. पर्यटकों के सामने यह रोमांचक दृश्य बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली कोर जोन में अक्सर उतपन्न होता है.