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झारखंड में IN-OUT का दौर शुरू, नेता थाम रहे नई नाव नई पतवार!

झारखंड में चुनाव की घोषणा होते ही नेताओं का पाला बदलना शुरू हो चुका है. एनडीए के दो नेता जेएमएम में शामिल हुए.

Umakant Rajak and Kedar Hazra have joined JMM
सीएम के मौजूदगी में जेएमएम में शामिल होते उमाकांत रजक और केदार हाजरा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 18, 2024, 4:46 PM IST

Updated : Oct 18, 2024, 5:02 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए झारखंड में राजनीतिक दलों ने एक दूसरे को मात देने के लिए अपनी अपनी गोटी सेट करना शुरू कर दिया है. भाजपा कार्यालय में आजसू प्रमुख सुदेश महतो के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला घोषित होते ही पूर्व मंत्री एवं आजसू के कद्दावर नेता उमाकांत रजक आजसू को छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए. वहीं जमुआ से भाजपा विधायक केदार हाजरा ने भी भारतीय जनता पार्टी को छोड़ आज कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास पर झामुमो का दामन थाम लिया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने पर आजसू और भाजपा के दोनों नेताओं ने इसे समय की मांग बताया. उमाकांत रजक तो इसे घर वापसी बताने से नहीं चुके. वहीं इस मौके पर आत्मविश्वास से भरे दिखे झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महागठबंधन में सही समय के साथ सब कुछ तय हो जाएगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की सभी 81 विधानसभा सीट पर भाजपा को डब्बे में बंद कर देंगे.

सीएम हेमंत सोरेन, उमाकांत रजक और केदार हाजरा का बयान (ईटीवी भारत)

क्यों दोनों नेताओं ने छोड़ी अपनी-अपनी पार्टी

दरअसल एनडीए में चंदनकियारी विधानसभा सीट भाजपा के कोटे में गई है, यहां से ही आजसू नेता उमाकांत रजक राजनीति करते रहे हैं. भाजपा की मजबूरी यह थी कि उनके विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी विधानसभा का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में यह सीट आजसू को देने पर भी पार्टी नहीं सोच सकती थी. ऐसे में जब आजसू ने चंदनकियारी विधानसभा सीट छोड़ी तो उमाकांत रजक ने अपनी नई राह झामुमो में तलाश ली.

इसी तरह जमुआ के वर्तमान विधायक केदार हाजरा को झारखंड मुक्ति मोर्चा में इसलिए शामिल होने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि दो दिन पहले ही भाजपा ने 2019 में जमुआ विधानसभा सीट पर रनर अप रही कांग्रेस उम्मीदवार डॉ मंजू कुमारी को भाजपा में शामिल कराया था. ऐसे में केदार हाजरा ने अपनी जमुआ की उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए भाजपा छोड़ झामुमो का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मिलन समारोह में विधायक कल्पना सोरेन, विनोद पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य सहित बड़ी संख्या के कार्यकर्ता मौजूद थे.

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रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए झारखंड में राजनीतिक दलों ने एक दूसरे को मात देने के लिए अपनी अपनी गोटी सेट करना शुरू कर दिया है. भाजपा कार्यालय में आजसू प्रमुख सुदेश महतो के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला घोषित होते ही पूर्व मंत्री एवं आजसू के कद्दावर नेता उमाकांत रजक आजसू को छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए. वहीं जमुआ से भाजपा विधायक केदार हाजरा ने भी भारतीय जनता पार्टी को छोड़ आज कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास पर झामुमो का दामन थाम लिया.

झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने पर आजसू और भाजपा के दोनों नेताओं ने इसे समय की मांग बताया. उमाकांत रजक तो इसे घर वापसी बताने से नहीं चुके. वहीं इस मौके पर आत्मविश्वास से भरे दिखे झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि महागठबंधन में सही समय के साथ सब कुछ तय हो जाएगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की सभी 81 विधानसभा सीट पर भाजपा को डब्बे में बंद कर देंगे.

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दरअसल एनडीए में चंदनकियारी विधानसभा सीट भाजपा के कोटे में गई है, यहां से ही आजसू नेता उमाकांत रजक राजनीति करते रहे हैं. भाजपा की मजबूरी यह थी कि उनके विधायक दल के नेता अमर कुमार बाउरी चंदनकियारी विधानसभा का ही प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में यह सीट आजसू को देने पर भी पार्टी नहीं सोच सकती थी. ऐसे में जब आजसू ने चंदनकियारी विधानसभा सीट छोड़ी तो उमाकांत रजक ने अपनी नई राह झामुमो में तलाश ली.

इसी तरह जमुआ के वर्तमान विधायक केदार हाजरा को झारखंड मुक्ति मोर्चा में इसलिए शामिल होने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि दो दिन पहले ही भाजपा ने 2019 में जमुआ विधानसभा सीट पर रनर अप रही कांग्रेस उम्मीदवार डॉ मंजू कुमारी को भाजपा में शामिल कराया था. ऐसे में केदार हाजरा ने अपनी जमुआ की उम्मीदवारी सुनिश्चित करने के लिए भाजपा छोड़ झामुमो का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित मिलन समारोह में विधायक कल्पना सोरेन, विनोद पांडेय, सुप्रियो भट्टाचार्य सहित बड़ी संख्या के कार्यकर्ता मौजूद थे.

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Last Updated : Oct 18, 2024, 5:02 PM IST
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