मथुरा : बुधवार को मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती धर्मनगरी वृंदावन पहुंचीं. यहां उन्होंने शरद पूर्णिमा के उपलक्ष्य में विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में पूजा अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया. बांके बिहारी मंदिर के बाद उमा भारती कात्यानी मंदिर पहुंचीं, जहां माता की आराधना कर उन्होंने देश में सुख शांति की कामना की. वहीं पत्रकारों से रूबरू होते हुए उमा भारती ने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट में है, लेकिन मेरी आस्था मेरा विश्वास कोर्ट में नहीं है. मैं चाहती हूं कि श्री कृष्ण जन्मभूमि पर भगवान श्री कृष्ण का भव्य मंदिर बने और किसी और धर्म का वहां स्थान नहीं हो.
उमा भारती ने बताया कि मैं वृंदावन आई हूं और यहां मैंने कात्यानी मंदिर में दर्शन किए हैं. कात्यानी माई मेरी आराध्य देवी हैं. मैंने यहां 9 दिन रहकर के साधना की थी और मैने माता से देशभक्ति का वरदान मांगा था. आज मैं बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए आई हूं, लेकिन कात्यायनी माई के दर्शन के बिना मेरी वृंदावन की यात्रा अधूरी रहती है. वहीं उमा भारती ने कृष्ण जन्म भूमि पर बोलते हुए कहा कि क्योंकि मामला कोर्ट में है, लेकिन मेरी आस्था, मेरा विश्वास कोर्ट में नहीं है, इसलिए मैं ज्यादा कुछ बोलूंगी नहीं. लेकिन मैं यह जरूर बोलूंगी कि मेरा विश्वास है मेरी आस्था है और पार्लियामेंट में 1992 में मैंने कहा था कि मथुरा, काशी और अयोध्या का एक साथ फैसला कर दीजिए. इन तीनों पर भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए. तब नरसिम्हा राव की सरकार थी. जन्म भूमि पर भव्य कृष्ण मंदिर का निर्माण होना चाहिए और वहां पर अन्य धर्म का कोई स्थान नहीं होना चाहिए.
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