देहरादून: उत्तराखंड में पेपर लीक मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरीं. एक के बाद एक पेपर के लीक होने से सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं संदेह के दायरे में आ गई. मामला खुला तो सरकार के निर्देश पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई. इस दौरान उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने भी कई कठोर निर्णय लिए. इसी कड़ी में अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने उन चार कोचिंग सेंटर पर कानूनी शिकंजा कसने के लिए पत्राचार शुरू किया है, जो पेपर लीक मामले में संदिग्ध स्थिति में दिखाई दिए हैं.
पेपर लीक मामले में 4 कोचिंग सेंटर की भूमिका रही संदिग्ध: उत्तराखंड में पेपर लीक मामले को लेकर 4 कोचिंग सेंटर की जांच के दौरान भूमिका संदिग्ध रही है. इनसे जुड़े लोगों का पेपर लीक में इंवॉल्वमेंट भी दिखाई दिया है. इन्हीं चार कोचिंग सेंटर्स पर अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कानूनी शिकंजा कसने के लिए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा है. इन चार कोचिंग सेंटर्स में से 3 कोचिंग सेंटर हरिद्वार जिले में मौजूद हैं. जबकि, एक कोचिंग सेंटर देहरादून में है. इन कोचिंग सेंटर पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए आयोग ने जिलाधिकारी को पत्र भेज दिया है.
पेपर लीक में हो चुकी 70 लोगों की गिरफ्तारी: उत्तराखंड में पेपर लीक मामलों को लेकर करीब 5 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसमें करीब 70 लोगों की भी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इन मामलों का खुलासा पहली बार साल 2022 में हुआ था. जब आयोग ने पहली बार पेपर लीक को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया था. आने वाले दिनों में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्तर पर कई परीक्षाएं आयोजित कराई जानी है. ऐसे में आयोग की तरफ से अतिरिक्त सावधानियां बरती जा रही है.
आयोग की तरफ से न केवल परीक्षा केंद्रों पर पारदर्शी परीक्षा के प्रयास हो रहे हैं. बल्कि, नकल माफियाओं को भी हतोत्साहित किया जा सके, इसके लिए भी विभिन्न फैसले लिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आने वाली परीक्षाओं को देखते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यानी यूकेएसएसएससी ने पेपर लीक से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों का संकलन करते हुए इससे जुड़ी एक रिपोर्ट जिलों को भेज दी है. इसमें उन लोगों की भी जानकारियां भेजी गई हैं, जिन्हें पेपर लीक मामले को लेकर गिरफ्तार तो किया गया था, लेकिन अब वो जमानत पर फिलहाल रिहा हैं.
कोचिंग सेंटर से जुड़े आरोपियों की भी जानकारियां भेजी गई हैं. ताकि, इन पर निगरानी रखी जा सके. आयोग ने ऐसे लोगों पर निगरानी रखने के लिए विशेष रूप से पत्र में जिक्र किया है. इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्योंकि ये लोग जांच के दौरान पेपर लीक के मामले में संलिप्तता के दायरे में रहे हैं और कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा बने हुए हैं. लिहाजा, ऐसे संदिग्ध लोगों पर विशेष रूप से निगरानी रखी जाए. ताकि, आने वाली परीक्षाओं को पारदर्शी कराए जाने के लिए कोई समस्या उत्पन्न न हो.
ईटीवी भारत पर क्या बोले यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया? ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि पुराने रिकॉर्ड के संकलन के आधार पर जिलों में जानकारी भेजी गई है. ताकि, निगरानी बढ़ाई जा सके और ऐसे लोग कानून की निगाह में रहे. बेल पर बाहर आए आरोपियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी.
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