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चाईंशील बुग्याल के नजारों को देख नहीं हटेंगी नजरें! अब हिमाचल और उत्तराखंड के बीच होंगे ये काम - Chaainsheel Bugyal Trek

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 7, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Aug 7, 2024, 7:48 PM IST

Chaainsheel Bugyal Uttarkashi उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर एक खूबसूरत बुग्याल व घाटी है. जिसे हिमाचल प्रदेश में चांशल तो उत्तराखंड में चांइशील या चाईंशील के नाम से जाना जाता है. इस जगह को कुदरत ने बेपनाह खूबसूरती दी है. अगर कोई चाईंशील बुग्याल घूमने जाता है तो वो मदहोश हो जाता है, लेकिन यहां पहुंचने के लिए हिमाचल से सड़क मार्ग तो है, लेकिन उत्तराखंड से ट्रेक कर ही पहुंचा जा सकता है. इसी को लेकर आज दोनों राज्यों के लोनिवि मंत्रियों के बीच वार्ता हुई.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
चाईंशील बुग्याल (फोटो- ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज ने हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात की. यह मुलाकात दोनों राज्यों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने और बॉर्डर को जोड़ने वाली सड़कों को लेकर अहम रही. खासकर उत्तराखंड की चाईंशील (चांइशील) या चांशल घाटी को हिमाचल प्रदेश से जोड़ने को लेकर एक सकारात्मक चर्चा हुई.

देहरादून बीजापुर गेस्ट हाउस में हुई इस शिष्टाचार मुलाकात में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच पर्यटन एवं मोटर मार्गों को लेकर के बेहद महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई. बैठक में कहा गया कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियों समान हैं. पर्यटक स्थलों और उनको ऑपरेट करने की प्रक्रिया भी लगभग समान है. ऐसे में एक दूसरे की बेहतर चीजों के साथ एक दूसरे के खराब अनुभवों से भी सीखने की जरूरत है.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
चाईंशील बुग्याल का खूबसूरत नजारा (फोटो- ETV Bharat)

खासकर बैठक में पर्यटन के मद्देनजर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर में मौजूद खूबसूरत चाईंशील घाटी और बुग्याल को लेकर चर्चा हुई. क्योंकि, यह बुग्याल हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर मौजूद है. ऐसे में इसे सीधे हिमाचल से जोड़ने के लिए दोनों कैबिनेट मंत्रियों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई. वहीं, इसके अलावा हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाले पांवटा नेशनल हाईवे को लेकर भी दोनों पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर के बीच चर्चा हुई.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
चाईंशील घाटी (फोटो- ETV Bharat)

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर हिमालय की गोद में बसी चाईंशील घाटी उत्तरकाशी (उत्तराखंड) और शिमला (हिमाचल प्रदेश) जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से जुड़ी हुई है. पर्यटक चाईंशील जाने के लिए उत्तराखंड के बजाय हिमाचल के रास्ते जाते हैं. साहसिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण चाईंशील घाटी में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं.

बेहद खूबसूरत है चाईंशील या चांशल बुग्याल: दरअसल, इस खूबसूरत बुग्याल और घाटी को हिमाचल प्रदेश में चांशल तो उत्तराखंड में चाईंशील या चांइशील के नाम से जाना जाता है. बुग्याल का कुछ हिस्सा हिमाचल प्रदेश में आता है तो कुछ उत्तराखंड में आता है. यह बुग्याल दोनों राज्यों को बांटने का काम भी करता है. चाईंशील बुग्याल हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में रोहड़ू के चिरगांव के ऊपर है. जो डोडरा क्वार और रोहड़ू (चिरगांव) को जोड़ता है.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
मन मोह लेती है चाईंशील घाटी (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, चाईंशील बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मोरी तहसील के मौंडा और सेवा गांव के ऊपर है. चाईंशील घाटी 4,520 मीटर यानी 14,830 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह घाटी मई से नवंबर तक खुला रहता है. जबकि, सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है. चाईंशील का अर्थ चांद के समान शीतल माना जाता है. यहां से बर्फ से ढकी खूबसूरत पहाड़ नजर आते हैं. उत्तराखंड सरकार ने चाईंशील घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 में इसे ट्रेक ऑफ द ईयर भी घोषित किया था.

चाईंशील बुग्याल में मीलों लंबे मखमली घास के मैदान हैं. जहां कई प्रकार के फूल खिलते हैं. यहां दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भरपूर खजाना मौजूद है. इसके अलावा सरू ताल (झील) भी मौजूद है. जिसे काफी पवित्र माना जाता है. इसके अलावा निचले इलाकों में भोजपत्र, सफेद बुरांश के पेड़ के साथ मोनाल, भालू, कौए समेत तमाम प्रकार के पशु पक्षी पाए जाते हैं. गर्मियों में यह बुग्याल भेड़ बकरियों से गुलजार रहता है.

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देहरादून बीजापुर गेस्ट हाउस में हुई इस शिष्टाचार मुलाकात में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बीच पर्यटन एवं मोटर मार्गों को लेकर के बेहद महत्वपूर्ण चर्चाएं हुई. बैठक में कहा गया कि दोनों प्रदेशों की भौगोलिक परिस्थितियों समान हैं. पर्यटक स्थलों और उनको ऑपरेट करने की प्रक्रिया भी लगभग समान है. ऐसे में एक दूसरे की बेहतर चीजों के साथ एक दूसरे के खराब अनुभवों से भी सीखने की जरूरत है.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
चाईंशील बुग्याल का खूबसूरत नजारा (फोटो- ETV Bharat)

खासकर बैठक में पर्यटन के मद्देनजर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर में मौजूद खूबसूरत चाईंशील घाटी और बुग्याल को लेकर चर्चा हुई. क्योंकि, यह बुग्याल हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर पर मौजूद है. ऐसे में इसे सीधे हिमाचल से जोड़ने के लिए दोनों कैबिनेट मंत्रियों के बीच सकारात्मक चर्चा हुई. वहीं, इसके अलावा हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाले पांवटा नेशनल हाईवे को लेकर भी दोनों पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर के बीच चर्चा हुई.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
चाईंशील घाटी (फोटो- ETV Bharat)

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर हिमालय की गोद में बसी चाईंशील घाटी उत्तरकाशी (उत्तराखंड) और शिमला (हिमाचल प्रदेश) जिले के सीमावर्ती क्षेत्र से जुड़ी हुई है. पर्यटक चाईंशील जाने के लिए उत्तराखंड के बजाय हिमाचल के रास्ते जाते हैं. साहसिक पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण चाईंशील घाटी में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं.

बेहद खूबसूरत है चाईंशील या चांशल बुग्याल: दरअसल, इस खूबसूरत बुग्याल और घाटी को हिमाचल प्रदेश में चांशल तो उत्तराखंड में चाईंशील या चांइशील के नाम से जाना जाता है. बुग्याल का कुछ हिस्सा हिमाचल प्रदेश में आता है तो कुछ उत्तराखंड में आता है. यह बुग्याल दोनों राज्यों को बांटने का काम भी करता है. चाईंशील बुग्याल हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में रोहड़ू के चिरगांव के ऊपर है. जो डोडरा क्वार और रोहड़ू (चिरगांव) को जोड़ता है.

ChaainSheel Bugyal Uttarkashi
मन मोह लेती है चाईंशील घाटी (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, चाईंशील बुग्याल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मोरी तहसील के मौंडा और सेवा गांव के ऊपर है. चाईंशील घाटी 4,520 मीटर यानी 14,830 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यह घाटी मई से नवंबर तक खुला रहता है. जबकि, सर्दियों में बर्फ से ढका रहता है. चाईंशील का अर्थ चांद के समान शीतल माना जाता है. यहां से बर्फ से ढकी खूबसूरत पहाड़ नजर आते हैं. उत्तराखंड सरकार ने चाईंशील घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2017 में इसे ट्रेक ऑफ द ईयर भी घोषित किया था.

चाईंशील बुग्याल में मीलों लंबे मखमली घास के मैदान हैं. जहां कई प्रकार के फूल खिलते हैं. यहां दुर्लभ जड़ी-बूटियों का भरपूर खजाना मौजूद है. इसके अलावा सरू ताल (झील) भी मौजूद है. जिसे काफी पवित्र माना जाता है. इसके अलावा निचले इलाकों में भोजपत्र, सफेद बुरांश के पेड़ के साथ मोनाल, भालू, कौए समेत तमाम प्रकार के पशु पक्षी पाए जाते हैं. गर्मियों में यह बुग्याल भेड़ बकरियों से गुलजार रहता है.

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Last Updated : Aug 7, 2024, 7:48 PM IST
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