उज्जैन। एमपी के उज्जैन जिले से अनोखा मामला सामने आया है. यहां बेटे की मौत के बाद तड़प रही एक मां को पोते के रूप में बेटा मिला है. इस खबर में खास बात यह है कि जब प्रसव पीड़ा के बाद बहू को तुरंत अस्पताल लाया गया. जहां डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में बहू के साथ गार्जियन के तौर पर उसकी सास भी मौजूद थी. जहां एक डॉक्टर ऑपरेशन कर डिलीवरी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ सास ओटी में भजन गा रही थी. हालांकि बहू ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. जिसके बाद सास की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
ओटी में दादी ने सुनाया शिव भजन, हो गई डिलीवरी
दरअसल, उज्जैन के मंछामन कॉलोनी निवासी उपासना दीक्षित को गर्भावस्था में दर्द होने के कारण डॉ जया मिश्रा ने ऑपरेशन की सलाह दी थी. हालत खराब होने पर 27 मार्च को सांवेर रोड स्थित जेके अस्पताल में महिला को भर्ती कराया तो उनकी सास प्रीति दीक्षित डर गई. इस पर जया ने हिम्मत देते हुए प्रीति को डिलीवरी रूम में बुलाकर भजन सुनाने का कहा. नतीजतन प्रीति ऑपरेशन थियेटर में बहु और डॉक्टरों की टीम को शिव भजन सुनाती रही. मात्र 20 मिनट के प्रोसेस में बहू ने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. इस घटना का डॉक्टरों की टीम ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पर भी डाला है. इसके वायरल होने पर यूजर्स डॉक्टर और दादी की प्रशंसा कर रहे हैं.
शिव भजन सुनकर बच्चा हुआ पैदा
जेके हॉस्पिटल की डॉक्टर जया मिश्रा ने बताया कि 'बच्चे की दादी ने कहा था की 27 तारीख को करीब 11 बजे बच्चे की डिलीवरी करना है. उन्होंने साथ में आने कहा तो हमने स्वीकार कर लिया और उन्हें हिम्मत रखते हुए भजन गाने का कहा. उनके भजन ने माहौल में पॉजिटिव एनर्जी पैदा कर दी. जिसे सुनकर हम सब बहुत रिलेक्स फील कर रहे थे. इस दौरान डॉक्टर्स भी भजन गुनगुनाती रही. बच्चा पैदा होते ही डॉक्टर ने कहा ये पहला बच्चा है, जो अपनी दादी से शिव भजन सुनकर पैदा हुआ है.'
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7 साल पहले सास ने खोया था अपना बेटा
बहू उपासना की सास प्रीति दीक्षित ने बताया की '7 साल पहले मेरे छोटे बेटे सौरभ दीक्षित ने होली के दो दिन बाद भाई दूज के दिन पेपर बिगड़ने के कारण आत्महत्या कर ली थी. अब पोते के जन्म का समय आया, तो हमने डाक्टरों से उसी तारीख पर डिलीवरी करने की मांग की. बस चाहते ये थे की लड़का हो जाए ताकि पोते के रूप में मुझे मेरा बेटा सात साल बाद उसी दिन फिर मिल जाये. ऑपरेशन थियेटर में डर लग रहा था, लेकिन भगवान शिव के भजन गाते-गाते कब पोते ने जन्म ले लिया पता ही नहीं चला.'