उज्जैन। जिले से 50 किलोमीटर दूर महिदपुर तहसील के झारड़ शासकीय माध्यमिक मंडल विद्यालय में 22 छात्रों की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद सभी बच्चों को तुरंत महीदपुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. जहां उनका इलाज जारी है. बताया जा रहा है कि बच्चे फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं. बच्चों ने मध्याह्न भोजन में कढ़ी-चावल दिया गया था. जिसे खाने के बाद उनकी स्थिति खराब होने लगी. वहीं बच्चों के परिजनों ने माध्यमिक मंडल विद्यालय के जिम्मेदारों पर आरोप लगाए हैं.
परिजनों का प्रशासन पर गंभीर आरोप
उज्जैन के महिदपुर तहसील के झारड़ शासकीय माध्यमिक मंडल विद्यालय में गुरुवार दोपहर को छात्रों को कढ़ी-चावल भोजन में दिया गया था. जिसे खाते ही अचानक 22 छात्रों की तबीयत बिगड़नी शुरु हो गई. घबराए प्रशासन ने आनन-फानन में सभी बच्चों को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. इतना ही नहीं इन बीमार बच्चों को देखने कोई अधिकारी अस्पताल भी नहीं पहुंचा. जबकि बच्चों के परिजनों ने विद्यालय के जिम्मेदारों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का कहना है कि 'हम 2 साल से शिकायत कर रहे हैं, पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है.
बच्चे बोले-खाने से आ रही थी बदबू
एक परिजन दिनेश गार्सिया ने बताया कि 'बीमार बच्चों के देखने भी कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है. सुबह का खना दोपहर में खिलाते हैं. माता-पिता ने बताया कि स्कूल के शिक्षक जुवान सिंह गरसिया के घर खाना बना था, जो अब फरार है. शिक्षक की पत्नी मध्याह्न भोजन बनाने का काम करती है.' वहीं बच्चों का कहना है कि खाने में से बदबू आ रही थी.' परिजनों का कहना है कि 'मध्याह्न भोजन बनाने वाली कमेटी नहीं होने के चलते दूसरे लोग भोजन बना रहे हैं. जिसके चलते बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.'
कलेक्टर ने शिक्षक को किया निलंबित
महिदपुर तहसील स्वास्थ्य केंद्र के डॉ अरुण कुशवाहा ने कहा कि 'जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे. शुरुआती कराण फूड पॉइजनिंग लग रहा है. सभी बच्चे अब स्टेबल हैं, कोई चिंता वाली बात नहीं है. खाना खाने के बाद ही बच्चे अस्पताल आए. उन्हें उल्टी और जलन की शिकायत थी. फिलहाल सभी बच्चे सुरक्षित हैं.' वहीं कलेक्टर उज्जैन नीरज कुमार सिंह के निर्देश पर संबंधित शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा संबंधित बीआरसी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है.