भोपाल: उज्जैन में 2028 में होने जा रहे सिंहस्थ महाकुंभ की 24 घंटे ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी. इस बार सिंहस्थ में फेस रिकग्निशन तकनीक का भी पुलिस उपयोग करेगी. सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी सुधीर सक्सेना ने बड़ी बैठक की. बैठक में पूर्व में हुए सिंहस्थ की तैयारियां देख चुके रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा की गई. डीजीपी ने तैयारियों को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए.
सुरक्षा के लिए ड्रोन, फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग
सिंहस्थ महाकुंभ 2028 विश्व का सबसे बड़ा धार्मिंक सांस्कृतिक कार्यक्रम होने जा रहा है. इसमें करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक उज्जैन पहुंचेंगे. इसको देखते हुए डीजीपी ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की तैयारियों पर अधिकारियों से चर्चा की. इस बार सिंहस्थ में सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और फेस रिकग्निशन तकनीक का भी उपयोग किया जाएगा. मेला क्षेत्र में मोबाइल पुलिस चौकियां स्थापित की जाएंगी. 24 घंटे पुलिस मेला क्षेत्र में गश्त करेगी. यहां एंटी टेरर स्क्वॉड और बम निरोधक दस्ते भी तैनात किए जाएंगे. सिंहस्थ में विदेश से आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए अलग से विशेष दल तैनात किया जाएगा.
एडवांस वायरलेस सिस्टम का होगा उपयोग
करोड़ों की भीड़ में पुलिस और व्यवस्था में लगे तमाम कर्मचारियों के बीच संचार व्यवस्था चलती रहे, इसके लिए सिंहस्थ में एडवांस वायरलेस सिस्टम स्थापित किया जाएगा. इसके लिए मेला क्षेत्र में कमांड सेंटर का उपयोग किया जाएगा. किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए क्यूआरटी (Quick Response Team), एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रखा जाएगा. डीजीपी ने कहा कि, ''बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सुविधा की व्यवस्था की जाएगी.''
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स्पेशल ट्रैफिक प्लान के लिए बनेगा मोबाइल एप्लीकेशन
बैठक में डीजीपी सुधीर सक्सेना ने सिंहस्थ 2004 में उज्जैन आईजी और सिंहस्थ 2016 में इंटेलीजेंस एडीजी के रूप में काम कर चुके रिटायर्ड आईपीएस सरबजीत सिंह, 2004 में उज्जैन एसपी रहे उपेन्द्र जैन और सिंहस्थ 2016 में उज्जैन एसपी रहे मनोहर वर्मा से सुझाव लिए. इन अधिकारियों से ट्रैफिक प्लान को लेकर भी चर्चा की गई. बैठक में डीजीपी ने निर्देश दिए कि इस बार ट्रैफिक को नियंत्रण के लिए आसपास के जिलों को जोड़कर ट्रैफिक प्लान बनाया जाए. शहर में पार्किंग स्थलों की संख्या बढ़ाई जाए. रियल टाइम ट्रैफिक अपडेट के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी बनाया जाएगा.