सागर: एक तरफ प्रयागराज महाकुंभ में देश और दुनिया के लोग आस्था के महापर्व पर संगम पर स्नान कर पुण्य-लाभ कमा रहे हैं, तो दूसरी तरफ उज्जैन में 2028 सिंहस्थ को लेकर तैयारियां तेज हो गयी है. एक अनुमान के मुताबिक सिंहस्थ 2028 में करीब 15 करोड़ लोग पुण्य सलिला क्षिप्रा में स्नान करने पहुंच सकते हैं. ऐसे में क्षिप्रा नदी में पानी का बहाव लगातार रहे, इसके लिए 614 करोड़ की योजना बनायी गयी है. जिस पर अभी से काम शुरू हो गया है.
उज्जैन में 27 मार्च से 27 मई तक सिंहस्थ महापर्व
हर 12 साल में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ का कार्यक्रम तय हो गया है. 2028 में 27 मार्च से सिंहस्थ महापर्व शुरू होगा, जो 27 मई तक चलेगा. इस दौरान 9 अप्रैल से लेकर 8 मई के दौरान तीन शाही स्नान और 7 पर्व स्नान प्रस्तावित है. सरकार के अनुमान के मुताबिक 2028 सिंहस्थ महापर्व में 15 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. जिसके लिए राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी है.
सिंहस्थ 2028 की तैयारियां तेज
सिंहस्थ 2028 के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां तेज कर दी है. ये विशेष अवसर है, जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी उज्जैन के रहने वाले हैं, जहां सिंहस्थ का आयोजन होता है. इसलिए सिंहस्थ की तैयारियों में मुख्यमंत्री की विशेष नजर है और अभी से कार्य योजनाओं पर काम शुरू हो गया है. सिंहस्थ 2028 के मद्देनजर 18 विभागों ने 568 कार्यों का प्रस्ताव शासन के समक्ष पेश किया है.
जिन पर 15 हजार 567 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. फिलहाल 19 परियोजनाओं के लिए 5882 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है.
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क्षिप्रा का सतत प्रवाह सबसे बड़ी चिंता
उज्जैन सिंहस्थ महापर्व के दौरान सबसे बड़ी चिंता क्षिप्रा नदी के सतत जल प्रवाह की है. जिसको लेकर राज्य सरकार ने अभी से काम शुरू कर दिया है. सिंहस्थ महापर्व के शुरूआती कार्यों में क्षिप्रा सतत जल प्रवाह योजना को रखा गया है. इस योजना के तहत 614,53 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए गए हैं. इस योजना के तहत सिलारखेड़ी-सेंवरखेड़ी बांध के जरिए क्षिप्रा में सतत जल प्रवाह का कार्य किया जाएगा. अनुमान है कि शाही और पर्व स्नान मिलाकर करीब 15 करोड़ से ज्यादा लोग क्षिप्रा में स्नान करेंगे. इसलिए क्षिप्रा में किसी भी स्थिति में पानी की कमी नहीं होना चाहिए.