उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों ने वेतन काटे जाने से नाराज होकर धरना शुरू कर दिया है. वे परिसर में निजी कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. इन कर्मचारियों पर मंदिर की सुरक्षा और साफ-सफाई जैसे कामों की जिम्मेदारियां हैं. महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन ने एसएस कंपनी को सुरक्षा सहित साफ-सफाई का टेंडर दे रखा है.
वेतन कटौती से कर्मचारियों में नाराजगी
मंदिर परिसर में काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को 8,500 रुपए वेतन दिया जाता है, लेकिन कई महीनों से लगातार कंपनी द्वारा इन कर्मचारियों का पेमेंट काट कर दिया जा रहा है. जिसको लेकर कर्मचारियों में नाराजगी थी. आज यानी 9 जुलाई को कर्मचारियों को फिर वेतन काटकर दिया गया. बता दें कि कर्मचारियों को 3000 से 4000 रुपये का पेमेंट हुआ. वहीं सबसे कम 500 रुपए तक का भी पेमेंट किया गया. इससे कर्मचारियों का गुस्सा फूट गया और कंपनी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया.
पूरा और समय पर वेतन देने की उठाई मांग
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सफाई और सुरक्षा कर्मचारी 8 घंटे की सेवा देते हैं. ऐसे में उन कर्मचारियों को मेहनत का पैसा समय पर नहीं मिलता है. वहीं जिस कंपनी ने उन्हें काम पर रख रखा है. वे कई महीनों से कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर रही है. पहले से ही उनका वेतन बहुत कम है. कर्मचारियों का कहना है कि इतने कम पैसे में हम कैसे अपना घर परिवार चलाएंगे. किसी-किसी कर्मचारी को तो 500 रुपए तक वेतन मिला है. एक महीना काम करने के बाद हमे 500 रुपए दे रही है. इससे क्या होगा. धरने पर बैठे कर्मचारियों ने पूरा वेतन समय देने सहित वेतन बढ़ाने की भी मांग रखी है.
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कर्मचारियों के हक का मिलेगा पूरा पैसा
महाकालेश्वर मंदिर के सहायक प्रशासक ने कहा कि "कर्मचारियों का पेमेंट देना कंपनी का इंटरनल मामला है. इसके बावजूद हम लोग इस मामले को दिखा रहे हैं और कर्मचारियों को उनका हक का पैसा कैसे मिले कंपनी से बात कर रहे हैं."