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महाकालेश्वर मंदिर में सावन के महीने में होगा बड़ा बदलाव, प्रोटोकॉल सुविधा में नया पेंच - Mahakaleshwar Temple Big Changes - MAHAKALESHWAR TEMPLE BIG CHANGES

उज्जैन के बाबा महाकालेश्वर मंदिर में आये दिन नए-नए विवाद सामने आते रहते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति सावन के महीने में एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. इस बदला का फायदा सीधे आम श्रद्धालुओं को मिलेगा.

Ujjain Mahakaleshwar Temple Big Changes
महाकालेश्वर मंदिर में सावन के महीने में होगा बड़ा बदलाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 26, 2024, 9:39 AM IST

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन रोज नए नए विवाद सामने आने के बाद एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. श्रावण के महीने में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है, ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकाल मंदिर समिति भस्म आरती में ज्यादा से ज्यादा आम श्रद्धालुओं को दर्शन का लाभ दिलाने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है. महाकाल मंदिर में श्रावण माह के शनिवार और रविवार को अल सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए प्रोटोकॉल सुविधा बंद होने जा रही है. सावन माह के शुरू होने से पहले ये निर्णय लागू हो सकता है, जिससे आम श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन अच्छे से कर सकें.

भस्म आरती के लिए वीकेंड में बंद होगी प्रोटोकॉल सुविधा (ETV Bharat)

भस्म आरती के लिए वीकेंड में बंद होगी प्रोटोकॉल सुविधा

उज्जैन महाकाल मंदिर में देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन ऐसे कई श्रद्धालु हैं जो बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना चाहते हैं और खासकर श्रावण के महीने में अधिक भीड़ रहती है. ऐसे में शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या 3 लाख से अधिक हो जाती है. वहीं कुछ श्रद्धालु ऐसे होते हैं वह भस्म आरती करना चाहते हैं, लेकिन महाकाल मंदिर समिति के लिमिटेड कोटा होने की वजह से शामिल नहीं हो पाते हैं.

ऐसे में आए दिन मंदिर में विवाद होने की खबरों के कारण अब महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया की "जल्द ही वीकेंड पर शनिवार और रविवार को भस्म आरती में मिलने वाला प्रोटोकॉल अब खत्म करने जा रहे हैं. फिलहाल शुरूआत में इसे श्रावण के महीने से पहले शुरू करेंगे. अगर कोई दिकत नहीं आई और सब कुछ ठीक रहा तो श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे आगे के लिए भी लागू किया जायेगा."

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उज्जैन में महाकाल की भस्मारती के लिए पोटोकॉल के माध्यम से 700 से अधिक पर्मिशन मिलती थी, जिसमें अधिकारी, कोर्ट के लोग, पुलिस अधिकारी, राजनेता, मंदिर के पुजारी, मीडिया के लोग और अन्य को पर्मिशन दी थी. लेकिन अब नयी व्यवस्था लागू होने से 700 से अधिक आम श्रद्धालुओं को श्रावण के महीने में भस्म आरती में प्रवेश मिल सकेगा. वहीं, अभी केवल 1700 श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलता है. वर्तमान में प्रोटोकॉल के माध्यम से रोज करीब 400 परमिशन रोजाना बनती है, लेकिन शनिवार और रविवार को कुल 700 प्रोटोकॉल भस्म आरती की परमिशन बनायीं जाती है. अब यही पर्मिशन श्रावण के महीने में शनिवार और रविवार को आम श्रद्धालुओं को मिलने लगेगी.

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन रोज नए नए विवाद सामने आने के बाद एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. श्रावण के महीने में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ जाती है, ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकाल मंदिर समिति भस्म आरती में ज्यादा से ज्यादा आम श्रद्धालुओं को दर्शन का लाभ दिलाने के लिए बड़ा बदलाव करने जा रही है. महाकाल मंदिर में श्रावण माह के शनिवार और रविवार को अल सुबह होने वाली भस्म आरती के लिए प्रोटोकॉल सुविधा बंद होने जा रही है. सावन माह के शुरू होने से पहले ये निर्णय लागू हो सकता है, जिससे आम श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन अच्छे से कर सकें.

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उज्जैन महाकाल मंदिर में देश दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन ऐसे कई श्रद्धालु हैं जो बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होना चाहते हैं और खासकर श्रावण के महीने में अधिक भीड़ रहती है. ऐसे में शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं की संख्या 3 लाख से अधिक हो जाती है. वहीं कुछ श्रद्धालु ऐसे होते हैं वह भस्म आरती करना चाहते हैं, लेकिन महाकाल मंदिर समिति के लिमिटेड कोटा होने की वजह से शामिल नहीं हो पाते हैं.

ऐसे में आए दिन मंदिर में विवाद होने की खबरों के कारण अब महाकाल मंदिर समिति के अध्यक्ष कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया की "जल्द ही वीकेंड पर शनिवार और रविवार को भस्म आरती में मिलने वाला प्रोटोकॉल अब खत्म करने जा रहे हैं. फिलहाल शुरूआत में इसे श्रावण के महीने से पहले शुरू करेंगे. अगर कोई दिकत नहीं आई और सब कुछ ठीक रहा तो श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इसे आगे के लिए भी लागू किया जायेगा."

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उज्जैन में महाकाल की भस्मारती के लिए पोटोकॉल के माध्यम से 700 से अधिक पर्मिशन मिलती थी, जिसमें अधिकारी, कोर्ट के लोग, पुलिस अधिकारी, राजनेता, मंदिर के पुजारी, मीडिया के लोग और अन्य को पर्मिशन दी थी. लेकिन अब नयी व्यवस्था लागू होने से 700 से अधिक आम श्रद्धालुओं को श्रावण के महीने में भस्म आरती में प्रवेश मिल सकेगा. वहीं, अभी केवल 1700 श्रद्धालुओं को भस्म आरती में प्रवेश मिलता है. वर्तमान में प्रोटोकॉल के माध्यम से रोज करीब 400 परमिशन रोजाना बनती है, लेकिन शनिवार और रविवार को कुल 700 प्रोटोकॉल भस्म आरती की परमिशन बनायीं जाती है. अब यही पर्मिशन श्रावण के महीने में शनिवार और रविवार को आम श्रद्धालुओं को मिलने लगेगी.

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