उज्जैन: महाकाल मंदिर में VIP संस्कृति का विवाद गहराता जा रहा है. आम श्रद्धालुओं के लिए गर्भगृह में प्रवेश पिछले एक साल से प्रतिबंधित है, लेकिन VIP के लिए यह नियम नहीं लगता. ताजा मामला 19 अगस्त का है, जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और उज्जैन के ग्रामीण अध्यक्ष सहित चार VIP गर्भगृह में पहुंचे और पूजा-अभिषेक किया. जब इसका वीडियो वायरल हुआ, तो कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया. वहीं इस मामले में महाकाल मंदिर समिति प्रशासक गणेश धाकड़ का कहना है कि "हमने कोई परमिशन नहीं दी थी."
महाकाल के दर्शन में भेदभाव
श्रावण मास के आखिरी सोमवार को महाकाल मंदिर के गर्भगृह में वीआईपी एंट्री ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और उज्जैन के ग्रामीण अध्यक्ष सहित चार लोगों ने गर्भगृह में प्रवेश कर भगवान महाकाल का अभिषेक किया. इस दौरान उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था. यह घटना तब सामने आई जब इनकी पूजा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इस पर कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि "आम श्रद्धालुओं के साथ यह अन्याय है. यह कैसे हो सकता है कि आम श्रद्धालु घंटों लाइन में खड़े रहकर महज कुछ सेकेंड्स के लिए दर्शन करें, जबकि VIP बिना अनुमति के सीधे गर्भगृह में प्रवेश कर जाते हैं? महाकाल का मंदिर सभी के लिए समान होना चाहिए."
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं, गिरा ज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं।
— VD Sharma (@vdsharmabjp) August 19, 2024
करालं महाकाल कालं कृपालं, गुणागार संसारपारं नतोऽहं॥
आज उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद लिया तथा देश-प्रदेश वासियों की सुख, समृद्धि और प्रगति की कामना की।
जय श्री महाकाल! pic.twitter.com/kvkqB9KAUw
महाकाल के गर्भगृह में धड़ाल्ले से जा रहे VIP
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जो घंटों लाइन में लगकर भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए इंतजार करते हैं, लेकिन VIP बिना किसी रुकावट के गर्भगृह में प्रवेश कर पूजा-अभिषेक करते हैं. पिछले हफ्ते भी उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा के समर्थक को गर्भगृह में ले जाकर पूजा-अभिषेक कराने का मामला सामने आया था, जिससे विवाद बढ़ गया.
मंदिर में VIP कल्चर से श्रद्धालुओं में निराशा
महाकाल के दर्शन करने आए श्रद्धालु संदीप राव ने कहा कि "हमारे जैसे भक्तों के लिए यह बहुत ही निराशाजनक है. भगवान के मंदिर में कोई VIP कल्चर नहीं होना चाहिए. भगवान के दर्शन का अधिकार सभी को समान रूप से मिलना चाहिए." वहीं श्रद्धालु राजकुमार मित्तल का कहना है कि ' महाकाल मंदिर में VIP कल्चर के भेदभावपूर्ण रवैये ने आम श्रद्धालुओं में नाराजगी बढ़ा दी है. सवाल यह है कि क्या भगवान महाकाल के दरबार में सभी भक्तों के लिए नियम एक समान होंगे या VIP संस्कृति जारी रहेगी?"