उज्जैन। महाकाल लोक के निर्माण कार्य के दौरान महाकाल मंदिर प्रांगण के सामने मिले पुराने जीर्णशीर्ण मंदिर के निर्माण का काम जल्दी ही शुरू किया जाएगा. यहां खुदाई के दौरान कुछ अवशेष मिले थे. जब पुरातत्व विभाग ने सर्वे किया और खुदाई करवाई तो वहां पूरे मंदिर का आकार वहां से निकलने लगा. जांच के दौरान पता चला कि यह मंदिर कम से कम एक हजार साल पुराना है. अब इसी मंदिर का नए सिरे से निर्माण शुरू होगा.
महाकाल लोक के निर्माण के दौरान मिला था मंदिर
महाकाल लोक के निर्माण कार्य के दौरान 25 जून 2021 को चारों तरफ खुदाई की गई और तब महाकाल मंदिर प्रांगण के सामने कुछ पुराने अवशेष निकले. इसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम ने पहुंचकर सर्वे किया तो धीरे-धीरे पूरे मंदिर का आकार वहां निकलने लगा. जब पुरातत्व विभाग के लोगों ने इसकी जांच की तो पता चला कि यह 1000 वर्ष पुराना मंदिर है.
पुरातत्व विभाग की निगरानी में बनेगा मंदिर
खुदाई के दौरान निकले मंदिर के अवशेष का निरीक्षण करने के लिए भोपाल से पुरातत्व विभाग की टीम निरीक्षण करने आई थी और उन्होंने एक रिपोर्ट बनाकर सौंपी थी. इसके बाद अब पुरातत्व विभाग की टीम की निगरानी में यहां मंदिर का निर्माण कार्य किया जाएगा. महाकाल मंदिर परिसर में ही यह मंदिर बनकर तैयार होगा. पुरातत्व विभाग ने अनुमानित करीब 65 लाख रूपये की स्वीकृति दी है. राजस्थान व अन्य स्थानों से पुरातत्व विभाग में कार्य करने वाले विशेषज्ञ कारीगरों को बुलाया जाएगा.
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'पुराने पत्थरों का ही होगा इस्तेमाल'
पुरातत्व विभाग भोपाल के अधिकारी डॉ रमेश यादव ने बताया कि "प्रयास यह है कि जुलाई महीने तक करीब 37 फीट ऊंचाई वाले शिव मंदिर का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा. खुदाई में निकले प्राचीन मंदिर के निर्माण में करीब 95 प्रतिशत पुराने पत्थरों का उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही जिस स्थान पर पत्थर क्षतिग्रस्त हुए हैं वहां नए पत्थरों का उपयोग किया जाएगा".