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महाअष्टमी पर अनोखी परंपरा, उज्जैन के चौबीस खंभा माता मंदिर में मां को चढ़ाई मदिरा की धार - offering liquor to Goddess

मंगलवार को महाअष्टमी पर्व पर उज्जैन में चौबीस खंभा माता मंदिर में अनूठी पूजा अर्चना हुई. इस मौके पर मंदिर में माता महामाया व महालया को मदिरा की धार चढ़ाई गई. उज्जैन के अखाड़ा परिषद की ओर से ये पूजा की गई.

Ujjain Maha Ashtami Unique tradition
उज्जैन के चौबीस खंभा माता मंदिर में मां को चढ़ाई मदिरा की धार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 12:35 PM IST

Updated : Apr 16, 2024, 1:43 PM IST

महाअष्टमी पर्व पर माता महामाया व महालया को मदिरा की धार चढ़ाई

उज्जैन। चैत्र माह की नवरात्रि पर माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है. इन 9 दिन तक श्रद्धालु माता की डूबकर आराधना करते हैं. अष्टमी और नवमी के दिन श्रद्धालु अपनी अपनी कुल देवियां को पूजते हैं. मंगलवार को महाअष्टमी पर उज्जैन में नगरवासियों की सुख समृद्धि की कामना के लिए अखाड़ा परिषद की और से निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर ने चौबीस खंभा माता मंदिर में मां महामाया और महालया को मदिरा का भोग लगाया गया.

Ujjain Maha Ashtami Unique tradition
उज्जैन में चौबीस खंभा माता मंदिर अनूठी पूजा अर्चना

राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही परंपरा

मां को मदिरा का भोग लगाने की परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि मां को मदिरा का भोग लगाने से शहर में सुख समृद्धि आती है. इसी प्रथा के तहत 24 खंभा मंदिर में मां महालाया और मां महामाया को महामंडलेश्वर मंदाकिनी दीदी द्वारा मदिरा की धार चढ़ाई गई. पूजन सम्पन्न होने के बाद शासकीय दल नगर पूजा के लिए निकला. ढोल-बैंड बाजे के साथ शासकीय दल के सदस्य 12 घंटे तक 27 किलोमीटर के दायरे में आने वाले चामुंडा माता, भूखी माता, काल भैरव, चंडमुंड नाशिनी सहित 40 देवी, भैरव व हनुमान मंदिरों में पूजा करेंगे. भैरवजी को भी मदिरा का भोग लगाया जाएगा.

Ujjain Maha Ashtami Unique tradition
उज्जैन में चौबीस खंभा माता मंदिर अनूठी पूजा अर्चना

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सुख, शांति व समृद्धि के लिए मदिरा का प्रसाद

उज्जैन में नगर पूजा के चलते मदिरा की एक-एक बूंद सड़कों पर गिरती है. मान्यता है कि राजा विक्रमादित्य के समय से यह परंपरा चली आ रही है जिससे शहर में सुख, शांति, समृद्धि और महामारी जैसे बीमारियों से बचा जा सके. इसलिए आज भी इस प्रथा का निभाया जा रहा है. चौबीस खंभा माता मंदिर में इस मौके पर कई साधु-संत मौजूद रहे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बड़े भाई नारायण यादव भी पूजा में सम्मिलित हुए.

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उज्जैन। चैत्र माह की नवरात्रि पर माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा है. इन 9 दिन तक श्रद्धालु माता की डूबकर आराधना करते हैं. अष्टमी और नवमी के दिन श्रद्धालु अपनी अपनी कुल देवियां को पूजते हैं. मंगलवार को महाअष्टमी पर उज्जैन में नगरवासियों की सुख समृद्धि की कामना के लिए अखाड़ा परिषद की और से निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर ने चौबीस खंभा माता मंदिर में मां महामाया और महालया को मदिरा का भोग लगाया गया.

Ujjain Maha Ashtami Unique tradition
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राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही परंपरा

मां को मदिरा का भोग लगाने की परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि मां को मदिरा का भोग लगाने से शहर में सुख समृद्धि आती है. इसी प्रथा के तहत 24 खंभा मंदिर में मां महालाया और मां महामाया को महामंडलेश्वर मंदाकिनी दीदी द्वारा मदिरा की धार चढ़ाई गई. पूजन सम्पन्न होने के बाद शासकीय दल नगर पूजा के लिए निकला. ढोल-बैंड बाजे के साथ शासकीय दल के सदस्य 12 घंटे तक 27 किलोमीटर के दायरे में आने वाले चामुंडा माता, भूखी माता, काल भैरव, चंडमुंड नाशिनी सहित 40 देवी, भैरव व हनुमान मंदिरों में पूजा करेंगे. भैरवजी को भी मदिरा का भोग लगाया जाएगा.

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Last Updated : Apr 16, 2024, 1:43 PM IST
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