उज्जैन : हरसिद्धि मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. मनोकामना पूर्ति के लिए बेहद खास माने जाने वाले इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान विशेष उत्सव का माहौल होता है. भव्य यज्ञ और पूजा-पाठ के साथ देवी मां की आराधना होती है. इस वर्ष भी नवरात्र पर्व के पहले ही दिन से यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. माना जाता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है.
1011 दीपों की दीपमाला
हरसिद्धि मंदिर के बाहर 1011 दीपों की विशाल दीपमालाओं को देखना भी अनोखा अनुभाव होता है. 51 फीट ऊंची ये दीपमालाएं 2000 साल से ज्यादा पुरानी मानी जाती हैं. जब नवरात्र पर विशेष साज सज्जा के बीच दीपमाल प्रज्जवलित होती है, तो ये मनमोहक दृश्य देखने लायक होता है. मान्यता है कि यहां श्रद्धालु भी अपनी मन्नतें पूरी होने पर दीप प्रज्वलित करते हैं. इन दीपों को प्रज्वलित करने के लिए श्रद्धालुओं को महीनों पहले बुकिंग करानी पड़ती है और इसका खर्च लगभग 15 हजार रुपये आता है.
60 लीटर तेल होता है उपयोग
उज्जैन का जोशी परिवार पिछले 100 सालों से इन दीपमालाओं को प्रज्वलित करने का कार्य कर रहा है. जोशी परिवार को मुताबिक इन दीपों को जलाने के लिए 4 किलो रुई की बाती और 60 लीटर तेल का उपयोग होता है. 6 लोग मिलकर सिर्फ 5 मिनट में 1011 दीपों को प्रज्वलित करते हैं.
नवरात्रि पर विशेष आयोजन
मंदिर के पुजारी रामचंद्र गिरी के मुताबिक, '' नवरात्रि के दौरान हर शाम 7 बजे माता हरसिद्धि के मंदिर में विशेष आरती का आयोजन होता है, जिसमें दीपमालाओं को प्रज्जवलित करने की तैयारी आरती से एक घंटे पहले शुरू हो जाती है. इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त मंदिर में उपस्थित रहते हैं.''