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आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ उज्जैन, संपूर्ण भारत में गीता के ज्ञान का होगा प्रचार

गीता महोत्सव के समापन कार्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन किया गया. चित्र प्रदर्शनी और प्रचार रथ का भी शुभारंभ किया गया.

UJJAIN GEETA MAHOTSAV 2024
गीता महोत्सव में भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

उज्जैन: 5 दिवसीय गीता महोत्सव बुधवार को संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव और कई संत-महात्मा शामिल हुए. इस कार्यक्रम के दौरान भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन किया गया. इसके साथ ही चित्र प्रदर्शनी और प्रचार रथ का शुभारंभ भी किया गया. वहीं, गीता महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ उज्जैन

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन गीता महोत्सव के अवसर पर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गई. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित महामंडलेश्वर स्वामी श्री अनंतपूर्ण गिरी जी महाराज, पूज्य भक्तिप्रेम स्वामी महाराज, स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज और महापौर मुकेश टाटवाल ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "उज्जैन की शिक्षा परंपरा का ऐतिहासिक महत्व है. भगवान श्रीकृष्ण का जीवन प्रशासनिक दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है."

श्रीमद्भगवद्गीता प्रचार रथ को किया गया रवाना (ETV Bharat)

भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री गणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता और भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाएं पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक हैं. कार्यक्रम के दौरान मोहन यादव ने बताया कि भोपाल में गीता पाठ के माध्यम से एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. उज्जैन का गीता महोत्सव भारतीय सनातन परंपरा और गीता के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का अनुपम प्रयास है.

चित्र प्रदर्शनी और प्रचार रथ का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी परिसर में श्रीमद्भागवत पुराण की पहाड़ी शैली में निर्मित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन कर की. इसके बाद, इस्कॉन मंदिर द्वारा तैयार किए गए श्रीमद्भगवद्गीता प्रचार रथ को पूजा-अर्चना कर रवाना किया. यह रथ संपूर्ण भारत में गीता के ज्ञान का प्रचार करेगा.

प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित

गीता महोत्सव के तहत आयोजित छात्रों की प्रतियोगिता में विजेताओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. प्रथम पुरस्कार क्रिस्मार्टिन लाइजिन और प्रज्ञा साहू को मिला, जबकि द्वितीय पुरस्कार तनिश कीर और तृतीय पुरस्कार विकास अहिरवाल और समृद्धि सोनी को दिया गया. क्रिस्मार्टिन एक ईसाई परिवार से हैं, उन्होंने गीता का अध्ययन कर इसे सम्मान देने की बात कही.

गीता का महत्व और शिक्षा का संदेश

सीएम मोहन यादव ने कहा, " गीता का ज्ञान सभी धर्मों और समुदायों के लिए है. यह कर्मयोग, भक्तियोग, और ज्ञानयोग की गूढ़ता को स्पष्ट करती है. भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में 64 कलाओं की शिक्षा ली, जो शिक्षा के महत्व को दर्शाता है." उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा रहा है. हाल ही में आयोजित प्रतियोगिता में 45 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने 'गीता' को जीवन में अपनाने और उसका अध्ययन करने का आह्वान किया.

उज्जैन: 5 दिवसीय गीता महोत्सव बुधवार को संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव और कई संत-महात्मा शामिल हुए. इस कार्यक्रम के दौरान भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन किया गया. इसके साथ ही चित्र प्रदर्शनी और प्रचार रथ का शुभारंभ भी किया गया. वहीं, गीता महोत्सव के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ उज्जैन

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन गीता महोत्सव के अवसर पर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गई. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित महामंडलेश्वर स्वामी श्री अनंतपूर्ण गिरी जी महाराज, पूज्य भक्तिप्रेम स्वामी महाराज, स्वामी श्री रंगनाथाचार्य जी महाराज और महापौर मुकेश टाटवाल ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "उज्जैन की शिक्षा परंपरा का ऐतिहासिक महत्व है. भगवान श्रीकृष्ण का जीवन प्रशासनिक दक्षता का उत्कृष्ट उदाहरण है."

श्रीमद्भगवद्गीता प्रचार रथ को किया गया रवाना (ETV Bharat)

भारतीय ज्ञान परंपरा की पुस्तकों का विमोचन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने श्री गणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता और भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित पुस्तकों का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाएं पूरे विश्व के लिए प्रेरणादायक हैं. कार्यक्रम के दौरान मोहन यादव ने बताया कि भोपाल में गीता पाठ के माध्यम से एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. उज्जैन का गीता महोत्सव भारतीय सनातन परंपरा और गीता के दिव्य संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का अनुपम प्रयास है.

चित्र प्रदर्शनी और प्रचार रथ का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत अकादमी परिसर में श्रीमद्भागवत पुराण की पहाड़ी शैली में निर्मित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन कर की. इसके बाद, इस्कॉन मंदिर द्वारा तैयार किए गए श्रीमद्भगवद्गीता प्रचार रथ को पूजा-अर्चना कर रवाना किया. यह रथ संपूर्ण भारत में गीता के ज्ञान का प्रचार करेगा.

प्रतियोगिता के विजेताओं को किया सम्मानित

गीता महोत्सव के तहत आयोजित छात्रों की प्रतियोगिता में विजेताओं को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया. प्रथम पुरस्कार क्रिस्मार्टिन लाइजिन और प्रज्ञा साहू को मिला, जबकि द्वितीय पुरस्कार तनिश कीर और तृतीय पुरस्कार विकास अहिरवाल और समृद्धि सोनी को दिया गया. क्रिस्मार्टिन एक ईसाई परिवार से हैं, उन्होंने गीता का अध्ययन कर इसे सम्मान देने की बात कही.

गीता का महत्व और शिक्षा का संदेश

सीएम मोहन यादव ने कहा, " गीता का ज्ञान सभी धर्मों और समुदायों के लिए है. यह कर्मयोग, भक्तियोग, और ज्ञानयोग की गूढ़ता को स्पष्ट करती है. भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन के सांदीपनि आश्रम में 64 कलाओं की शिक्षा ली, जो शिक्षा के महत्व को दर्शाता है." उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जा रहा है. हाल ही में आयोजित प्रतियोगिता में 45 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया. मुख्यमंत्री ने 'गीता' को जीवन में अपनाने और उसका अध्ययन करने का आह्वान किया.

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