उज्जैन। पुलिस की छवि समाज मे अपने सख्त रवैया के कारण कुछ अलग ही देखने को मिलती है. लेकिन पुलिस का मानवीय चेहरा भी लगातार सामने आ रहा है. नीलगंगा थाना प्रभारी विवेक कनोडिया रात की गश्त कर सुबह अपने देवास रोड स्थित घर पार्श्वनाथ सिटी पहुंचे तो देखा कि झोपड़ी में रहने वाली महिला उनके सामने आई. उसने कहा कि उसके पति को कुछ हो गया है. टीआई ने जाकर देखा तो महिला का पति बेसुध अवस्था में झाड़ियों में पड़ा हुआ था. वहीं परिवार ने मदद मांगी तो विवेक कानोडिया बेसुध चौकीदार को अस्पताल लेकर पहुंचे. उन्होंने खुद 60 हजार रुपए महिला को इलाज के लिए दिए.
टीआई ने अपनी जेब से दिए इलाज के लिए 60 हजार
लेकिन चौकीदार के इलाज के लिए ये राशि कम थी. इसलिए टीआई ने थाने के ग्रुप में मेसेज पोस्ट कराकर मदद मांगी. इसके साथ ही कॉलोनीवासियों से भी मदद मागी. इसके बाद अभी तक 1 लाख 75 हजार जमा हो गए. ये राशि हॉस्पिटल में जमा कर मजदूर की जान पुलिस वालों ने बचा ली. थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने बताया कि बेसुध चौकीदार को निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टर ने बताया कि इनके दिमाग की नस फट गई है, आपरेशन होगा. टीआई ने परिवार को हिम्मत देते हुए तत्काल अपने घर से 60 हजार रुपये मंगवाकर जमा किए और इलाज शुरू करवाया.
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पूरा परिवार मुरीद हुआ टीआई का
इसके बाद टीआई ने अपने थाना स्टाफ के ग्रुप में मदद के लिए सहयोग करने को कहा. देखते ही देखते स्टाफ और कॉलोनी के आमजनों ने पौने दो लाख जमा किए. थाना प्रभारी के इस कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है. चौकीदार का परिवार झोपड़ी में रहता है. उसके तीन बच्चे भी हैं. अब ये परिवार टीआई की तारीफ करते नहीं थक रहा. वहीं टीआई विवेक कनोडिया का कहना है "ये मेरी ड्यूटी है. अगर किसी की जान बच सकती है जन सहयोग से तो इससे सुखद और क्या हो सकता है."