उज्जैन: महाकाल मंदिर के पुजारी-पुरोहितों और प्रतिनिधियों की नियुक्तियों को लेकर दायर की गई याचिका पर मंगलवार को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति और राज्य सूचना आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए 8 सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता ने महाकाल मंदिर समिति पर अवैध नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए दस्तावेजों की जानकारी मांगी थी.
महाकाल मंदिर समिति पर लगाए बड़े आरोप
उज्जैन की रहने वाली सारिका गुरु ने इस मामले में याचिका दायर की है. महाकाल मंदिर समिति पर उन्होंने आरोप लगाया है कि मंदिर परिसर में 22 पुरोहित और 306 कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों का पालन किए बिना की गई है. जनवरी 2022 में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत उन्होंने इन नियुक्तियों की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज मंदिर समिति से मांगे थे. लेकिन समिति ने 'गोपनीय दस्तावेज' बताकर जानकारी देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सारिका गुरू ने राज्य सूचना आयुक्त और हाईकोर्ट का रुख किया था.
याचिका दायर कर सारिका ने की थी ये मांगें
सारिका गुरु ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर करते हुए पुरोहितों और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया, योग्यता प्रमाण पत्र और विज्ञप्तियों की प्रतिलिपि मांगी थी. साथ ही उन्होंने 19 मंदिरों में एक ही पुरोहित के नियुक्ति की वैधता की जांच और मंदिर कर्मचारियों के वेतन व अन्य प्रक्रियाओं का विवरण मांगा था. मंगलवार को इस मामले में हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मंदिर समिति के प्रशासक गणेश धाकड़, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी और राज्य सूचना आयुक्त को नोटिस जारी किया है. अदालत ने सभी पक्षों को दस्तावेजों के साथ जवाब देने के लिए 8 सप्ताह का समय भी दिया है.
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पहले भी लग चुके हैं इस तरह के आरोप
इस मामले पर महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा, ''अब तक हमें कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. हमारी कानूनी टीम इस मामले की पूरी जांच करेगी.'' महाकाल मंदिर एक्ट 1982 के तहत नियुक्तियों और चढ़ावे के बंटवारे में गड़बड़ियों के आरोप पहले भी लग चुके हैं.