उज्जैन। निरंजनी अखाड़े की पूर्व महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी के काले चिट्ठे अब खुलने वाले हैं. महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर मंदाकिनी संतों से मोटी रकम वसूलती थीं. निरंजनी अखाड़े के संत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज ने 6 मई को उज्जैन के चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. जैसे ही इस घटना की जानकारी मंदाकिनी को लगी तो उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ठगी के मामले खुलने के बाद एक्शन
मामला सामने आने के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने मंदाकिनी को अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया. इसके बाद जयपुर के महामंडलेश्वर ने मंदाकिनी पर 8 लाख 90 हजार वसूलने का आरोप लगाया. उन्होंने भी महाकाल थाने में एफआईआर दर्ज कराई. मंदाकनी द्वारा अखाड़े के ही संतों को ठगा जा रहा था. निरंजनी अखाड़े के संत सुरेश्वरानंद पुरी महाराज से 7 लाख 50 हजार लिए. उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का झांसा मंदाकिनी ने दिया था. जब महामंडलेश्वर नहीं बना सकी तो संत ने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद संत ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी.
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जयपुर के महामंडलेश्वर ने भी कराई एफआईआर
एक मामला खुलने के बाद मंदाकिनी के खिलाफ शिकायत अखाड़ा परिषद को मिलने लगी. जयपुर के महामंडलेश्वर द्वारा भी 8 लाख 90 हजार की शिकायत महाकाल थाने में की गई. जयपुर की एक कंपनी द्वारा ममता जोशी पर गंभीर आरोप लगाए गए. कंपनी ने मंदाकिनी पर 2 लाख का पेमेंट बकाया बताया है. उज्जैन एडिशनल एसपी जयंत राठौर ने बताया "मंदाकिनी पर दो अलग-अलग थाने में एफआइआर दर्ज हैं. अस्पताल से डिस्चार्ज होते है चिमनगंज मंडी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है."